उत्तर प्रदेश
शपथ लेने के बाद नवनिर्वाचित विधायकों ने दोहराया ‘राष्ट्र सर्वोपरि’ का संकल्प
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व और प्रभावी रणनीति के चलते उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी दल राष्ट्रीय लोकदल ने उपचुनाव में शानदार प्रदर्शन करते हुए 9 में से 7 सीटों पर जीत हासिल की। इसके बाद शुक्रवार को विधानसभा में नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सभी विजयी उम्मीदवारों को शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विजयी प्रत्याशियों को शुभकामनाएं देते हुए इसे प्रदेश के विकास और जनता की आस्था की जीत बताया।
जिन नवनिर्वाचित विधायकों ने शपथ ली उनमें कुंदरकी से रामवीर सिंह, फूलपुर से दीपक पटेल, खैर से सुरेंद्र सिंह, गाजियाबाद से संजीव शर्मा, कटेहरी से धर्मराज निषाद, मझवां से सुचिस्मिता मौर्य और मीरापुर से रालोद की मिथलेश पाल शामिल हैं। इन सभी उम्मीदवारों ने जनता के विश्वास और समर्थन का धन्यवाद करते हुए अपने क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता देने की बात कही। सभी ने एक स्वर में ‘राष्ट्र प्रथम’ के संकल्प को दोहराया, साथ ही मोदी-योगी के नेतृत्व के प्रति अपनी निष्ठा जताई।
शपथ ग्रहण समारोह के बाद विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने नवनिर्वाचित सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा का सदस्य होना गौरव की बात है। जनता की सेवा का अवसर आपको मिला है। मुख्यमंत्री जी के कार्यों को लेकर अगर जनता के बीच में जाएं तो हर बार जीत आपको मिलेगी। आपके पास ढाई साल का समय है, उसे जनता के बीच ज्यादा से ज्यादा व्यतीत करें। इसके साथ ही आपकी उपस्थिति विधानसभा में भी दिखनी चाहिए। यहां आपकी परफॉर्मेस ही जनता के बीच आपकी सक्रियता के संदेश के रूप में जाएगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री द्वय केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी, कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना सहित मंत्रीगण और विधायकगण मौजूद रहे। बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में कानून-व्यवस्था, बुनियादी ढांचे के विकास और पारदर्शी प्रशासन पर जोर दिया गया है। उनकी सरकार की जनहितकारी योजनाओं जैसे उज्ज्वला योजना, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना, और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली व सड़क परियोजनाओं ने लोगों का विश्वास मजबूत किया है।
इसके अलावा, प्रदेश में अपराध नियंत्रण और धार्मिक स्थलों के पुनरोद्धार जैसे कदमों ने योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता को और बढ़ावा दिया है। परिणामस्वरूप यूपी विधानसभा उप चुनाव में भाजपा और सहयोगी दल रालोद के शानदार प्रदर्शन ने पार्टी के उत्साह में गजब का इजाफा किया है। वहीं, उपचुनाव में समाजवादी पार्टी और इंडी गठबंधन के तमाम दावे ध्वस्त हो गए। गठबंधन की तमाम कोशिशों और बड़े बड़े वादों के बावजूद, विपक्षी दल अपनी साख बचाने में नाकाम रहे। बीजेपी और सहयोगी दलों की इस जीत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जनता का भरोसा योगी सरकार पर कायम है। इस ऐतिहासिक जीत के साथ बीजेपी ने प्रदेश में अपनी मजबूत स्थिति का प्रमाण दिया है।
उत्तर प्रदेश
अतुल सुभाष सुसाइड केस: गिरफ्तार हो सकती हैं पत्नी और सास, पुलिस ने घर पर नोटिस चस्पा किया
बेंगलुरु। अतुल सुभाष सुसाइड केस में उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया गिरफ्तार हो सकती हैं। छानबीन के लिए जौनपुर में निकिता के घर पहुंची जहां पुलिस को ताला लटका मिला। बता दें कि निशा और उनका बेटा अनुराग एक दिन पहले ही घर बंद कर अंधेरे में निकल गए थे. फिलहाल पुलिस ने घर पर नोटिस चस्पा कर दिया है। नोटिस जारी करने के तीन दिन के भीतर दोनों को पूछताछ के लिए पेश होने को कहा गया है। इससे पहले अतुल के भाई की शिकायत के आधार पर कर्नाटक पुलिस निकिता की मां, भाई और अंकल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर चुकी है। हालांकि, परिवार बीती रात से फरार है।
इससे पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया था, जिसमें निकिता के परिवारवाले मीडिया को धमकाते हुए नजर आए थे। परिवारवाले मीडियाकर्मियों से कह रहे थे कि वो बिना अपने वकील के परामर्श इस विषय पर किसी भी प्रकार की टिप्पण नहीं करेंगे। अतुल सुभाष ने अपने सुसाइड नोट में इन चारों के खिलाफ मानसिक रूप से प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगाया था।
बता दें कि आत्महत्या से पहले अतुल सुभाष ने 24 पन्नों का सुसाइड नोट और 81 मिनट का वीडियो जारी किया था। इसमें उन्होंने ससुराल वालों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था। वहीं, निकिता की मां ने अतुल के सभी आरोपों को खारिज कर कहा कि उन्होंने सिर्फ अपनी कुंठा जाहिर करने के लिए उनके परिवार पर इस तरह के गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है।
फिलहाल, पुलिस इस मामले में संलिप्त सभी आरोपियों की तलाश कर रही है। अतुल सुभाष के भाई विकास ने बुधवार को कहा था, “मैं चाहता हूं कि मेरे भाई को इंसाफ मिले। मैं चाहता हूं कि इस देश में एक ऐसी न्यायिक व्यवस्था स्थापित की जाए, जिससे पुरुषों को इंसाफ मिल सके। मैं उन लोगों के खिलाफ विधिक कार्रवाई करना चाहता हूं, जो इस देश में विधिक पद पर बैठे हुए हैं और भ्रष्टाचार कर रहे हैं। अगर यह लोग इसी तरह से भ्रष्टाचार करते रहे, तो कभी-भी किसी को इंसाफ नहीं मिलेगा।”
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