अन्तर्राष्ट्रीय
अजीत डोभाल की चीन के विदेश मंत्री को चेतावनी-सीमा से हटाओ सेना, तभी बढ़ेगी बात
चीनी विदेश मंत्री वांग यी भारत दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से करीब एक घंटे बातचीत की है। इस बातचीत के दौरान भारत ने कहा है बॉर्डर क्षेत्र के बचे हुए इलाके में जल्द और पूरी तरह से सेना को हटाए जाने की जरूरत है ताकि द्विपक्षीय संबंध स्वाभाविक रास्ते पर आ सकें। उन्होंने कहा कि शांति की बहाली से आपसी विश्वास बनाने में मदद मिलेगी।
सकारात्मक बातचीत जारी रखने की आवश्यकता
न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि भारत ने शांति की बहाली के लिए राजनयिक, सैन्य स्तर पर सकारात्मक बातचीत जारी रखने की आवश्यकता जताई है। अजित डोभाल ने वांग यी से कहा है कि सुनिश्चित किया जाए कि कार्रवाई समान और परस्पर सुरक्षा की भावना का उल्लंघन नहीं करती है। एक ही दिशा में काम करें और बकाया मुद्दों को जल्द से जल्द सुलझाएं।
2020 की गर्मियों में गलवान घाटी में दोनों पक्षों के बीच संघर्ष के बाद से यह सर्वोच्च स्तर पर पहली बातचीत है। दोनों देशों ने गतिरोध को हल करने के लिए कई दौर की सीमा वार्ता की है। भारत ने पूर्वी लद्दाख में पूरी तरह से डिसइंगेजमेंट की अपील की है। सूत्रों ने बताया कि डोभाल और वांग के बीच आज की बातचीत सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई है।
वांग यी ने अजित डोभाल को चीन आने का निमंत्रण दिया
चीनी पक्ष ने अजित डोभाल से बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए चीन का दौरा करने के लिए आमंत्रित किया है। न्योते पर डोभाल ने सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह तत्काल मुद्दों को सफलतापूर्वक हल करने के बाद चीन की यात्रा कर सकते हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय
इच्छामृत्यु को कानूनी दर्जा देने के लिए ब्रिटिश संसद में बिल पास, पूरी तरह समझे कानून
ब्रिटेन। इच्छामृत्यु को लेकर कई देशों में वाद-विवाद है, भारत में इच्छामृत्यु संबंधी कानून सक्रिय और निष्क्रिय इच्छामृत्यु के बीच अंतर करता है। देश में (India) घातक यौगिकों के प्रशासन सहित सक्रिय इच्छामृत्यु के रूप अभी भी अवैध हैं। लेकिन एक वक्त पर भारत पर राज करने वाले ब्रिटेन (Britain) ने इच्छामृत्यु को कानूनी दर्जा देने के लिए ब्रिटिश संसद में बिल पास कर दिया है। ब्रिटेन का ये विधेयक गंभीर रूप से बीमार लोगों, जिनकी जीवन प्रत्याशा 6 महीने से कम है, वे अपनी इच्छा से खुद का जीवन खत्म कर सकते हैं। ये पूरी तरह से कानूनी होगा।
क्या होगा कानून
इस विधेयक के मुताबिक इसे लागू करने के लिए दो स्वतंत्र डॉक्टर्स और एक हाईकोर्ट के जज की सहमति भी जरूरी होगी। हालांकि मरीज को इच्छामृत्यु के इस फैसले के लिए मानसिक रूप से पहले सक्षम माना जाना चाहिए और ये सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वो किसी दबाव में तो नहीं। इसके अलावा मरीज को 2 बार अपनी मरने की इच्छा भी जतानी होगी। जिसके बीच कम से कम 7 दिनों का अंतर होना चाहिए।
विधेयक पर तीखी बहस
ब्रिटेन की संसद में इस बिधेयक को लेकर तो बहस हुई ही साथ ही अब जनता भी दो धड़ों में बंटी हुई दिखाई दे रही है। संसद में इस बिल के समर्थकों ने इसे मरीज का दर्द खत्म करने और गरिमा के साथ मौते देने का विकल्प बताया तो विरोधी पक्ष ने इसे कमजोर और बीमार लोगों के लिए जोखिम भरा बताया और इसके दुरुपयोग की संभावना जताई। बता दें कि ये विधेयक भले ही संसद से पास हो गया हो लेकिन इसे कानून बनने के लिए और भी समीक्षा प्रक्रियाओं से गुजरना होगा। इसके बाद ही कानून का रूप ले पाएगा। अब विपक्ष समेत आधी जनता के विरोध को देखते हुए जानकारों का मानना है कि शायद ही ये विधेयक इतनी आसानी से कानून का रूप ले पाएगा।
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