अन्तर्राष्ट्रीय
भारत को मिला अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस का साथ, तीनों देशों ने UN में दिया मसूद अजहर को ब्लैकलिस्ट करने का प्रस्ताव
पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत बदला लेने की कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। ऐसे में अब भारत के साथ अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस भी आ गए हैं। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबित इन तीनों देशों ने संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव देकर आतंकी मसूद अजहर को ब्लैक लिस्ट करने की मांग की है।
Reuters: The United States, Britain and France proposed on Wednesday that the United Nations Security Council blacklist the head of Pakistan-based militant group Jaish-e-Mohammad, which said it attacked an Indian paramilitary convoy in Kashmir.
— ANI (@ANI) February 28, 2019
बता दें कि इसमें अभी भी चीन द्वारा विरोध किए जाने की संभावना है। चीन ने पहले भी इस्लामिट स्टेट और अलकायदा को 2016 और 2017 में जैश-ए-मोहम्माद नेता मसूद अजहर पर रोक लगाने से मना कर दिया था।
Reuters: US, UK & France have asked the 15-member United Nations Security Council sanctions committee to subject Maulana Masood Azhar, the head of Pakistan-based militant group Jaish-e-Mohammad, to an arms embargo, global travel ban and asset freeze. https://t.co/lvQYJMI1BW
— ANI (@ANI) February 28, 2019
फिलहाल चीन की तरफ से अभी कोई बयान नहीं आया है। संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटन, फ्रांस ने 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद प्रतिबंद समिति से अजहर पर वैश्विक यात्रा पर रोक लगाने का कहा है। साथ ही उसकी सारी संपत्ति जब्त करने को भी कहा है।
अन्तर्राष्ट्रीय
ईरान का फाइटर प्लेन दुर्घटना का शिकार, दो पायलटों की मौत
तेहरान। ईरान का एक लड़ाकू विमान बुधवार को देश के दक्षिणी हिस्से में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में दो पायलटों की मौत हो गई। हालांकि यह विमान वाकई किसी दुर्घटना का शिकार हुआ या फिर इसे किसी देश ने मार गिराया। इसके बारे में अभी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल सकी है। पायलटों की पहचान कर्नल हामिद रजा रंजबार और कर्नल मनौचेहर पीरजादे के रूप में की गई है।
ईरान की मीडिया में सामने आई खबरों के अनुसार विमान की मरम्मत के बाद पायलट परीक्षण उड़ान पर थे। यह दुर्घटना राजधानी तेहरान से लगभग 770 किलोमीटर दक्षिण में फिरोजाबाद शहर के पास हुई। रिपोर्ट में विमान के प्रकार या दुर्घटना के कारण के बारे में विस्तार से नहीं बताया गया।
ईरान की वायु सेना के पास 1979 की इस्लामी क्रांति से पहले खरीदे गए अमेरिका निर्मित कई सैन्य विमान हैं। टॉमकैट एफ-14 अमेरिका निर्मित विमान है, ईरान के पास रूस निर्मित मिग और सुखोई विमान भी हैं। दशकों से पश्चिमी प्रतिबंधों के कारण देश को विमान के ‘स्पेयर पार्ट्स’ (खराब हुए पुर्जों की जगह नए पुर्जे) प्राप्त करना और पुराने विमानों का रखरखाव करना मुश्किल हो रहा है।
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