अन्तर्राष्ट्रीय
रॉन क्लैन बनाए गए व्हाइट हाउस के नए चीफ ऑफ स्टाफ
अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति डेमोक्रेट जो बाइडेन अब अपनी ट्रांजिशन प्रक्रिया को आगे बढ़ाने लगे हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की इंटेलीजेंस टीम की मदद के बिना बाइडेन ने अब देश की सुरक्षा से जुड़ी नीतियों के बारे में प्लान बनाना शुरू कर दिया है।
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बाइडेन ने बुधवार को व्हाइट हाउस के लिए चीफ ऑफ स्टाफ की नियुक्ति कर दी है। रॉन क्लैन को व्हाइट हाउस का चीफ ऑफ स्टाफ नियुक्त किया है। चीफ ऑफ स्टाफ नियुक्त होने के बाद क्लैन राष्ट्रपति के ऑफिस का जिम्मा संभालेंगे और सीनियर एडवाइजर के तौर पर काम करेंगे।
फिलहाल ट्रंप हार मानने को तैयार नहीं हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा और इंटेलीजेंस एक्सपर्ट्स को उम्मीद है कि ट्रंप अपना विचार जल्द बदल देंगे।
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अन्तर्राष्ट्रीय
ईस्ट -एशिया समिट में पीएम मोदी ने मजबूती से रखी अपनी बात, दुनिया को पढ़ाया शांति का पाठ
लाओ पीडीआर। विश्व पटल पर पीएम मोदी आज सबसे लोकप्रिय नेता हैं. यही वजह है कि वह जब किसी शिखर सम्मेलन में अपना संबोधन देते हैं तो पूरा विश्व उन्हें गंभीरता के साथ ना सिर्फ सुनता है बल्कि उनके सुझावों को अमल में लाने की कोशिश भी करता है. हर मंच पर अब पीएम मोदी अपने संबोधन से सभी को प्रभावित कर रहे हैं.
उनकी वजह से ही अब भारत को लेकर विश्व के दूसरे देशों के नजरिया भी औ बदला है. इसकी एक बानगी पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भी दिखी. सूत्रों के अनुसार इस सम्मेलन में मौजूदा मेजबान और अगले सम्मेलन के मेजबान के तुरंत बात सम्मेलन को संबोधित करने के लिए पीएम मोदी को पहले नेता के तौर पर आमंत्रित किया गया. इसे भारत के बढ़ते रुतबे के तौर पर भी देखा जा रहा है.
पीएम मोदी ने संबोधन से पहले अपने एक्स पर किया धन्यवाद
धन्यवाद लाओ पीडीआर! आसियान के साथ संबंधों को मजबूत बनाए रखने की भारत की प्रतिबद्धता के अनुरूप, यह एक उपयोगी यात्रा रही। हम साथ मिलकर क्षेत्र में शांति, समृद्धि और सतत विकास की दिशा में काम करना जारी रखेंगे। यहां आज के मुख्य अंश हैं
क्या बोले पीएम मोदी
पूर्वी एशिया सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह युद्ध का समय नहीं है. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि म्यांमार की स्थिति पर हम आसियान दृष्टिकोण का समर्थन करते हैं. हम फाइव प्वाइंट कन्सेन्सस का भी समर्थन करते हैं. एक पड़ोसी देश होने के नाते, भारत अपना दायित्व निभाता रहेगा.
पीएम मोदी ने इस मौके पर दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में चल रहे संघर्षों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि विश्व के अलग-अलग क्षेत्रों में चल रहे संघर्षों का सबसे नकारात्मक प्रभाव ग्लोबल साउथ के देशों पर हो रहा है. सभी चाहते हैं कि चाहे यूरेशिया हो या फिर पश्चिम एशिया, जल्द से जल्द इन इलाकों में शांति बहाल होनी चाहिए. ये कहीं से भी मानवता के लिए सही नहीं है.
पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान तूफान यागी से प्रभावित लोगों के प्रति भी गहरी संवेदना व्यक्त की है. पीएम मोदी ने कहा कि हमारा मानना है कि समुद्री गतिविधियों को यूएनसीएलओएस के तहत ही संचालित की जानी चाहिए
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