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अमित शाह का अलर्ट- बॉर्डर इलाकों में जनसंख्या परिवर्तन पर नजर रखने की जरूरत
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सीमावर्ती राज्यों के बॉर्डर इलाकों में हो रहे जनसंख्या परिवर्तन पर नजर रखने की जरूरत है। शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति (एनएसएस) सम्मेलन, 2022 को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि यह पुलिस महानिदेशकों (डीजीपी) की जिम्मेदारी है कि वे अपने राज्य में, खासकर सीमावर्ती जिलों में सभी तरह की तकनीकी और रणनीतिक जानकारी हासिल करें। देश के पुलिस बलों के शीर्ष अधिकारी सम्मेलन में भाग ले रहे हैं।
शाह ने कहा कि सीमावर्ती राज्यों के डीजीपी को सीमावर्ती क्षेत्रों में हो रहे जनसांख्यिकीय बदलावों पर नजर रखनी चाहिए। गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 के बाद से न केवल देश की आंतरिक सुरक्षा पर जोर दिया है, बल्कि चुनौतियों का सामना करने के लिए तंत्र को भी मजबूत किया है।
अमित शाह ने कहा कि राज्यों को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए। शाह ने कहा कि आंतरिक सुरक्षा के मामले में सरकार को बड़ी सफलताएं हासिल हुई हैं, जिसमें जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और नॉर्थ-ईस्ट में उग्रवादी गुटों से डील करना शामिल है।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने ऐसी कई योजनाएं लागू की हैं जिनसे राज्यों के साथ संवाद बढ़ा है। साथ ही बजटीय आवंटन बढ़ाया गया है और तकनीक के अधिकतम इस्तेमाल पर जोर दिया गया है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘पीएम मोदी 2014 से डीजीपी कॉन्फ्रेंस के नेचर में बदलाव लेकर आए हैं। हम यह देखते हैं कि इन बैठकों में कई समस्याओं का समाधान हासिल होता है। देश में पहली बार राष्ट्रीय स्वचालित फिंगरप्रिंट पहचान प्रणाली (NAFIS) के रूप में एक प्रणाली विकसित की गई है और इसे जमीनी स्तर तक पहुंचाने की जरूरत है।’
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कौन है नारायण सिंह चौरा ? जिसने पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की हत्या करने का प्रयास किया
अमृतसर। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को बुधवार को पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के बाहर ‘सेवादार’ की ड्यूटी करते समय एक शख्स ने गोली मार दी। गोली दीवार पर लगने से व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल बाल बाल बच गये। आखिर किस शख्स ने सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलाई और उसका मकसद क्या था। तो बता दें कि फायरिंग करने वाले शख्स का नाम नारायण सिंह चौरा है जिसने गोली चलाई जिससे हड़कंप मच गया और तुरंत ही स्वर्ण मंदिर के बाहर खड़े कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया।
कौन हैं नारायण सिंह चौरा?
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नारायण सिंह चौरा एक खालिस्तानी पूर्व आतंकवादी है, जिस पर पहले भी कई मामले दर्ज हुए हैं और वह भूमिगत रहा है। चौरा, कुछ वर्षों तक पंथिक नेता के रूप में सक्रिय था, वह डेरा बाबा नानक क्षेत्र से हैं। मंगलवार को वह सफेद कुर्ता-पायजामा पहनकर सुखबीर बादल के पास घूमता भी दिखाई दिया था। वह बुड़ैल जेलब्रेक का मास्टरमाइंड था। चौरा ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकवादियों जगतार सिंह हवारा और परमजीत सिंह भियोरा को उनके दो साथियों जगतार सिंह तारा और देवी सिंह के साथ बुड़ैल जेल से भागने में मदद की थी। उसने जेल की बिजली सप्लाई काफी देर के लिए बंद कर दी थी।
जानिए पाकिस्तान से चौरा का कनेक्शन
कथित तौर पर नारायण सिंह चौरा 1984 में पंजाब में आतंकवाद के शुरुआती चरण के दौरान पाकिस्तान भाग गया था। वहां उसने भारत में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी खेप की तस्करी में अहम भूमिका निभाई। पाकिस्तान में, उन्होंने कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध और देशद्रोही साहित्य पर एक किताब भी लिखी थी। चौरा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड में संदिग्ध था।
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