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उत्तर प्रदेश

अपराध मुक्त उत्तर प्रदेश के लिए अभियोजन निदेशालय की स्थापना को मंजूरी

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महाकुम्भ नगर। अपराध मुक्त प्रदेश की संकल्पना को साकार करने के लिए योगी सरकार ने अभियोजन निदेशालय की स्थापना का निर्णय लिया है। महाकुम्भ नगर के अरैल स्थित त्रिवेणी संकुल में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के लागू होने के दृष्टिगत प्रभावी एवं निष्पक्ष अभियोजन के लिए प्रदेश में एक स्वतंत्र अभियोजन निदेशालय स्थापित किया जाएगा, जिसमें एक अभियोजन निदेशक और राज्य सरकार द्वारा निर्धारित अभियोजन उपनिदेशक हो सकेंगे। मौजूदा अभियोजन निदेशालय का पूरा स्टाफ भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 20 के अंतर्गत स्थापित अभियोजन निदेशालय के रूप में समामेलित हो जाएगा तथा भविष्य में नवस्थापित अभियोजन निदेशालय के लिए अलग से धनराशि आवंटित की जाएगी।

प्रत्येक जिले में जिला अभियोजन निदेशालय होगा स्थापित

प्रस्ताव के तहत प्रत्येक जिले में भी जिला अभियोजन निदेशालय स्थापित किया जाएगा। अभियोजन निदेशालय का प्रमुख अभियोजन निदेशक होगा, जो राज्य में गृह विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण के लिए कार्य करेगा। कोई व्यक्ति अभियोजन निदेशक के रूप में नियुक्ति के लिए तभी पात्र होगा, यदि वह अधिवक्ता या अभियोजन के रूप में कम से कम 15 वर्ष तक व्यवसाय में रहा हो, या सेशन न्यायधीश रहा हो। यह भी प्राविधान किया गया है कि किसी आपराधिक मामले में या भ्रष्टाचार के मामले में या फिर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में अक्षम पाया जाता है तो उसे राज्य सरकार उनके पद से तीन वर्ष की अवधि पूर्ण होने से पूर्व ही उसकी जिम्मेदारियों से मुक्त कर सकती है।

सर्च कमेटी करेगी निदेशक का चयन

निदेशक अभियोजन उत्तर प्रदेश का चयन और नियुक्ति अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, गृह विभाग की अध्यक्षता तथा प्रमुख सचिव, न्याय एवं विधि परामर्शी, पुलिस महानिदेशक तथा उत्तर प्रदेश सचिव, गृह विभाग की सदस्यता वाली एक सर्च कमेटी द्वारा किया जाना प्रस्तावित है। निदेशक अभियोजन के चयन की प्रक्रिया सर्च कमेटी द्वारा स्वयं निर्धारित की जाएगी। निदेशक अभियोजन उत्तर प्रदेश का न्यूनतम कार्यकाल तीन वर्ष का होगा। निदेशालय के मुख्यालय के लिए तथा उसके क्षेत्रीय कार्यालयों में तथा जिला कार्यालयों के लिए स्थाई एवं अस्थाई पदों को ज्य सरकार द्वारा सृजित किया जा सकेगा। नई व्यवस्था को सफल एवं प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए जिला स्तर पर जिला मजिस्ट्रेट की प्रभावशाली भूमिका रहेगी और वह अभियोजन कार्यों तथा अभियोजन कार्यालय के अधिकारियों के कार्यों का पर्यवेक्षण एवं उसकी समीक्षा में पूर्ण रुचि लेंगे।

62 आईटीआई होंगे अपग्रेड, 5 सीआईआईआईटी की स्थापना

टाटा टेक्नोलॉजी लि. (टीटीएल) के सहयोग से प्रदेश के 62 आईटीआई को अपग्रेड करने और 5 सीआईआईआईटी (सेंटर फॉर इनोवेशन, इन्वेंशन, इंक्यूबेशन एंड ट्रेनिंग) की स्थापना किए जाने के लिए सरकार एवं टीटीएल के मध्य एमओयू की भी मंजूरी दी गई। एमओए के तहत परियोजना की कुल लागत 3634 करोड़ रुपए से ज्यादा है, जिसमें टीटीएल का योगदान 2851 करोड़, जबकि सरकार का योगदान 783 करोड़ से ज्यादा का रहेगा। एमओए की अवधि 11 वर्ष होगी, जिसमें एक वर्ष परियोजना क्रियान्वयन की तैयारी के लिए निर्धारित है। 10 वर्ष की अवधि पूरी होने के बाद दोनों पक्षों की आपसी सहमति से परियोजना को रिन्यू करने पर विचार किया जाएगा। एमओए के तहत इंडस्ट्री 4.0 की मांग के अनुसार टीटीएल द्वारा 62 आईटीआई में 11 लांग टर्म एवं 23 शॉर्ट टर्म कोर्सेज चलाए जाएंगे। टीटीएल के प्रशिक्षकों द्वारा आईटीआई के प्रशिक्षकों और प्रशिक्षणरत प्रशिक्षणार्थियों को भी दक्ष किया जाएगा। सफल प्रशिक्षणार्थियों को टीटीएल की सहयोगी कंपनियों में अप्रेंटिसशिप व रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से लांग टर्म कोर्सेज में प्रति वर्ष लगभग 6000 तथा शॉर्ट टर्म कोर्सेज से प्रति वर्ष लगभग 6500 समेत कुल 12500 अभ्यर्थी प्रशिक्षित होंगे।

आगरा में नवीन आवासीय परियोजना को मंजूरी

योगी सरकार ने आगरा में नवीन आवासीय परियोजना के लिए भी मंजूरी दी है। वहीं, आगरा विकास प्राधिकरण की 100 मी. चौड़ी इनर रिंग रोड एवं लैण्ड पार्सल योजना को भी मंजूर किया है। इसके अलावा आगरा की 442.4412 हेक्टेयर भूमि के वर्ष 2010 के सर्किल रेट और वर्तमान सर्किल रेट के अंतर की धनराशि 204.34 करोड़ की अनुग्रह धनराशि के प्रस्ताव को मंत्रिमंडल ने अनुमोदित कर दिया है। दूसरी ओर उ०प्र० राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण के औद्योगिक विकास क्षेत्र से ग्राम रहनकलां एवं रायपुर की भूमि को अलग करने के लिए औद्योगिक विकास विभाग की अधिसूचना को तत्सीमा तक संशोधित करने के प्रस्ताव पर भी सहमति प्रदान की गई है। इससे आगरा विकास प्राधिकरण को आवासीय योजना हेतु लैण्ड बैंक उपलब्ध होगा तथा उक्त क्षेत्र का सुनियोजित विकास सुनिश्चित हो सकेगा।

प्रयागराज, वाराणसी एवं आगरा नगर निगम के लिए जारी होंगे म्युनिसिपल बॉण्ड

नगर निगम प्रयागराज, वाराणसी एवं आगरा के लिए म्युनिसिपल बॉण्ड निर्गत करने तथा अवस्थापना विकास निधि के लिए धनराशि उपलब्ध कराए जाने पर अनुमोदन प्रदान किया गया। वहीं, म्युनिसिपल बॉण्ड के जरिए धनराशि मार्केट से जुटाने पर प्रत्येक 100 करोड़ रुपए के सापेक्ष 13 करोड़ रुपए का अनुदान दिया जाएगा। भारत सरकार द्वारा प्रोत्साहन की धनराशि एस्क्रो अकाउंट में डालने का प्रावधान किया गया है। दूसरी ओर, नगर निगम आगरा में 50 करोड़, प्रयागराज में 50 करोड़ तथा वाराणसी में 50 करोड़ तक के म्युनिसिपल बॉण्ड निर्गत किया जाना प्रस्तावित है।

उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ से जुड़ी भ्रामक पोस्ट करने वालों पर कार्रवाई, 07 सोशल मीडिया अकाउंट के खिलाफ मुकदमा दर्ज

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महाकुम्भ नगर। उत्तर प्रदेश पुलिस सोशल मीडिया पर महाकुम्भ से जुड़ी अफवाहें फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है। सीएम योगी के निर्देश पर पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने सोशल मीडिया पर ऐसे अकाउंट को चिन्हित कर कार्रवाई प्रारंभ की है। इसी क्रम में सोशल मीडिया मॉनिटरिंग के दौरान सात ऐसे अकाउंट चिन्हित किए गए, जो गाजीपुर में नदी किनारे मिले शवों के पुराने वीडियो को महाकुम्भ में भगदड़ से जोड़कर भ्रामक प्रचार कर रहे थे। इन अकाउंट्स पर प्रदेश सरकार और पुलिस की छवि धूमिल करने तथा समाज में विद्वेष फैलाने का आरोप है। प्रयागराज के कोतवाली कुम्भ मेला थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और विधिक कार्रवाई की जा रही है।

भ्रामक वीडियो के जरिए अफवाह फैलाने की साजिश

सोशल मीडिया पर एक पुराना वीडियो, जिसमें गाजीपुर में वर्ष 2021 में नदी किनारे मिले शव दिखाए गए थे, उसे महाकुम्भ प्रयागराज से जोड़कर फैलाया गया। उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस फर्जी वीडियो का पर्दाफाश करते हुए स्पष्ट किया कि यह महाकुम्भ प्रयागराज से संबंधित नहीं है, बल्कि गाजीपुर की पुरानी घटना का वीडियो है। कुम्भ मेला पुलिस के आधिकारिक अकाउंट से इसका खंडन भी जारी किया गया है।

सात सोशल मीडिया अकाउंट के खिलाफ मामला दर्ज

अफवाह फैलाने और कानून-व्यवस्था को प्रभावित करने की कोशिश करने के आरोप में इन सात सोशल मीडिया अकाउंट्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। ये अकाउंट्स अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मौजूद हैं:

1. Yadavking000011 (@Yadavking000011) – इंस्टाग्राम

2. Komal Yadav (@komalyadav_lalubadi94) – इंस्टाग्राम

3. Amar Nath Yadav (amar_ydvkvp_5354_) – मेटा थ्रेड

4. Banwari Lal – Bairwa (@B_L__VERMA) – एक्स (ट्विटर)

5. Kavita Kumari (@KavitaK22628) – एक्स (ट्विटर)

6. Sonu Chaudhary (SonyChaudhary70) – एक्स (ट्विटर)

7. Putul Kumar Kumar (@Puatulkumar9795) – यूट्यूब

अफवाह फैलाने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई

प्रशासन ने साफ कर दिया है कि महाकुम्भ से जुड़ी किसी भी भ्रामक सूचना को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने जनता से अफवाहों पर ध्यान न देने और किसी भी संदिग्ध पोस्ट की सूचना देने की अपील की है।

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