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साइंस

चुटकियों में शुगर कंट्रोल करेगी यह ऑटोमैटिक डिवाइस

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कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक, सुगर लेवल खुद-ब-खुद कंट्रोल, ऑटोमैटिक डिवाइस 'आर्टिफिशियल पैंक्रियाज'

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कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक, सुगर लेवल खुद-ब-खुद कंट्रोल, ऑटोमैटिक डिवाइस 'आर्टिफिशियल पैंक्रियाज'

artificial pancreas cambridge university

इंजेक्शन से मिलेगी राहत

लंदन। डायबिटीज के मरीजों के लिए खुशखबरी है कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक ने सुगर लेवल को खुद-ब-खुद कंट्रोल करने वाली एक ऐसी ऑटोमैटिक डिवाइस की खोज की है जो उनके लिए वरदान साबित हो सकती है। चूंकि यह डिवाइस स्वतः सुगर लेवल को कंट्रोल में रखती है इसलिए इस डिवाइस का नाम ‘आर्टिफिशियल पैंक्रियाज’ रखा गया है।

बता दें कि यह ऑटोमैटिक डिवाइस टाइप-2 के मरीजों के लिए खासी राहत लेकर आई है क्योंकि अब उन्हें बार-बार इन्सुलिन का इंजेक्शन नहीं लेना होगा। ख़बरों के मुताबिक ये अगले साल तक बाज़ार में आम लोगों के लिए उपलब्ध हो जाएगी।

कैसे काम करती है ये डिवाइस

वैज्ञानिकों के मुताबिक इस ऑटोमैटिक डिवाइस को ऑन करते ही ये शरीर में ग्लूकोज लेवल को मॉनिटर करना शुरू कर देती है। डिवाइस जरूरत पड़ने पर रेग्युलर इंटरवल पर डायबिटीज मरीज की स्किन में इंसुलिन को पैचेज के जरिए भेजती रहती है। इसका साइज़ सिर्फ आईफोन जितना है और इसे कपड़ों के नीचे आसानी से पहना जा सकता है। फिलहाल डिवाइस की अनुमानित कीमत नहीं बताई गई है लेकिन इतना तो तय है कि भारत में मौजूद डायबिटीज के 5 करोड़ लोगों के लिए ये अच्छी खबर है।

क्या है इस डिवाइस का फायदा

ज्यादातर लोगों को समय-समय पर इंसुलिन का इंजेक्शन लगवाना होता है जिससे अब छुटकारा मिलेगा. दूसरी तरफ टाइप-2 स्टेज के मरीजों को कई बार हर घंटे उंगलियों में इंजेक्शन के सहारे ब्लड में ग्लूकोज लेवल का टेस्ट करना होता है जो इस डिवाइस के बाद कल की बात हो जाएगा। इस डिवाइस की एक और खासियत है कि यह न केवल मरीज के ब्लड में शुगर लेवल को कंट्रोल में रखेगी, बल्कि इससे उसका लेवल भी देखा जा सकता है।

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बिजनेस

गौतम अडानी इजरायल की कंपनी के साथ मिलकर महाराष्ट्र में लगाएंगे 10 अरब डॉलर की लागत से सेमीकंडक्टर प्लांट

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नई दिल्ली। अरबपति कारोबारी गौतम अडानी का अडानी समूह और इजरायल का टावर सेमीकंडक्टर महाराष्ट्र में 10 अरब डॉलर (83 हजार करोड़ रुपये) की लागत से सेमीकंडक्टर प्लांट लगाएंगे। अडानी समूह अभी तक बंदरगाह, ट्रांसमिशन, सीमेंट और कोयला कारोबार में हैं और चिप निर्माण के क्षेत्र में कदम रखना उनके समूह के लिए बिल्कुल नया अनुभव होगा। महाराष्ट्र सरकार ने हाई टेक्नोलॉजी वाले चार विशाल प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है, जिनमें अडानी ग्रुप का टावर सेमीकंडक्टर के साथ साझेदारी वाला प्रोजेक्ट भी शामिल है। इन प्रोजेक्ट्स में कुल 1.17 लाख करोड़ रुपये का निवेश होने की उम्मीद है और करीब 29,000 रोजगार अवसरों का सृजन होगा।

अधिकारियों ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल की उद्योग विभाग संबंधी उप-समिति की गुरुवार शाम को हुई बैठक में इन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की तरफ से शुक्रवार को जारी बयान में कहा गया कि इन परियोजनाओं के तहत सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में निवेश होगा। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि ये परियोजनाएं स्थानीय आपूर्ति शृंखला को मजबूत बनाने में मदद करेंगी और प्रौद्योगिकी नवोन्मेष, शोध एवं विकास को बढ़ावा देंगी। शिंदे ने कहा, ‘‘इन परियोजनाओं से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योग (एमएसएमई) से जुड़े हितधारकों को मदद मिलेगी और स्थानीय श्रम शक्ति को प्रशिक्षण एवं कौशल विकास के अवसर मिलेंगे।’’

बयान के मुताबिक, अडानी समूह इजराइली कंपनी टावर सेमीकंडक्टर के साथ मिलकर एक विशाल सेमीकंडक्टर विनिर्माण परियोजना स्थापित करेगा। परियोजना के पहले चरण में 58,763 करोड़ रुपये और दूसरे चरण में 25,184 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इस परियोजना पर कुल निवेश 83,947 करोड़ रुपये का होगा जिससे 15,000 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। विविध कारोबारों में सक्रिय अडानी समूह का सेमीकंडक्टर विनिर्माण के क्षेत्र में यह पहला कदम होगा। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर कहा कि अडानी-टावर गठजोड़ मुंबई के बाहरी इलाके तलोजा में यह चिप निर्माण संयंत्र लगाएगा।

 

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