नेशनल
दुष्कर्म मामले में कुछ ही देर में जोधपुर जेल में आसाराम पर सुनाया जाएगा फैसला
आसाराम वर्ष 2013 से नाबालिग के साथ गुस्कर्म मामले में जेल में बंद हैं। इस मामले पर जोधपुर जेल में ही आज फैसला सुनाया जाएगा। जोधपुर कोर्ट ने ये फैसला सुरक्षा कारणों की वजह से लिया है। फैसला सुनाने के लिए जज मधुसूदन शर्मा जेल पहुंच चुके हैं।
Rajasthan: The Judge has reached Jodhpur Central Jail, verdict on Asaram to be pronounced shortly pic.twitter.com/pnuUPvcQG6
— ANI (@ANI) April 25, 2018
जोधपुर कलेक्टर रविकुमार सुरपुर व पुलिस उपायुक्त अमनदीप सिंह मंगलवार को जेल में व्यवस्थाओं का जायजा लेने पहुंचे। इस दौरान कलेक्टर ने जब आसाराम से पूछा कि फैसले को लेकर क्या सोच रहे हो? इस पर आसाराम ने कहा कि कोर्ट का जो भी फैसला होगा, वह मंजूर होगा। वह और उनके समर्थक गांधीवादी विचारधारा के हैं और अहिंसा में यकीन रखते हैं। जेल प्रशासन की मानें तो आसाराम के चेहरे पर फैसले को लेकर कोई शिकन नहीं है। हां, उत्सुकता जरूर है।
Five years after rape charges were levelled against self-styled godman, #AsaramBapu, the Jodhpur Schedule Caste and Schedule Tribe Court is set to pronounce its verdict today
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— ANI Digital (@ani_digital) April 25, 2018
आसाराम के साथ उसके प्रमुख सेवादार शिवा, रसोइए प्रकाश द्विवेदी, वार्डन शिल्पी और एक अन्य साथी शरतचंद्र भी विभिन्न धाराओं में आरोपी बनाए गए हैं।
Security tightened at Jodhpur jail ahead of Asaram Bapu's case verdict. #Rajasthan pic.twitter.com/k7T7uFgK71
— ANI (@ANI) April 25, 2018
जेल में बैरक नंबर दो के पास होगी सुनवाई
जेल में बैरक नंबर दो के पास बने बैरक में सुनवाई होगी। आसाराम पर पॉक्सो और अजा-जजा एक्ट की धाराएं लगाई गई हैं। आसाराम को जोधपुर पुलिस ने 31 अगस्त, 2013 को गिरफ्तार किया था और तब से वह जोधपुर जेल में बंद है। आसाराम को अगर दोषी पाया जाता है तो दस साल तक की सजा हो सकती है। लेकिन, बरी होने पर भी रिहाई नहीं होगी, क्योंकि उसके खिलाफ गुजरात में भी दुष्कर्म का केस दर्ज है।
आसाराम ने धमकाया था, इसलिए पीड़िता ने दिल्ली जाकर 20 अगस्त, 2013 को कमला नगर पुलिस थाने में एफआइआर दर्ज कराई थी। वहां से केस जोधपुर रेफर किया गया था। जोधपुर पुलिस ने 31 अगस्त, 2013 को इंदौर से आसाराम को गिरफ्तार किया था। तब से वह जेल में है।
पीड़िता ने जब आसाराम पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे तब वह छिंदवाड़ा आश्रम के कन्या छात्रावास में 12वीं कक्षा में पढ़ती थी। जानकारी के अनुसार पीड़िता के पिता के पास 7 अगस्त, 2013 को छिंदवाड़ा आश्रम से फोन आया कि उनकी बेटी बीमार है। इस पर पीड़िता के पिता वहां पहुंचे तो उन्हे बताया गया कि उनकी बेटी पर भूत-प्रेत का साया है, जिसे सिर्फ आसाराम ही ठीक कर सकते हैं। पीड़िता के माता-पिता अपनी बेटी के साथ 14 अगस्त को आसाराम से मिलने जोधपुर आश्रम में पहुंचा। इसके अगले दिन 15 अगस्त को आसाराम पे 16 साल की पीड़िता को अपनी कुटिया में बुला लिया और उसके साथ 1 घंटे तक यौन उत्पीड़न किया।
पीड़िता ने इस मामले की जानकारी अपने माता-पिता को दी तो उन्होंने 20 अगस्त, 2013 को दिल्ली कमलानगर पुलिस थाने में रात 2 बजे एफआरआर दर्ज कराई थी। मामला जोधपुर ट्रांसफर कर दिया गया। जोधपुर पुलिस ने जांच के बाद आसाराम को 30 अगस्त की आधी रात इंदौर स्थित आश्रम से गिरफ्तार किया था।
नेशनल
किसान एक बार फिर दिल्ली की तरफ, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्रों में बढ़ी सुरक्षा
हरियाणा। भारतीय किसान परिषद, किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा समेत कई अन्य संगठनों के बैनर तले एक बार फिर से किसान आज दिल्ली कूच करेंगे। किसान अपनी पांच प्रमुख मांगों को लेकर सोमवार को संसद परिसर की ओर मार्च करेंगे, जिसके कारण दिल्ली-एनसीआर क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और कई रूट बदल दिए गए हैं। किसानों का मार्च आज दोपहर 12 बजे महामाया फ्लाईओवर के पास से शुरू होगा और पैदल और ट्रैक्टरों पर बैठकर किसानों का विशाल समूह आज दिल्ली की ओर बढ़ेगा।
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, किसान राष्ट्रीय राजधानी की ओर अपना मार्च शुरू करेंगे. भारतीय किसान परिषद (बीकेपी) के नेता सुखबीर खलीफा ने कहा कि नए कृषि कानूनों के तहत उचित मुआवजे और बेहतर लाभ की मांग को लेकर सोमवार को हम दिल्ली की ओर अपना मार्च शुरू करेंगे.
कहां से निकलेगा किसानों का मार्च?
सुखबीर खलीफा ने कहा, ”हम दिल्ली की ओर मार्च के लिए तैयार हैं. हम नोएडा में महामाया फ्लाईओवर के नीचे से अपना मार्च शुरू करेंगे. दोपहर तक, हम वहां पहुंच जाएंगे. नए कानूनों के अनुसार अपने मुआवजे और लाभ की मांग करेंगे.
6 दिसंबर को और दो संगठन निकालेंगे मार्च
बीकेपी का यह मार्च किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) और संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम, गैर-राजनीतिक) द्वारा किए जा रहे इसी तरह के विरोध प्रदर्शनों के इतर है. इनके सदस्य 6 दिसंबर से दिल्ली की ओर मार्च करना शुरू करेंगे. केरल, उत्तराखंड और तमिलनाडु के किसान संगठन भी उसी दिन संबंधित विधानसभाओं की ओर प्रतीकात्मक मार्च निकालने की तैयारी कर रहे हैं.
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