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राजनीति

ब्लॉग मामले पर ‘आप’ के नेता आशुतोष के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश

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महात्मा गांधी, नेहरू और अटल बिहारी बाजपेई के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने के आरोप में रोहिणी कोर्ट ने आशुतेष के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिये हैं। आपको बता दें कि आशुतोष ने दो साल पहले एक ब्लॉग लिखा था जिसमें उन्होंने इन लोगों पर टिप्पणी की थी, जिसको लेकर अब ये बवाल शुरू हो गया है।

इस बीच आशुतोष ने ट्विट करते हुए कहा कि उनके एक ब्लॉग में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बारे में कथित अपमानजनक टिप्पणी का मामला अदालत ले जाने वाले उनकी अभिव्यक्ति की आजादी पर रोक लगाना चाहते हैं।

दिल्ली की स्थानीय अदालत ने दो साल पहले लिखे गये उनके इस ब्लॉग में महात्मा गांधी के बारे में की गयी टिप्पणी के पीछे सस्ती लोकप्रियता बटोरने का मकसद बताते हुये आशुतोष के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का सोमवार को आदेश दिया था। आप नेता ने आज अपनी प्रतिक्रया में कहा अदालत का पूरा सम्मान है लेकिन कई लोग मेरे बोलने की आजादी पर रोक लगाना चाहते हैं। मैं अपना पक्ष अदालत में रखूंगा।

आशुतोष ने कहा कि यह मामला ब्लॉग लिखने के दो साल बाद अदालत में उठाया गया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि गांधी मेरे आदर्श थे और रहेंगे। उनका अपमान करने का सवाल ही नही उठता। उल्लेखनीय है कि साल 2016 में आप विधायक संदीप कुमार के खिलाफ बलात्कार का एक मामला सामने आने पर आशुतोष ने इसे पार्टी विधायक की निजता का मामला बताते हुये एक ब्लॉग लिखा था। इसमें महात्मा गांधी पर की गयी टिप्पणी को अपमानजनक बताते हुये अदालत से पुलिस को आपराधिक मामला दर्ज करने का आदेश देने की मांग की गयी थी।

उत्तर प्रदेश

बीजेपी का आरोप, संभल हिंसा को लेकर विपक्षी दल राजनीति कर रहे हैं

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लखनऊ। संभल में बीते 24 नवंबर को हुई हिंसा के बाद जमकर राजनीति हो रही है। एक ओर विरोधी दल इस हिंसा के लिए योगी सरकार और बीजेपी को जिम्मेदार बता रहे हैं तो दूसरी ओर बीजेपी सपा नेताओं को जिम्मेदार बता रही है। इस हिंसा में मारे गए पांच लोगों के अलावा पीड़ितों के परिवार से मुलाकात करने के लिए कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पूरी कोशिश कर रही है।

कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल के संभल जाने को लेकर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, “संभल हिंसा को लेकर विपक्षी दल जो राजनीति कर रहे हैं, वह उचित नहीं है। हमारी प्रतिबद्धता शांति स्थापित करने को लेकर है। न्यायालय में इसका मामला विचाराधीन है। जो भी निर्णय होगा, उसका हम अनुपालन करेंगे। रविवार को न्यायिक आयोग ने इलाके का जायजा लिया, अपनी रिपोर्ट में वो जो भी कहेंगे, हम उसकी निष्पक्ष कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं।

सरकार किसी को भी कानून तोड़ने की इजाजत नहीं देगी।” विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी के लोग सिर्फ वोटों की फसल काटने के लिए इस प्रकार की बात कर रहे हैं। हम हर स्थिति में पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं और किसी को भी कानून तोड़ने की इजाजत नहीं मिलने वाली है।” बता दें कि संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुई हिंसा को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी के नेता वहां पर जाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, प्रशासन ने जिले में बाहरी लोगों, सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों के प्रवेश पर रोक लगा दी है।

नेताओं के संभल जाने की सूचना पर पुलिस ने टोल प्लाजा पर मुस्तैदी बढ़ा दी है। वहीं, एक दिन पहले हिंसा की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग की टीम रविवार को कोतवाली परिसर पहुंची थी। हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त जज देवेंद्र कुमार अरोड़ा की अध्यक्षता में टीम ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर मौजूदा हालात का जायजा लिया। आयोग की टीम ने शाही जामा मस्जिद में पहुंचकर वहां की स्थिति का भी जायजा लिया।

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