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असम की चुनावी रैली में गरजे पीएम मोदी, कांग्रेस पर जमकर साधा निशाना
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को असम के चबुआ में बीजेपी की चुनावी रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस चाय की पहचान मिटाने वालों के साथ है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस भारत की सबसे पुरानी पार्टी है, जिसने 50-55 वर्षों तक भारत पर शासन किया, वो ऐसे लोगों का समर्थन कर रही है जो चाय से जुड़ी भारत की छवि को मिटाने की कोशिश कर रहे हैं। क्या हम इसके लिए कांग्रेस को माफ कर सकते हैं? क्या वे सजा पाने के लायक नहीं हैं?
पीएम मोदी ने चबुआ के बारे में कहा कि यहां के नाम में ही चाय है। यहां रोपा गया चाय का पौधा आज दुनिया में कहां-कहां अपनी सुगंध फैला रहा है, ये हम सभी जानते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक तरफ हमारी सरकार, सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास के पवित्र मंत्र पर काम कर रही है। वहीं दूसरी तरफ, कांग्रेस आज झूठी घोषणाओं का भोंपू बनकर रह गई है।
उसकी ये सच्चाई देश भर के लोग देख भी रहे हैं, समझ भी रहे हैं। असम में शांति बनाए रखने के लिए, स्थिरता बनाए रखने के लिए बीजेपी सरकार की, एनडीए सरकार की निरंतर जरूरत है।
नेशनल
किसान एक बार फिर दिल्ली की तरफ, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्रों में बढ़ी सुरक्षा
हरियाणा। भारतीय किसान परिषद, किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा समेत कई अन्य संगठनों के बैनर तले एक बार फिर से किसान आज दिल्ली कूच करेंगे। किसान अपनी पांच प्रमुख मांगों को लेकर सोमवार को संसद परिसर की ओर मार्च करेंगे, जिसके कारण दिल्ली-एनसीआर क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और कई रूट बदल दिए गए हैं। किसानों का मार्च आज दोपहर 12 बजे महामाया फ्लाईओवर के पास से शुरू होगा और पैदल और ट्रैक्टरों पर बैठकर किसानों का विशाल समूह आज दिल्ली की ओर बढ़ेगा।
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, किसान राष्ट्रीय राजधानी की ओर अपना मार्च शुरू करेंगे. भारतीय किसान परिषद (बीकेपी) के नेता सुखबीर खलीफा ने कहा कि नए कृषि कानूनों के तहत उचित मुआवजे और बेहतर लाभ की मांग को लेकर सोमवार को हम दिल्ली की ओर अपना मार्च शुरू करेंगे.
कहां से निकलेगा किसानों का मार्च?
सुखबीर खलीफा ने कहा, ”हम दिल्ली की ओर मार्च के लिए तैयार हैं. हम नोएडा में महामाया फ्लाईओवर के नीचे से अपना मार्च शुरू करेंगे. दोपहर तक, हम वहां पहुंच जाएंगे. नए कानूनों के अनुसार अपने मुआवजे और लाभ की मांग करेंगे.
6 दिसंबर को और दो संगठन निकालेंगे मार्च
बीकेपी का यह मार्च किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) और संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम, गैर-राजनीतिक) द्वारा किए जा रहे इसी तरह के विरोध प्रदर्शनों के इतर है. इनके सदस्य 6 दिसंबर से दिल्ली की ओर मार्च करना शुरू करेंगे. केरल, उत्तराखंड और तमिलनाडु के किसान संगठन भी उसी दिन संबंधित विधानसभाओं की ओर प्रतीकात्मक मार्च निकालने की तैयारी कर रहे हैं.
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