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उत्तर प्रदेश

आजम खां ने लौटाई सिक्योरिटी, कहा- सुरक्षा कर्मियों पर विश्वास नहीं

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आजम खां ने लौटाई सिक्योरिटी

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लखनऊ/नई दिल्ली। आजम खां ने उन्हें सरकार द्वारा मिली अपनी सुरक्षा लौटा दी है। इतना ही नहीं उनके विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम ने भी सुरक्षा वापस कर दी है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और उप्र के रामपुर से विधायक आजम खां को Y श्रेणी की सुरक्षा मिली थी।

उन्होंने सुरक्षा कर्मियों को यह कहते हुए वापस लौटाया है कि उनको सुरक्षा कर्मियों पर विश्वास नहीं है। इसलिए सुरक्षा कर्मी वापस चले जाएं। फिलहाल चार सुरक्षा कर्मी वापस लौट आएं हैं।

गौरतलब है कि सपा विधायक आजम खां पर भैंस चोरी और किताब चोरी से लेकर करीब 87 मुकदमे विभिन्न थानों में दर्ज हैं। ज्यादातर मामलों में वह जमानत पर चल रहे हैं और उनके ज्यादातर मामले कोर्ट में विचाराधीन है।

सरकार की ओर से उनको वाई श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है। इसके तहत तीन गनर उनके साथ में रहते हैं,जबकि इतने ही आवास पर तैनात रहते हैं। विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम को एक सुरक्षा कर्मी मिला हुआ है।

एएसपी डा.संसार सिंह ने बताया कि चार सुरक्षा कर्मी वापस लौट आए हैं। आजम खां को वाई श्रेणी की सुरक्षा है। फिलहाल उनके आवास पर सुरक्षा लगी रहेगी।

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इलाज करा रहे आजम

आजम खान इस वक्त दिल्ली में अपना इलाज करा रहे हैं। कल रात आजम व अब्दुल्ला की सुरक्षा में तैनात चार सुरक्षा कर्मी वापस लौट आए। सुरक्षा कर्मियों ने अफसरों को बताया है कि आजम ने उन्हें यह कहकर वापस लौटाया है कि उनको सुरक्षा कर्मियों पर भरोसा नहीं है। इसलिए वे वापस चले जाएं।

बता दें कि 27 महीने बाद आजम खान 20 मई को सीतापुर जेल से जमानत पर रिहा हुए थे। सीतापुर जेल में भी आजम की दो बार तबीयत बिगड़ी थी। दोनों बार उन्हें लखनऊ के मेदांता में भर्ती कराया गया था। पिछले साल मई में आजम खान कोरोना संक्रमित भी हो गए थे।

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उत्तर प्रदेश

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक एक्शन मोड में, स्वास्थ्य विभाग के कई अधिकारियों पर गिरी गाज

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य विभाग में गंभीर अनियमितताओं के चलते कड़ी कार्रवाई की है. लगातार मिल रही शिकायतों के बाद श्रावस्ती के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अजय प्रताप सिंह को निलंबित कर दिया गया है. डिप्टी सीएम ने इस संबंध में चिकित्सा स्वास्थ्य महानिदेशालय से संबंधित अधिकारियों को जांच करने के निर्देश भी दिए थे.

शिकायतों के कारण हुई कार्रवाई

शिकायतों में यह आरोप लगाए गए थे कि डॉ. अजय प्रताप सिंह ने अवैध निजी अस्पतालों पर प्रभावी नियंत्रण नहीं किया, टेंडरों में अनियमितताएं कीं, बायो मेडिकल वेस्ट का सही तरीके से निस्तारण नहीं किया और उच्च आदेशों की अवहेलना की. इन शिकायतों के आधार पर डॉ. सिंह को निलंबित कर दिया गया.

फतेहपुर और सुल्तानपुर में भी कार्रवाई

इसके साथ ही, फतेहपुर में तैनात चिकित्सक डॉ. पुण्ड्रीक कुमार गुप्ता को भी निलंबित कर सिद्धार्थनगर के सीएमओ कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है. उनका एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने सरकार और प्रशासन के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी.

 

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