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प्रादेशिक

नमाज़ से पहले मुंबई के मस्जिद से दिया गया अमन का पैगाम, कहा-‘हिजाब का मसला नहीं, कानून जो कहेगा उसे मानेंगे’

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कर्नाटक में हिजाब को लेकर चल रहे विवाद का मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है, लेकिन इसको लेकर विरोध प्रदर्शन देश के कई राज्यो में देखने मिल रहा है, ऐसे में मुम्बई की प्रमुख जुम्मा मस्जिद ने एक सकारात्मक पहल की है। जुम्मे की नमाज़ के पहले और बाद में शांति और अमन कायम रखने का पैगाम दिया गया।

जुम्मे की नमाज के लिए पहुंचे हज़ारों लोगों को नमाज़ के पहले बताया गया कि कानून की प्रकिया के तहत ही आगे बढ़े, बेवजह मसला आगे ना बढ़ाये और अमन का पैगाम दे। जो विवाद चल रहा है उसका हिस्सा बनने से बचे, इसके साथ ही अरबी और हिंदी दोनों भाषाओं में यह उद्घोषणा की गई है।

नमाज अदा कर रहे लोगो पर भी इसका प्रभाव रहा। बातचीत में उन्होंने कहा कि हिजाब का मसला नहीं है कानून जो कहेगा उससे मानना होगा। जो घोषणा की गई है वो एकदम सटीक है और हम उसका मान रखते है। ऐसे में मस्जिद के मुफ़्ती अशफाक ने इंडिया टीवी से बातचीत में कहा कि हिजाब कभी भी मसला नहीं है और हिजाब पहनना अनिवार्य है ऐसा कहीं नहीं लिखा।

उन्होंने कहा, ”जिस तरह प्रदर्शन हो रहा है वो सही नहीं, कानून है संविधान है उसका पालन करे। इसलिए हम लगातार शांति का पैगाम दे रहे है, किसी को ना जबदस्ती हिजाब पहनने और ना ही उतारने के लिए कहा जा सकता है।” मुफ़्ती का कहना है कि स्कूल के अपने नियम कानून हैं उनका पालन करें, क्योंकि भारत मे तमाम लोग रहते है सबकी अपनी भावना है।

 

उत्तर प्रदेश

दीपोत्सव में झारखंड से दीप जलाने पहुंचेंगे 150 आदिवासी

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अयोध्या। योगी सरकार के आठवें दीपोत्सव को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। प्रशासनिक खेमे के अलावा डॉ राम मनोहर लोहिया विवि ने भी इस दिशा में युद्धस्तर पर कार्य शुरू कर दिया है। इस बार दीपोत्सव कुछ खास ही होने वाला है। इसमें झारखंड के 150 आदिवासी भी दीप जलाने के लिए पहुंच रहे हैं। यह आदिवासी स्वयंसेवक के रूप में घाटों पर जुटेंगे। उल्लेखनीय है कि अयोध्या में 2017 से राम की पैड़ी पर दीपोत्सव की शुरुआत हुई थी। उसके बाद से यहां दीपोत्कीसव के जरिए प्रतिवर्ष नए कीर्तिमान स्थापित हो रहे हैं। ऐसे में, इस बार मुख्यमंत्री ने 25 लाख दीये जलाने का ऐलान किया है जिसके लिए 28 लाख दीपों को सरयू नदी के किनारे तटों पर बिछाया जाएगा। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद अयोध्या नगरी को सजाने के काम शुरू कर दिया गया है।

10 हजार स्थानीय नागरिकों को भी मिलेगा मौका

राम की पैड़ी पर इस बार स्थानीय नागरिकों को भी शामिल करने की योजना बनाई गई है। इसके लिए वहां पर चौड़े-चौड़े पलेटफॉर्म वाली सीढियां बनाई जा रही हैं, जो बिल्कुल स्टेडियम की तरह है।

बढ़ाई गई घाटों की संख्या, 51 से हुए 55

इस बार दीयो की संख्या बढ़ते ही घाटों की संख्या बढ़ा दी गई है। 51 से 55 कर दिया गया है। चौधरी चरण सिंह व भजन संध्या स्थल व अन्य घाटों को दीप जलाने के लिए शामिल किया गया है। वहीं 90 हजार लीटर सरसो के तेल के प्रयोग होने की बात बताई जा रही है।

40 लाख रुई बाती का होगा इस्तेमाल

दीपोत्सव में दीयो की संख्या बढ़ते ही रुई की बाती का इंतजाम भी किया जाने लगा है। बताया जाता है 40 लाख रुई की बाती लगेगी। स्वयंसेवक 25 से राम की पैड़ी के घाटों पर दीये बिछाने का कार्य शुरू कर देंगे।

और भी भव्य होगा दीपोत्सव

दीपोत्सव के नोडल अधिकारी डॉ एसएस मिश्र ने बताया हमारी तैयारियां तेजी से चल रही है। इस बार श्री राम भव्य महल में विराजमान हुए हैं। इसलिए दीपोत्सव को और भी भव्य तरीके से मनाया जाएगा।

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