प्रादेशिक
CM बनने से पहले एक्शन मोड में आये भगवंत मान, निकला 122 नेताओं की सुरक्षा हटाने का आर्डर
आप को मिली ऐतिहासिक जीत के बाद भगवंत मान एक्शन में आ गए हैं। डीजीपी वीके भावरा से उनकी बीते दिन की मुलाकात के बाद आज एक आदेश जारी किया गया जिसमें पंजाब के 122 नेताओं की सिक्योरिटी हटा ली गई। इसमें कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के साथ उनकी पत्नी और मनप्रीत सिंह बादल का भी नाम भी शामिल है।
भगवंत मान ने एएनआई से कहा कि पुलिस थाने खाली पड़े हैं। लोगों की शिकायतें समय पर नहीं सुनी जा रहीं, क्योंकि पुलिस के ज्यादातर जवान नेताओं की सुरक्षा करने में व्यस्त हैं। अब पुलिस के जवानों से पुलिस का ही काम लिया जाएगा। आगे से दूसरे बेमतलब के कामों में उन्हें नहीं उलझाया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक जिन नेताओं की सिक्योरिटी वापस ली गई उनमें प्रमुख तौर पर भारत भूषण आशु, रजिया सुल्ताना, परगट सिंह, राणा गुरजीत सिंह, सुखबिंदर सिंह सरकारिया, संजय तलवार, नाथू राम, दर्शन लाल, धर्मबीर अग्निहोत्री, अरुण नारंग, तरलोचन, तृप्त राजेंद्र सिंह बाजवा, मनोरंजन कालिया, मदन मोहन मित्तल, तीक्ष्ण सूद के नाम शामिल हैं। लिस्ट के मुताबिक राजा वडिंग के पास सबसे ज्यादा सिक्योरिटी है। उनकी सुरक्षा में 21 जवान तैनात थे। अकाली दल के प्रकाश सिंह बादल के दामाद आदेश प्रताप सिंह कैरो के पास तैनात जवानों को भी वापस बुलाया गया है।
खास बात है कि मान ने अपनी ही पार्टी के पूर्व विधायक अमरजीत सिंह, जगतार सिंह, नजर सिंह मानसाहिया, रूपिंदर कौर रूबी से भी सिक्योरिटी वापस ले ली है। इन सभी की सुरक्षा में पंजाब पुलिस के तीन-तीन जवान तैनात थे। कांग्रेस के पूर्व विधायक जसबीर सिंह ने चुनाव से पहले आप ज्वाईन की थी लेकिन उनकी भी सिक्योरिटी को हटा लिया गया है।
उधर, शनिवार को भगवंत मान ने राज्यपाल से मुलाकात की और राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया। शुक्रवार को मोहाली में पार्टी विधायकों की बैठक में उनको आप विधायक दल का नेता चुना गया था। भगवंत मान 16 मार्च को शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह भगत सिंह के पैतृक गांव में आयोजित किया जाएगा। भगवंत मान ने 1991 बैच के आईएएस वेणु प्रसाद को अपना प्रधान सचिव नियुक्त किया है।
उत्तर प्रदेश
शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज
गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।
इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।
शुरू में उन्हें करनाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।
बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्पेक्टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्पेक्टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।
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