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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ में त्रिवेणी तट पर बड़ा फैसला, काशी तक आएगी गंगा एक्सप्रेस-वे, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से भी होगी कनेक्ट

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महाकुम्भनगर:- तीर्थराज प्रयाग में 144 वर्ष के बाद महाकुम्भ के शुभ संयोग पर लोककल्याण का संकल्प लेकर बैठी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्य में बेहतर कनेक्टिविटी के लिए बड़े फैसले लिए हैं। पावन त्रिवेणी तट पर हुई कैबिनेट की ऐतिहासिक बैठक में 320 किलोमीटर लंबाई वाले ‘विंध्य एक्सप्रेसवे और 100 किमी लंबाई वाले विंध्य-पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण को सैद्धांतिक सहमति दी गई।

विशेष कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा संचालित और प्रकरण एक्सप्रेसवे के माध्यम से कनेक्टिविटी नेटवर्क विकास और क्षेत्र में औद्योगिक परियोजनाओं का विकास हो रहा है। वर्तमान में प्रदेश के पश्चिमांचल, मध्यांचल, पूर्वांचल और बुंदेलखंड क्षेत्र एक्सप्रेसवे से आच्छादित हैं और अब दूरवर्ती दक्षिणी-पूर्वी विंध्य क्षेत्र में सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाना आवश्यक है। इस दृष्टि से प्रयागराज मीरजापुर, वाराणसी, चंदौली एवं सोनभद्र को जोड़ते हुए 320 किलोमीटर लंबाई वाले नए नए एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाना चाहिए। इस नए एक्सप्रेस में का प्रारंभ बिंदु प्रयागराज में गंगा एक्सप्रेसवे होगा, जबकि सोनभद्र में एनएच 39 पर इसका समापन होगा। इस तरह गंगा एक्सप्रेसवे और विंध्य एक्सप्रेसवे की सीधी कनेक्टिविटी होगी, साथ ही, मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ में झारखंड से भी अच्छा संपर्क स्थापित हो सकेगा।

इसी प्रकार, विंध्य एक्सप्रेसवे पर चंदौली से प्रारंभ होकर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के अंतिम बिंदु गाजीपुर तक विंध्य पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेस वे का निर्माण किया जाना उचित होगा। इसकी लंबाई लगभग 100 किमी होगी।

प्रयागराज को बड़ा उपहार देते हुए मुख्यमंत्री ने प्रयागराज में सलोरी से हेतापट्टी तक नए ब्रिज के निर्माण की भी आवश्यकता जताई। उक्त के साथ ही बैठक में साथ ही शास्त्री ब्रिज और यमुना सिग्नेचर ब्रिज के समानांतर नया ब्रिज को भी सैद्धांतिक मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह तीनों ब्रिज स्मार्ट प्रयागराज की परिकल्पना को आकार देने वाले होंगे।

त्रिवेणी तट पर हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पूरी सरकार ने ‘सुरक्षित और समृद्ध उत्तर प्रदेश’ के निर्माण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। त्रिविधि ताप-पाप नाशिनी गंगा, कूर्मवाहिनी यमुना और अंत:सलिला सरस्वती के पावन संगम तट पर एकजुट पूरी योगी सरकार ने राज्य के गरीब युवाओं, किसान और महिलाओं के हित में कई निर्णय लिए। गंगा तीरे बने त्रिवेणी संकुल में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री द्वय के साथ सभी कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और राज्य मंत्री गणों की उपस्थिति रही।

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उत्तर प्रदेश

विधानसभा में गरजे सीएम योगी, कहा- अपने बच्चों को इंग्लिश स्कूल में भेजेंगे और दूसरे के बच्चों को, कठमुल्ला, मौलवी बनाएंगे

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लखनऊ। यूपी विधानसभा का बजट सत्र आज से शुरू हो गया। पहले ही दिन विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। सदन की कार्यवाही में हिंदी अवधी भोजपुरी को सदन का हिस्सा बनाकर सदस्यों को विधानसभा अध्यक्ष द्वारा समझाने के क्रम में माताप्रसाद पांडेय द्वारा अंग्रेज़ी को सदन की कार्यवाही में शामिल करने पर आपत्ति जताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला।

सीएम ने कहा कि समाजवादियों का यही दोहरा चरित्र है,अपने बच्चों को इंग्लिश पब्लिक स्कूल में भेजेंगे और दूसरे के बच्चों को गांव के विद्यालय में पढ़ने को कहेंगे। अपने बच्चों को अग्रेज़ी माध्यम में पढ़ाएंगे,और दूसरे को कहेंगे उर्दू पढ़ाओ, कठमुल्ला,मौलवी बनाना चाहते हैं, यह नही चलेगा। इससे पता चल जाता है कि जाकी रही भावना जैसी।

सीएम ने आगे कहा, इसीलिए आपने कल अवधी भोजपुरी बुंदेली भाषा का विरोध किया था। हमारी सरकार में विभिन्न बोलियों ब्रज, भोजपुरी, अवधी, बुंदेलखंडी को सम्मान मिल रहा है। हमारी सरकार में अलग अलग एकेडमी का गठन भी हो रहा है, यह सभी हिंदी की उपभाषा हैं, यानी हिंदी की बेटियां हैं। यह सदन विशुद्ध साहित्यिक और व्याकरण के विद्वानो का नही हैं। इस सदन में अलग अलग समाज से सदस्य यहां विभिन्न तबके से आये हैं। अंतिम पायदान के व्यक्ति की आवाज़ को सदन में मुखरता मिले, इसके लिए अगर व हिंदी में असमर्थ है तो अवधी, बुंदेलखंडी,भोजपुरी जिसमे समर्थ हो बोल सकता है।

विपक्ष पर साधा निशाना

हम अभिनन्दन करते है कि इन बोलियों को सम्मान मिले, इसके लिये हमने अकादमियों का गठन किया। आज दुनिया मे भारत के प्रवासी जो मॉरीशस फिजी में रह रहें है यही अवधी भाषाई लोग हैं। आप हर अच्छे कार्य का विरोध करते हैं, हम इसकी निंदा करते है, हमारी सरकार का मानना है कि इन बोलियों को सदन की प्रोसिडिंग में होना चाहिए।

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