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प्रादेशिक

बिहार सरकार ने रद्द की ये भर्ती परीक्षा, गड़बड़ी के मिले थे सबूत

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पटना। बिहार सरकार ने सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी (CHO) के संविदागत पदों पर चयन के लिए ली गई व ली जाने वाली ऑनलाइन परीक्षा रद्द कर दी है। इस भर्ती परीक्षा में सरकार को जांच में गड़बड़ी के सबूत मिले थे। बिहार सरकार इस भर्ती अभियान के जरिए सीएचओ के 4500 पदों पर भर्ती करना चाहती है। इसके लिए आनलाइन सीबीटी टेस्ट परीक्षा के जरिए भर्ती होनी है।

नेशनल हेल्थ मिशन के तहत इस भर्ती के लिए 4500 पदों पर भर्ती होनी थी, जिसके लिए आवेदन प्रक्रिया 1 नवंबर 2024 को शुरू हुई और आवेदन करने के लिए 21 नवंबर 2024 तक का समय दिया गया। इस भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन मोड में जारी थी।

नोटिस किया गया जारी

बिहार सरकार ने सूचना दी, “राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार के विज्ञापन संख्या 07/2024 के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी (CHO) के संविदागत पदों पर चयन/ नियोजन हेतु दिनांक 01.12. 2024 को आयोजित ऑनलाइन कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट आनी सीबीटी तथा दिनांक 02.12.2024 को आयोजित होने वाली ऑनलाइन सीबीटी रद्द की जाती है। परीक्षा की अगली तिथि के संबंध में सूचना प्रकाशित की जाएगी।”

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झारखण्ड

झारखंड में बदलेगी जमीन राजस्व वसूली की व्यवस्था

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रांची। झारखंड के राजस्व मंत्री दीपक बिरुआ ने गुरुवार को संबंधित अधिकारियों से कहा कि वे दाखिल-खारिज समेत भूमि संबंधी कार्यों को सेवा के अधिकार कानून के तहत लाएं, ताकि ये सेवाएं समय पर प्रदान की जा सकें। उन्होंने जनता की सुविधा तथा राजस्व संग्रहण में सुधार के लिए भूमि संबंधी सेवाओं को सुदृढ़ बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

राज्य के भूमि एवं राजस्व मंत्री बिरुआ परियोजना भवन में स्थित अपने कार्यालय में सभी प्रमंडलीय आयुक्तों और विभागीय सचिव के साथ ऑनलाइन बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि फिलहाल लोगों को भूमि रसीद प्राप्त करने में असुविधा होती है और उन्हें अक्सर अदालतों व कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, बिरुआ ने कहा, ‘‘इस समस्या से निपटने के लिए लोगों को जल्द ही बार कोड प्रणाली की सुविधा दी जाएगी, जिससे निवासी सीधे अपने मोबाइल फोन के माध्यम से भूमि रसीद प्राप्त कर सकेंगे। इससे लोगों के कई स्थानों पर जाने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी।’’

बैठक के दौरान चाईबासा के आयुक्त ने जमशेदपुर जिले की कंपनियों से 2000 करोड़ रुपये के बकाये की वसूली के संबंध में प्रस्ताव रखा। बिरुआ ने इस मुद्दे पर संज्ञान लेते हुए कहा कि यदि ऐसे कई मामलों का समाधान हो जाए तो राज्य के राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है। उन्होंने हरमू नदी के किनारे अतिक्रमण पर चिंता व्यक्त की और अधिकारियों से नदी की रक्षा करने तथा और अधिक नुकसान को रोकने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने की अपील की।

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