प्रादेशिक
पटना में बनेगा सुपर स्पेशलिटी आई हॉस्पिटल, नीतीश कैबिनेट ने लगाई मुहर
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कैबिनेट ने पटना के कंकड़बाग स्थित पाटलिपुत्र स्टेडियम के पास 1.60 एकड़ जमीन शंकरा आई फाउंडेशन इंडिया को 99 साल के लीज पर देने का फैसला किया है। अब यहां पर सुपर स्पेशलिटी आई हॉस्पिटल बनेगा। इसके लिए नीतीश कुमार की कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। इस सुपर स्पेशलिटी आई हॉस्पिटल में 2.5 लाख रुपये से कम आय वाले मरीजों का मुफ्त इलाज होगा।
इसके लिए सिर्फ 1 रुपये की टोकन राशि ली जाएगी। इसके बदले में, फाउंडेशन लोगों को मुफ्त में आंखों का इलाज मुहैया कराएगा। अन्य मरीज को सब्सिडी भी दी जाएगी। ‘शंकर नेत्रालय’ की ओर से कैंप भी लगाया जाएगा। यह कदम राज्य में नेत्र स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में मददगार साबित होगा। बता दें कि नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र मेंअअनेक संस्थानों द्वारा अस्पतालों में शिविर के माध्यम से नेत्र रोगियों का ईलाज बड़े पैमाने पर किया जा रहा है।
कैबिनेट की बैठक में शंकरा आई फाउण्डेशन इंडिया, कोयम्बटूर से प्राप्त बिहार राज्य अन्तर्गत विश्वस्तरीय अतिविशिष्ट नेत्र अस्पताल की स्थापना के अनुरोध की समीक्षा की गयी। शंकरा आई फाउण्डेशन इंडिया द्वारा अन्य राज्यों की तरह बिहार की राजधानी पटना में भी अतिविशिष्ट नेत्र अस्पताल स्थापित करने के लिए बिहार सरकार ने उसके द्वारा दिए गए प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसके लिए बिहार सरकार ने 99 साल के लिए लीज पर जमीन दी है। अब पटना में सुपर स्पेशलिटी आई हॉस्पिटल खुलने से राज्य के बड़ी संख्या में लोग लाभान्वित होंगे।
झारखण्ड
झारखंड में बदलेगी जमीन राजस्व वसूली की व्यवस्था
रांची। झारखंड के राजस्व मंत्री दीपक बिरुआ ने गुरुवार को संबंधित अधिकारियों से कहा कि वे दाखिल-खारिज समेत भूमि संबंधी कार्यों को सेवा के अधिकार कानून के तहत लाएं, ताकि ये सेवाएं समय पर प्रदान की जा सकें। उन्होंने जनता की सुविधा तथा राजस्व संग्रहण में सुधार के लिए भूमि संबंधी सेवाओं को सुदृढ़ बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
राज्य के भूमि एवं राजस्व मंत्री बिरुआ परियोजना भवन में स्थित अपने कार्यालय में सभी प्रमंडलीय आयुक्तों और विभागीय सचिव के साथ ऑनलाइन बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि फिलहाल लोगों को भूमि रसीद प्राप्त करने में असुविधा होती है और उन्हें अक्सर अदालतों व कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, बिरुआ ने कहा, ‘‘इस समस्या से निपटने के लिए लोगों को जल्द ही बार कोड प्रणाली की सुविधा दी जाएगी, जिससे निवासी सीधे अपने मोबाइल फोन के माध्यम से भूमि रसीद प्राप्त कर सकेंगे। इससे लोगों के कई स्थानों पर जाने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी।’’
बैठक के दौरान चाईबासा के आयुक्त ने जमशेदपुर जिले की कंपनियों से 2000 करोड़ रुपये के बकाये की वसूली के संबंध में प्रस्ताव रखा। बिरुआ ने इस मुद्दे पर संज्ञान लेते हुए कहा कि यदि ऐसे कई मामलों का समाधान हो जाए तो राज्य के राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है। उन्होंने हरमू नदी के किनारे अतिक्रमण पर चिंता व्यक्त की और अधिकारियों से नदी की रक्षा करने तथा और अधिक नुकसान को रोकने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने की अपील की।
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