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महबूबा का साथ छोड़ एक्शन मोड में भाजपा, ऑपरेशन ‘ऑल आउट’ के जरिये चुन चुन कर ठोके जाएंगे आतंकी

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जम्मू कश्मीर में भाजपा अब एक्शन मोड में है। देश की भावनाओं का ख्याल रखते हुए केंद्र ने सेना को खुली छूट दे दी है। ऑपरेशन आल आउट के जरिये अब आतंकी चुन चुन कर ठोके जाएंगे। गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं और हिंसा के बढ़ने के चलते भाजपा ने बड़ा कदम उठाया है।

भाजपा ने मिशन में बाधक बनने के चलते महबूबा मुफ्ती से अपना गठबंधन तोड़ दिया है। देश में भाजपा के इस कदम की हर तरफ तारीफ हो रही है। दरअसल भाजपा शुरू से आतंकियों के खिलाफ सख्ती बरतना चाहती थी लेकिन महबूबा मुफ़्ती इसके पक्ष में नहीं थी और बातचीत का रास्ता अपनाना चाहती थी।लगातार हो रही हिंसा, पत्थरबाजी और आतंकी घटनाओं की वजह से पूरे देश में तनाव का माहौल था। जिसे देखते हुए भाजपा ने गठबंधन तोड़ने में ही भलाई समझी। अब कश्मीर में सेना को पूरी छूट दे दी गयी है और यह कहा गया है कि सुरक्षा के मामले में किसी भी तरह का समझौता स्वीकार न करें।भाजपा के अचानक लिए इस फैसले से राजनीति गर्मा गयी है। खुद महबूबा मुफ़्ती ने यह कहा कि उन्हें भाजपा से ऐसी उम्मीद नहीं थी कि वो इस तरह फैसला लेंगे। भाजपा इस पूरे प्रकरण को बिल्कुल भी अलग नज़रिये से देख रही है। भाजपा ने गठबंधन तोड़ने के पीछे यह दलील दी कि देश हित से बढ़कर उसके लिए कुछ भी नहीं है।जम्मू कश्मीर में जिस तरह आये दिन हालात बिगड़ रहे थे ऐसे में गठबंधन को जारी रखना सम्भव नहीं था। भाजपा ने यह भी स्पष्ट किया कि आगे हम पत्थरबाजों और आतंकियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करेंगे। भारत की सुरक्षा व्यवस्था के प्रति खिलवाड़ हमें कतई पसन्द नहीं।वहीं जानकारों का मानना है कि भाजपा का यह कदम लोकसभा चुनाव 2019 के लिए मास्टरस्ट्रोक होगा। भाजपा ने एक झटके में महागठबंधन से उपजे खतरे को समाप्त कर दिया है। दूसरी ओर अमरनाथयात्रा शुरू होने के ठीक पहले कश्मीर में हुए इस राजनीतिक उथल पुथल से यात्रा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। सेना पूरी हिम्मत के साथ आतंकियों से लोहा लेगी।

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कौन है नारायण सिंह चौरा ? जिसने पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की हत्या करने का प्रयास किया

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अमृतसर। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को बुधवार को पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के बाहर ‘सेवादार’ की ड्यूटी करते समय एक शख्स ने गोली मार दी। गोली दीवार पर लगने से व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल बाल बाल बच गये। आखिर किस शख्स ने सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलाई और उसका मकसद क्या था। तो बता दें कि फायरिंग करने वाले शख्स का नाम नारायण सिंह चौरा है जिसने गोली चलाई जिससे हड़कंप मच गया और तुरंत ही स्वर्ण मंदिर के बाहर खड़े कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया।

कौन हैं नारायण सिंह चौरा?

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नारायण सिंह चौरा एक खालिस्तानी पूर्व आतंकवादी है, जिस पर पहले भी कई मामले दर्ज हुए हैं और वह भूमिगत रहा है। चौरा, कुछ वर्षों तक पंथिक नेता के रूप में सक्रिय था, वह डेरा बाबा नानक क्षेत्र से हैं। मंगलवार को वह सफेद कुर्ता-पायजामा पहनकर सुखबीर बादल के पास घूमता भी दिखाई दिया था। वह बुड़ैल जेलब्रेक का मास्टरमाइंड था। चौरा ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकवादियों जगतार सिंह हवारा और परमजीत सिंह भियोरा को उनके दो साथियों जगतार सिंह तारा और देवी सिंह के साथ बुड़ैल जेल से भागने में मदद की थी। उसने जेल की बिजली सप्लाई काफी देर के लिए बंद कर दी थी।

जानिए पाकिस्तान से चौरा का कनेक्शन

कथित तौर पर नारायण सिंह चौरा 1984 में पंजाब में आतंकवाद के शुरुआती चरण के दौरान पाकिस्तान भाग गया था। वहां उसने भारत में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी खेप की तस्करी में अहम भूमिका निभाई। पाकिस्तान में, उन्होंने कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध और देशद्रोही साहित्य पर एक किताब भी लिखी थी। चौरा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड में संदिग्ध था।

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