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नोटबंदी में पैदा हुआ ‘खजांची’ दिखाएगा अखिलेश की साइकिल को हरी झंडी
लखनऊ। नोटबंदी के दैरान बैंक की लाइन में लगी महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया था, तब अखिलेश यादव ने उसका नाम खजांची रखा था। यही खजांची अपने परिवार के साथ यात्रा के दौरान एक्सप्रेस-वे पर मौजूद रहेगा। समाजवादी पार्टी (सपा) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ‘संपर्क फॉर समर्थन’ अभियान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह केवल विशिष्ट लोगों तक सीमित है। यह जनता की आंख में धूल झोंकने का काम है। सपा ने यह भी कहा है कि प्रधानमंत्री ने गंगा मां का बहुत नाम जपा लेकिन आज तक वाराणसी में गंगा निर्मल नहीं हो पाई।
पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की हर महीने साइकिल यात्रा की घोषणा के तहत पहली यात्रा ठठियामंडी से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे की हवाईपट्टी तक होगी। उन्होंने बताया कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जल्द ही कन्नौज की ठठियामंडी से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे की हवाई पट्टी तक साइकिल यात्रा करेंगे। 50 किलोमीटर की इस यात्रा को खजांची परिवार हरी झंडी दिखाएगा। पार्टी जल्द ही यात्रा की तारीख घोषित करेगी।
गौरतलब है उन्होंने बताया कि अखिलेश यादव गरीबों, नौजवानों, महिलाओं, व्यापारियों और अधिवक्ताओं की समस्याएं जानेंगे। यह यात्रा जनजागरण की नई भूमिका में होगी। वर्ष 2012 में अखिलेश यादव ने साइकिल यात्राओं से प्रदेश में राजनीतिक परिवर्तन की हवा बहाकर सत्ता परिवर्तन किया था।
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कौन है नारायण सिंह चौरा ? जिसने पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की हत्या करने का प्रयास किया
अमृतसर। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को बुधवार को पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के बाहर ‘सेवादार’ की ड्यूटी करते समय एक शख्स ने गोली मार दी। गोली दीवार पर लगने से व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल बाल बाल बच गये। आखिर किस शख्स ने सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलाई और उसका मकसद क्या था। तो बता दें कि फायरिंग करने वाले शख्स का नाम नारायण सिंह चौरा है जिसने गोली चलाई जिससे हड़कंप मच गया और तुरंत ही स्वर्ण मंदिर के बाहर खड़े कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया।
कौन हैं नारायण सिंह चौरा?
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नारायण सिंह चौरा एक खालिस्तानी पूर्व आतंकवादी है, जिस पर पहले भी कई मामले दर्ज हुए हैं और वह भूमिगत रहा है। चौरा, कुछ वर्षों तक पंथिक नेता के रूप में सक्रिय था, वह डेरा बाबा नानक क्षेत्र से हैं। मंगलवार को वह सफेद कुर्ता-पायजामा पहनकर सुखबीर बादल के पास घूमता भी दिखाई दिया था। वह बुड़ैल जेलब्रेक का मास्टरमाइंड था। चौरा ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकवादियों जगतार सिंह हवारा और परमजीत सिंह भियोरा को उनके दो साथियों जगतार सिंह तारा और देवी सिंह के साथ बुड़ैल जेल से भागने में मदद की थी। उसने जेल की बिजली सप्लाई काफी देर के लिए बंद कर दी थी।
जानिए पाकिस्तान से चौरा का कनेक्शन
कथित तौर पर नारायण सिंह चौरा 1984 में पंजाब में आतंकवाद के शुरुआती चरण के दौरान पाकिस्तान भाग गया था। वहां उसने भारत में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी खेप की तस्करी में अहम भूमिका निभाई। पाकिस्तान में, उन्होंने कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध और देशद्रोही साहित्य पर एक किताब भी लिखी थी। चौरा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड में संदिग्ध था।
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