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बिजनेस

सेंसेक्स में 157 अंकों की गिरावट

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शेयर बाजार, प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स, संवेदी सूचकांक सेंसेक्स, बंबई स्टॉक एक्सचेंज

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शेयर बाजार, प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स, संवेदी सूचकांक सेंसेक्स, बंबई स्टॉक एक्सचेंज

bse

मुंबई| देश के शेयर बाजार में शुक्रवार को गिरावट देखी गई। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 156.76 अंकों की गिरावट के साथ 28,051.86 पर और निफ्टी 27.80 अंकों की गिरावट के साथ 8,638.50 पर बंद हुआ।

बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सुबह 24.25 अंकों की तेजी के साथ 28232.87 पर खुला और 156.76 अंकों या 0.56 फीसदी गिरावट के साथ 28,051.86 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में सेंसेक्स ने 28,233.47 के ऊपरी और 28,037.87 के निचले स्तर को छुआ।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी सुबह 2 अंकों की मामूली बढ़त के साथ 8,668.30 पर खुला और 27.80 अंकों या 0.32 फीसदी गिरावट के साथ 8,638.50 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में निफ्टी ने 8,670.35 के ऊपरी और 8,631.15 के निचले स्तर को छुआ।

बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में तेजी देखी गई। मिडकैप 87.78 अंकों की तेजी के साथ 12,661.06 पर और स्मॉलकैप 28.27 अंकों की तेजी के साथ 12,309.95 पर बंद हुआ।

बीएसई के 19 में से 6 सेक्टरों में तेजी रही। वाहन (0.79 फीसदी), उपभोक्ता गैर अनिवार्य वस्तु एवं सेवाएं (0.79 फीसदी), स्वास्थ्य सेवाएं (0.72 फीसदी), तेल और गैस (0.51 फीसदी) और उपभोक्ता सेवाएं (0.36 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।

बीएसई के गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे दूरसंचार (1.64 फीसदी), उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (0.92 फीसदी), धातु (0.63 फीसदी), बैंकिंग सेवाएं (0.63 फीसदी) और वित्त (0.53 फीसदी)।

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जेट एयरवेज की संपत्तियों की होगी बिक्री

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को रद्द करते हुए दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के अनुसार निष्क्रिय जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया। एनसीएलएटी ने पहले कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के हिस्से के रूप में जालान कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को एयरलाइन के स्वामित्व के हस्तांतरण को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि जेकेसी संकल्प का पालन करने में विफल रहा क्योंकि वह 150 करोड़ रुपये देने में विफल रहा, जो श्रमिकों के बकाया और अन्य आवश्यक लागतों के बीच हवाई अड्डे के बकाया को चुकाने के लिए 350 करोड़ रुपये की पहली राशि थी। नवीनतम निर्णय एयरलाइन के खुद को पुनर्जीवित करने के संघर्ष के अंत का प्रतीक है।

NCLT को लगाई फटकार

पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पारदीवाला ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ एसबीआई तथा अन्य ऋणदाताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने के फैसले का विरोध किया गया है। न्यायालय ने कहा कि विमानन कंपनी का परिसमापन लेनदारों, श्रमिकों और अन्य हितधारकों के हित में है। परिसमापन की प्रक्रिया में कंपनी की संपत्तियों को बेचकर प्राप्त धन से ऋणों का भुगतान किया जाता है। पीठ ने एनसीएलएटी को, उसके फैसले के लिए फटकार भी लगाई।

शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया, जो उसे अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले या मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदेश तथा डिक्री जारी करने का अधिकार देता है। एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख किया था।

 

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