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बुराड़ी कांड : 11 मौतों के पीछे छिपा है गहरा राज, ललित और टीना पर पुलिस का शक गहराया
दिल्ली के बुराड़ी में हुए 11 मौतों पर सवाल दिन प्रतिदिन गहरा रहा है। हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। मौत के रजिस्टर पर से अभी ठीक से पर्दा उठा भी नहीं था कि अचानक इसमें एक नई कहानी ने दस्तक देकर केस का रूख फिर मोड़ दिया। ललित और टीना पर पुलिस का शक गहराता जा रहा है। पुलिस यह मान रही है कि इन मौतों के पीछे इन्ही का हाथ हो सकता है। क्या कुछ है पूरा मामला आइये देखते हैं।
पड़ोसी बता रहे हैं कि परिवार बड़ा ही धार्मिक था। बिना कीर्तन किए सोता नहीं था। जिस घर में 11 लाशें मिली हैं, वहां मंदिर के पास एक ‘मौत का रजिस्टर’ भी मिला है। रजिस्टर में मौत का तरीका, दिन आदि सब लिखा है। ऐसी कई हैरान करने वाली बातें अब तक इस मामले में सामने आ चुकी हैं, लेकिन कुछ राज ऐसे हैं, जो इस मामले की सबसे बड़ी कड़ी साबित हो सकते हैं।
बुराड़ी कांड में जिन 11 लोगों के शव मिले हैं, उनमें पुलिस को शक है कि मरने से पहले ललित और टीना को छोड़कर सभी ने नशीला पदार्थ खाया। ललित नारायण देवी का छोटा बेटा था और टीना उनकी वाइफ। ललित सालों से मौन व्रत पर था। पुलिस को ऐसा शक है कि ललित और टीना ने ही परिवार के अन्य सदस्यों के अचेत होने के बाद उनके मुंह पर पहले कपड़ा और टेप लगाई और उसके बाद उन्हें फंदे से लटका दिया। संभव है कि बाद में ललित और टीना ने भी खुद भी फांसी लगा ली। 11 शवों में नारायणी देवी की लाश भी मिली है।
ललित के बारे में एक हैरान करने वाली जानकारी यह मिली है कि 10 साल पहले उसका बिजनेस पार्टनर से झगड़ा हो गया था। इसके बाद कुछ लोगों ने दुकान में घुसकर ललित पर हमला कर दिया था। ऐसी बात भी सामने आई कि उस हादसे के बाद ललित की आवाज चली गई थी। हालांकि, कुछ लोगों ने यह भी बताया कि उस हमले के कुछ समय बाद वह धीरे-धीरे ठीक होने लगा था।
ललित के बारे में बुराड़ी की रहने वाली बुजुर्ग महिला कमलेश ने कई खुलासे किए हैं। उन्होंने बताया कि कई साल पहले की बात है, जब ललित की दुकान पर हमला हुआ था और उसमें बदमाशों ने आग लगा दी थी। इस घटना के बाद से वह लोगों से कम ही बात करता था, लेकिन बीते करीब पांच सालों से वह मौन व्रत पर था।
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दिल्ली में होगी मैतेई और कुकी समुदाय की पहली बैठक, हिंसा में अब तक 220 से ज्यादा की हो चुकी है मौत
नई दिल्ली। पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में जारी हिंसा को एक साल से ज्यादा समय हो गया है। आज मैतेई और कुकी समुदाय पहली बार बैठक करेंगे। देश की राजधानी दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्रालय की अध्यक्षता में यह मीटिंग होगी और दोनों समुदायों के विधायक और नेता इसमें शामिल होंगे। बता दें कि पिछले साल तीन मई को राज्य में जातीय हिंसा शुरू हुई थी।
गृह मंत्रालय का प्रयास है कि हिंसा का शांतिपूर्वक हल निकाला जा सके। 23 मई 2023 के बाद से हिंसा में अब तक 220 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है ओर 1000 से अधिक लोग घायल हुए हैं। साथ ही 60 हजार से अधिक लोग बेघर हो चुके हैं। बेघर हुए अधिकतर लोग शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं। बता दें कि मई-2023 के बाद से कुछ समय की शांति के बाद राज्य में नए सिरे से कई दफा हिंसा भड़क चुकी है।
नगा समुदाय के तीन विधायक भी होंगे शामिल
नगा समुदायों के विधायकों को भी बैठक में बुलाया गया है। तीन नगा एमएलए मीटिंग में शामिल होंगे। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि मैतेई और कुकी के कितने एमएलए मीटिंग में भाग लेंगे। बैठक में आने वाले 3 नगा विधायकों में राम मुइवा, अवांगबोउ न्यूमाई और एल. दीको हैं और ये मणिपुर में सत्तारूढ़ बीजेपी के सहयोगी नगा पीपुल्स फ्रंट के मेंबर हैं।
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