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मनोरंजन

चिरंजीवी बोले- बेटे ने पूरा किया सपना, क्षेत्रीय नहीं भारतीय हों फ़िल्में

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चिरंजीवी

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मुंबई। साउथ एक्टर चिरंजीवी की फिल्म ‘गॉड फादर’ का हिंदी में ट्रेलर शनिवार को मुंबई में लांच हुआ। ट्रेलर लांच में चिरंजीवी ने एक पुरानी घटना का जिक्र करते हुए कहा कि एक कार्यक्रम के दौरान उन्हें तब अपमानित महसूस हुआ जब हिंदी सिनेमा को ही भारतीय सिनेमा का दर्जा दिया गया। चिरंजीवी कहते है हिंदी सिनेमा में सफल होने का जो उनका सपना था,वह उनके बेटे राम चरण ने पूरा किया।

वह कहते है, ‘मैं हमेशा से यह चाहता था कि ऐसी फिल्म होनी चाहिए जो क्षेत्रीय भाषा की बजाय भारतीय फिल्म के नाम से जाना जाए और ये काम एस एस राजामौली ने ‘बाहुबली’ और ‘आरआरआर’ में कर दिखाया।

बेटे ने पूरा कर दिया सपना

साउथ की फिल्मों में जो स्टारडम और सफलता चिरंजीवी को मिली, उतनी सफलता उन्हें हिंदी सिनेमा में नहीं मिली। उनके बेटे रामचरण की फिल्म ‘आरआरआर’ जब तेलुगू तमिल, मलयालम, कन्नड़ के साथ साथ हिंदी में रिलीज हुई तो, इस फिल्म को दर्शकों ने खूब पसंद किया। हालांकि, रामचरण भी इसके पहले ‘जंजीर’ के हिंदी रीमेक में फ्लॉप हो गए थे।

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चिरंजीवी कहते हैं, ‘हिंदी सिनेमा में सफलता हासिल करने का जो मेरा सपना था, उसे मेरे बेटे ने पूरा कर दिया।’ चिरंजीवी ने हिंदी सिनेमा में अपने करियर की शुरुआत साल 1990 में फिल्म ‘प्रतिबंध’ से की। इससके बाद साल 1994 की फिल्म ‘जेंटलमेन’ में भी उन्होंने काम किया।

क्षेत्रीय नहीं भारतीय हो फिल्म  

चिरंजीवी कहते हैं,  ‘मैं चाहता हूं कि बॉलीवुड या टॉलीवुड के भीतर किसी भी अलगाव के बिना सिनेमा को दुनिया भर में भारतीय सिनेमा के रूप में जाना जाए। 150 से ज्यादा फिल्में करने के बाद भी, ‘गॉड फादर’  काम करने के दौरान मुझे उतनी ही खुशी और एनर्जी महसूस हुई जितनी मैंने अपने पहले के दिनों में की थी। मैं हमेशा से चाहता था कि ऐसी फिल्म जरूर होनी चाहिए जो क्षेत्रीय फिल्म या हिंदी फिल्म नहीं बल्कि एक भारतीय फिल्म हो।’

बहुत बेइज्जती महसूस हुई

एक पुरानी घटना का जिक्र करते हुए चिरंजीवी ने कहा, ‘1989 में दिल्ली में हुए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में मेरी फिल्म ‘रूद्रवीणा’ को प्रतिष्ठित ‘नरगिस दत्त अवार्ड’ से सम्मानित किया गया। इस दौरान मैंने एक दीवार पर भारतीय सिनेमा के इतिहास को दर्शित करते चित्र देखे।

साउथ इंडियन एक्टर्स में सिर्फ जयललिता, एमजीआर और प्रेम नजीर की फोटो लगी थीं। मुझे ये देख बहुत बुरा लगा, ये मेरे लिए किसी बेइज्जती से कम नहीं था। उन्होंने केवल हिंदी सिनेमा को ही भारतीय सिनेमा के रूप में दिखाया था।’

एस एस राजामौली को धन्यवाद

चिरंजीवी कहते है, ‘बाहुबली’, ‘आरआरआर’, ‘पुष्पा’ और ‘केजीएफ’ जैसी फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर बहुत अच्छा परफॉर्म किया। मुझे इस बात का गर्व है कि साउथ के एक्टर्स, डायरेक्टर्स और राइटर्स की पूरे देश में चर्चा हो रही है। मैं डायरेक्टर एस एस राजामौली को फिल्म की सक्सेज से रीजनल बैरियर्स को तोड़ने के लिए धन्यवाद देता हूं।’

उत्तर प्रदेश

रामायण: द लीजेंड ऑफ प्रिंस राम का महाकुम्भ में होगा ऐतिहासिक प्रदर्शन

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महाकुम्भ नगर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा भव्य और दिव्य महाकुम्भ में इस बार कई नई पहल की जा रही हैं। इसी क्रम में महाकुम्भ मेले के इतिहास में पहली बार किसी एनिमेटेड फिल्म का प्रदर्शन होने जा रहा है। महाकुम्भ मेले में एक ऐतिहासिक पहल के तहत इंडो-जापानी एनिमेटेड फिल्म ‘रामायण – द लीजेंड ऑफ प्रिंस राम’ का हिंदी संस्करण प्रदर्शित किया जाएगा। यह विशेष स्क्रीनिंग मुख्य अतिथि और प्रदेश सरकार में समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण की उपस्थिति में 22 जनवरी बुधवार को सुबह 10:00 बजे दिव्य प्रेम सेवा शिविर, सेक्टर 6, नेत्र कुंभ के पास आयोजित होगी।

श्रीराम की अद्वितीय गाथा को जीवंत रूप में प्रस्तुत करेगी फिल्म

फिल्म भगवान श्रीराम की अद्वितीय गाथा, उनकी निष्ठा और अधर्म पर धर्म की विजय को जीवंत रूप में प्रस्तुत करती है। यह महाकुम्भ मेले में बच्चों के लिए खास तौर पर आयोजित की जा रही है। आयोजनकर्ताओं के अनुसार, यह फिल्म परिवारों और हर आयु वर्ग के दर्शकों के लिए प्रेरणादायक और मनोरंजक होगी। यह फिल्म 24 जनवरी 2025 को देशभर में रिलीज़ की जाएगी। महाकुंभ में इसका प्रदर्शन इसे और अधिक विशेष बनाता है। इस अद्भुत सिनेमाई अनुभव का आनंद लेने के लिए श्रद्धालु सुबह 10 बजे दिव्य प्रेम सेवा शिविर, सेक्टर 6 में आ सकते हैं।

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