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प्रादेशिक

गाजियाबाद हादसा: ठेकेदार त्यागी ने 16 लाख रुपये की रिश्वत देखर खड़ा किया था मौत का पिलर

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गाजियाबाद। पुलिस ने गाजियाबाद के मुरादनगर में शमशान घाट हादसे के जिम्मेदार ठेकेदार अजय त्यागी को गिरफ्तार कर लिया है। उसने पुलिस पूछताछ में बताया है कि उसने इस टेंडर के लिए इंजीनियर और अन्य अधिकारियों को 16 लाख रुपये की रिश्वत दी। त्यागी ने शुरू में श्मशान भूमि के नवीनीकरण का ठेका हासिल किया था, लेकिन उन्होंने साइट पर काम जारी रखने के लिए कार्टेल का निर्माण किया और छत का निर्माण किया।

त्यागी ने मुरादनगर नगर पालिका के साथ तीन फर्म – अजय त्यागी कंस्ट्रक्शन, माही कंस्ट्रक्शन एंड बिल्डर्स और कृष्णा एसोसिएट्स को पंजीकृत किया था। वह हर साल 20-25 करोड़ रुपये के टेंडर लेता था।

उधर, घटना से नाराज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्माण कार्य में हुए सरकारी धन के नुकसान के साथ ही मृतकों के परिवार को दी जा रही सहायता राशि की भरपाई भी जिम्मेदार ठेकेदार और इंजीनियरों से करने के निर्देश दिए हैं। नुकसान के साथ आश्रितों को दी जा रही मुआवजा राशि की भरपाई पहली बार ठेकेदार और अफसरों से की जाएगी। मंगलवार को अफसरों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया कि निर्माण कार्यो की गुणवत्ता मानक से कम मिली तो डीएम और कमिश्नर इसके लिए जिम्मेदार होंगे। ठेकेदार और इंजीनियरों के साथ डीएम, कमिश्नर के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।

उत्तर प्रदेश

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक एक्शन मोड में, स्वास्थ्य विभाग के कई अधिकारियों पर गिरी गाज

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य विभाग में गंभीर अनियमितताओं के चलते कड़ी कार्रवाई की है. लगातार मिल रही शिकायतों के बाद श्रावस्ती के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अजय प्रताप सिंह को निलंबित कर दिया गया है. डिप्टी सीएम ने इस संबंध में चिकित्सा स्वास्थ्य महानिदेशालय से संबंधित अधिकारियों को जांच करने के निर्देश भी दिए थे.

शिकायतों के कारण हुई कार्रवाई

शिकायतों में यह आरोप लगाए गए थे कि डॉ. अजय प्रताप सिंह ने अवैध निजी अस्पतालों पर प्रभावी नियंत्रण नहीं किया, टेंडरों में अनियमितताएं कीं, बायो मेडिकल वेस्ट का सही तरीके से निस्तारण नहीं किया और उच्च आदेशों की अवहेलना की. इन शिकायतों के आधार पर डॉ. सिंह को निलंबित कर दिया गया.

फतेहपुर और सुल्तानपुर में भी कार्रवाई

इसके साथ ही, फतेहपुर में तैनात चिकित्सक डॉ. पुण्ड्रीक कुमार गुप्ता को भी निलंबित कर सिद्धार्थनगर के सीएमओ कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है. उनका एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने सरकार और प्रशासन के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी.

 

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