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कोरोनाः शोध में दावा, नए वैरिएंट पर ये तीन वैक्सीन हैं असरदार

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पिछले 1 साल से ज्यादा समय से कोरोना वायरस पूरी दुनिया में तबाही मचा रहा है। हालांकि इसकी वैक्सीन अब तैयार हो चुकी है और लोगों को लगने लगी है लेकिन वायरस के नए वैरिएंट वैज्ञानिकों के लिए बड़ी चुनौती बनकर खड़े हो गए हैं।

हाल ही कोरोना के नए वैरिएंट ने वैक्सीन के प्रभाव पर सवाल खड़े कर दिए हैं। वैज्ञानिकों की चिंता सताने लगी है कि वैक्सीन कहीं नए वैरिएंट पर बेअसर न हो जाए।

इस बीच शोध में एक नया खुलासा हुआ है। तीन अलग-अलग शोधों में यह दावा किया गया है कि अमेरिकी कंपनी फाइजर, चीनी कंपनी सिनोवैक और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन ब्राजील में पाए गए कोरोना के नए स्ट्रेन पर भी असरदार हैं।

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, ब्राजील के फियोक्रूज बायोमेडिकल इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ अधिकारी मौरिसियो जुमा ने सोमवार को कहा, ‘प्रारंभिक अध्ययनों से पता चलता है कि एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कोरोना वायरस के P.1 स्ट्रेन के खिलाफ भी सुरक्षा प्रदान करेगा।’ दरअसल, ब्राजील वाले स्ट्रेन को पी1 स्ट्रेन के नाम से जाना जाता है।

न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, फाइजर और बायोएनटेक की वैक्सीन भी ब्राजील में फैल रहे कोरोना के नए वैरिएंट के खिलाफ असरदार पाई गई हैं। शोध में यह पाया गया है कि वैक्सीन ने संक्रामक P.1 वैरिएंट के स्पाइक प्रोटीन वाले वायरस के खिलाफ असर दिखाया है। इससे पहले ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीकी स्ट्रेन पर भी इसके असरदार होने का दावा किया गया था।

रॉयटर्स के मुताबिक, ब्राजील में किए गए कुछ छोटे-छोटे अध्ययनों के प्रारंभिक डेटा से यह संकेत मिलता है कि चीन की वह वैक्सीन भी ब्राजील के P.1 स्ट्रेन पर असरदार पाई गई है, जिसे सिनोवैक बायोटेक ने विकसित किया है। दरअसल, ब्राजील में टीकाकरण अभियान के तहत इसी वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है।

अन्तर्राष्ट्रीय

अगर आप दुबई जाने वाले हैं तो पढ़ लें संयुक्त अरब अमीरात का नया नियम

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नई दिल्ली। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने हाल ही में पर्यटकों के लिए अपने वीजा नियमों में बड़े बदलाव किए हैं। वीजा नियमों में हुए बदलावों के चलते भारतीय पर्यटकों को वीजा आवेदन में मुश्किलों को सामना करना पड़ रहा है। अब दुबई जाने के लिए वीजा हासिल करना आसान नहीं रह गया है। पहले करीब 99 फीसदी वीजा आवेदन स्वीकार कर लिए जाते थे लेकिन अब हालात बदल गए हैं। वीजा आवेदनों को खारिज करने की दर काफी बढ़ गई है।

बढ़ी है वीजा रिजेक्शन दर

पहले जहां वीजा आवेदन खारिज होने की दर 1-2 फीसदी होती थी, वहीं अब यह दर रोजाना 5-6 फीसदी तक पहुंच गई है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, 100 वीजा आवेदन में से रोजाना 5-6 वीजा आवेदन खारिज हो रहे हैं। इस नई स्थिति के कारण पर्यटकों को ना केवल वीजा शुल्क का नुकसान हो रहा है। बल्कि उन्होंने जो उड़ान का टिकट और होटल की बुकिंग पहले कर रखी थी, उस पर भी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।

जानें क्या हैं नए नियम

पर्यटक वीजा आवेदन को लेकर यूएई ने जो कड़े नियम बनाए हैं उसके मुताबिक यात्रियों को अपने रिटर्न टिकट की एक कॉपी इमीग्रेशन डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर अपलोड करनी पड़ेगी। इससे पहले हवाई अड्डे के अधिकारी यह दस्तावेज देखते थे। पर्यटकों को होटल रिजर्वेशन का प्रमाण देना होगा। अगर पर्यटक अपने परिजनों के साथ ठहरने जा रहे हैं, तो उन्हें अपने मेजबान से ठहरने का प्रमाण-पत्र भी दिखाना पड़ेगा। इसके अलावा पर्यटकों से इस बात की भी उम्मीद की जाती है कि उनके पास दुबई में घूमने के लिए पर्याप्त पैसे हों, इसके लिए पर्यटकों को बैंक स्टेटमेंट या स्पॉन्सरशिप लेटर दिखाना होगा

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