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कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार हुई धीमी, देश में बीते 24 घंटे में आए 84,332 नए केस
नई दिल्ली। देश में कोरोना के नए मामलों में लगातार कमी आ रही है। जारी किए गए ताजा आंकड़ो के अनुसार लगातार 5वें दिन देश में कोरोना के 1 लाख से कम मामले दर्ज किए गए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार बीते दिन कोरोना के 84,332 नए मामले सामने आए हैं।
हालांकि इस दौरान कोरोना से होने वाली मौत का आंकड़ा एक बार फिर चार हजार के पार चला गया है। बीते 24 घंटे में कोरोना वायरस से 4002 मरीजों ने अपना दम तोड़ा है।
बता दें कि पिछले कुछ दिनों से कोरोना से होने वाली मौत का आंकड़ा तीन हजार से नीचे था लेकिन इसमें बढ़ोतरी एक बार फिर स्वास्थ्य महकमे के लिए चिंता का विषय बन गई है। एक दिन में 4002 मरीजों की जान जाने के बाद कोरोना से होने वाली कुल मौतों का आंकड़ा 3,67,081 हो गया है।
वहीं आंकड़ो के मुताबिक कोरोना मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर यानी रिकवरी रेट 95.07 प्रतिशत हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में बीते 24 घंटे में 84 हजार नए कोरोना केस सामने आए हैं, जो करीब 70 दिन में अब तक एक दिन में आने वाले सबसे कम नए केस हैं।
जबकि मौतों का सिलसिला अभी थमा नहीं हैं। बीते एक दिन में 4 हजार से अधिक कोरोना मरीजों ने दम तोड़ा है। देश में फिलहाल कोरोना के 11 लाख से कम एक्टिव केस हैं।
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कौन है नारायण सिंह चौरा ? जिसने पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की हत्या करने का प्रयास किया
अमृतसर। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को बुधवार को पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के बाहर ‘सेवादार’ की ड्यूटी करते समय एक शख्स ने गोली मार दी। गोली दीवार पर लगने से व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल बाल बाल बच गये। आखिर किस शख्स ने सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलाई और उसका मकसद क्या था। तो बता दें कि फायरिंग करने वाले शख्स का नाम नारायण सिंह चौरा है जिसने गोली चलाई जिससे हड़कंप मच गया और तुरंत ही स्वर्ण मंदिर के बाहर खड़े कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया।
कौन हैं नारायण सिंह चौरा?
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नारायण सिंह चौरा एक खालिस्तानी पूर्व आतंकवादी है, जिस पर पहले भी कई मामले दर्ज हुए हैं और वह भूमिगत रहा है। चौरा, कुछ वर्षों तक पंथिक नेता के रूप में सक्रिय था, वह डेरा बाबा नानक क्षेत्र से हैं। मंगलवार को वह सफेद कुर्ता-पायजामा पहनकर सुखबीर बादल के पास घूमता भी दिखाई दिया था। वह बुड़ैल जेलब्रेक का मास्टरमाइंड था। चौरा ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकवादियों जगतार सिंह हवारा और परमजीत सिंह भियोरा को उनके दो साथियों जगतार सिंह तारा और देवी सिंह के साथ बुड़ैल जेल से भागने में मदद की थी। उसने जेल की बिजली सप्लाई काफी देर के लिए बंद कर दी थी।
जानिए पाकिस्तान से चौरा का कनेक्शन
कथित तौर पर नारायण सिंह चौरा 1984 में पंजाब में आतंकवाद के शुरुआती चरण के दौरान पाकिस्तान भाग गया था। वहां उसने भारत में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी खेप की तस्करी में अहम भूमिका निभाई। पाकिस्तान में, उन्होंने कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध और देशद्रोही साहित्य पर एक किताब भी लिखी थी। चौरा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड में संदिग्ध था।
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