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अन्तर्राष्ट्रीय

दुनियाभर में कोरोना का कहर, 45 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित

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नई दिल्ली। विश्व में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए लोगों का की संख्या 45 लाख के पार चली गई है। वहीं, महामारी की चपेट में आकर मरने वालों की संख्या भी तीन लाख सात हजार से अधिक हो गई है।

अमेरिका की जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर सिस्टम साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) ने नवीनतम आंकड़े जारी कर कहा, “दुनियाभर में शनिवार सुबह तक कुल 45 लाख 53 हजार 406 लोग कोविड-19 संक्रमण से संक्रमित हुए, जिनमें से मरने वालो की संख्या 3 लाख 07 हजार 486 रही।”

कोरोना संक्रमण से सबसे अधिक प्रभावित देश अमेरिका में कुल 87 हजार 530 मौतों के साथ ही संक्रमण के सर्वाधिक 14 लाख 42 हजार 819 मामले दर्ज किए गए हैं।

इसके बाद प्रभावित अन्य देशों की सूची में कोविड-19 संक्रमण के 2 लाख 62 हजार 843 मामलों के साथ रूस का स्थान है। वहीं, 2 लाख 38 हजार 04 मामलों के साथ ब्रिटने, 2 लाख 30 हजार 183 मामलों के साथ स्पेन, 2 लाख 23 हजार 885 मामलों के साथ इटली, 2 लाख 18 हजार 223 मामलों के साथ ब्राजील, 1 लाख 79 हजार 630 मामलों के साथ फ्रांस, 1 लाख 75 हजार 233 मामलों के साथ जर्मनी, 1 लाख 46 हजार 457 मामलों के साथ तुर्की और 1 लाख 16 हजार 635 मामलों सहित इरान महामारी से अन्य सबसे अधिक प्रभावित हुए देशों में शामिल हैं।

सीएसएसई के आंकड़ों के अनुसार, वैश्विक मौतों के आंकड़े की बात की जाए, तो कुल 34 हजार 78 मौतों के साथ ब्रिटेन दूसरे स्थान पर है।महामारी के चलते हुई दस हजार से अधिक मौतों वाले अन्य देशों में 31 हजार 610 मौतों के साथ इटली, 27 हजार 532 मौतों के साथ फ्रांस, 27 हजार 495 मौतों के साथ स्पेन और 14 हजार 817 मौतों के साथ ब्राजील शामिल हैं।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

नींद के कारण गलती से हुआ 1990 करोड़ से ज्यादा ट्रांसफर, जानें पूरी रिपोर्ट

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जर्मनी। जर्मनी में लगभग 12 साल पहले एक बैंक में ऐसा अजीबोगरीब वाकया हुआ था जिसने सभी को हैरान कर दिया है। एक कर्मचारी काम के दौरान कंप्यूटर के की-बोर्ड पर उंगली दबाए हुए सो गया। इस गलती के कारण एक शख्स को 64.20 यूरो की जगह 222 मिलियन यूरो (करीब 1990 करोड़ रुपये से ज्यादा) ट्रांसफर हो गए। गनीमत रही कि एक अन्य कर्मचारी ने समय रहते इस गलती को पकड़ लिया जिसके बाद ट्रांजैक्शन को रोक दिया गया।

शुरू हुई कानूनी लड़ाई

यह घटना साल 2012 की है जो अब इंटरनेट पर वायरल हो रही है। मामले में सबसे हैरान करने वाली बात यह रही है क्लर्क की इस गलती पर सुपरवाइजर ने भी ध्यान नहीं दिया और इस ट्रांजैक्शन को अप्रूव कर दिया। ट्रांजैक्शन की जांच करने की जिम्मेदारी सुपरवाइजर की थी लिहाजा बैंक ने इस बड़ी गलती के लिए उसे जिम्मेदार ठहराते हुए नौकरी से निकाल दिया। मामला जर्मनी की लेबर कोर्ट तक पहुंचा और मामले में कानूनी लड़ाई शुरू हुई।

अदालत ने सुनाया फैसला

लंबी कानूनी लड़ाई के बाद जर्मनी के हेस्से स्टेट की लेबर कोर्ट की ओर से इस मामले में आदेश दिया गया। कोर्ट ने बैंक द्वारा कर्मचारी को नौकरी से निकालने के फैसले को गलत बताया। कोर्ट ने कहा कि यह गलती क्लर्क ने जानबूझकर नहीं की थी। अदालत की ओर से यह भी कहा गया कि कर्मचारी ने भले ही अपनी गलती पर ध्यान नहीं दिया लेकिन उसके कार्यों के लिए उसे बर्खास्त नहीं किया जाना चाहिए।

कोर्ट ने यह भी कहा

कोर्ट ने यह भी कहा कि कर्मचारी पर समय का बहुत दबाव था, वह रोजाना सैकड़ों लेन-देन की समीक्षा करता था। कोर्ट ने अपने आदेश में इस बात का भी जिक्र किया कि 222 मिलियन यूरो के गलत ट्रांजैक्शन वाली घटना के दिन कर्मचारी ने 812 डॉक्युमेंट्स को संभाला था और हर डॉक्युमेंट पर वो महज कुछ सेकेंड का समय ही दे पा रहा था। अदालत ने अपने आदेश में इस बात पर जोर दिया कि कर्मचारी की ओर से जानबूझकर की गई लापरवाही का कोई सबूत नहीं मिला। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में बर्खास्तगी के बजाय औपचारिक चेतावनी ही पर्याप्त थी।

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