नई दिल्ली। केरल में कोविड-19 से पहली मौत की सूचना मिली है। इसकी जानकारी शनिवार को राज्य के एक मंत्री ने दी। राज्य के कृषि मंत्री वी.एस. सुनीलकुमार ने मीडिया को बताया कि 69 वर्षीय व्यक्ति हाल ही में 22 मार्च को यूएई से आया था और उसे ‘आइसोलेशन’ में रखा गया था।
उन्होंने कहा, “मरीज कोच्चि से था। वह हृदय रोग और रक्तचाप से पीड़ित था। चूंकि उन्हें पहले से ही उच्च जोखिम वाली श्रेणी में रखा गया था, इसलिए यह चिंता का कारण नहीं है। उसके शव को अंतिम संस्कार के लिए रिश्तेदारों को सौंप दिया गया है।”
उन्होंने आगे कहा, “किसी को भी चिंता की कोई आवश्यकता नहीं है। मृतक के संपर्क में आने वाले सभी लागों की पहचान कर उन्हें क्वारंटाइन में रखा गया है।”
मृतक की पत्नी और ड्राइवर जो उन्हें हवाई अड्डे से लाए थे, उनको भी परीक्षण में पॉजिटिव पाया गया है। राज्य में शनिवार तक, 164 कोरोनोवायरस मामले की पुष्टी हुई हैं, जबकि इसने 14 जिलों को प्रभावित किया है। राज्य में 1,10,299 लोग हैं, जिन्हें निगरानी में रखा गया है। जिसमें 616 विभिन्न अस्पताल शामिल हैं
देहरादून/जम्मू/पटना/पणजी। प्रयागराज महाकुंभ 2025 को भारतीय संस्कृति और एकता का वैश्विक प्रतीक बनाने के लिए योगी सरकार देशभर में रोडशो की एक श्रृंखला आयोजित कर रही है। रोडशो के माध्यम से योगी सरकार महाकुंभ 2025 के महत्व को देश के कोने-कोने तक पहुंचा रही है। इस कड़ी में जम्मू, देहरादून, पटना और पणजी में भव्य रोडशो का आयोजन हुआ। जहां रोडशो का नेतृत्व कर रहे योगी सरकार के मंत्रियों ने आम लोगों के साथ-साथ वहां के गणमान्य व्यक्तियों को महाकुंभ में शामिल होने का निमंत्रण दिया।
जम्मू में आयोजित रोडशो का नेतृत्व विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अनिल कुमार और अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ एवं हज, राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने किया। इस दौरान उन्होंने महाकुंभ को भारतीय विविधता और एकता का उत्सव बताते हुए जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज कुमार सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और वहां की जनता को प्रयागराज महाकुंभ में भाग लेने का निमंत्रण दिया। मंत्रियों ने महाकुंभ को भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक बताया और इस आयोजन को भव्य और ऐतिहासिक बनाने के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी।
देहरादून में महिला कल्याण मंत्री बेबी रानी मौर्य और लोक निर्माण राज्यमंत्री ब्रजेश सिंह ने रोडशो का नेतृत्व किया। इस दौरान उन्होंने उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को महाकुंभ में भाग लेने का निमंत्रण दिया। उन्होंने सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त और पर्यावरण अनुकूल महाकुंभ की तैयारियों पर जोर देते हुए कहा कि यह आयोजन भारतीय विविधता में एकता के प्रतीक को प्रदर्शित करेगा।
पटना में आयोजित रोडशो का नेतृत्व सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री राकेश सचान और परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने किया। उन्होंने 2019 के महाकुंभ की वैश्विक सफलता का जिक्र करते हुए इसे 2025 के आयोजन से और अधिक दिव्य और भव्य बनाने के प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस बार 45 करोड़ तीर्थयात्रियों, साधुओं और पर्यटकों के आने की संभावना है और इसके लिए समयबद्ध तरीके से सभी व्यवस्थाएं की जा रही हैं।
पणजी में आयोजित रोडशो का नेतृत्व कारागार मंत्री दारा सिंह चौहान और जल शक्ति राज्यमंत्री रामकेश निषाद ने किया। उन्होंने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि महाकुंभ को हरित, स्वच्छ और डिजिटल बनाने के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। इसमें स्मार्ट पार्किंग, सीसीटीवी आधारित निगरानी और डिजिटल खोया-पाया केंद्र जैसी सुविधाएं शामिल हैं। उन्होंने महाकुंभ के लिए बनाए गए 44 घाटों और गंगा किनारे रिवर फ्रंट की भी जानकारी दी। इन सभी आयोजनों के माध्यम से योगी सरकार ने महाकुंभ की भव्यता और सांस्कृतिक महत्व को देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाने का प्रयास किया। जम्मू, पटना, देहरादून और पणजी में आयोजित रोडशो में बड़ी संख्या में गणमान्य व्यक्तियों, प्रशासनिक अधिकारियों और स्थानीय जनता ने भाग लिया।