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प्रादेशिक

लुटेरों को न्यायालय ने सुनाई पांच-पांच वर्ष सश्रम कारावास की सजा

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पांच-पांच वर्ष सश्रम कारावास की सजा, चित्रकूट, कर्वी कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत तेजीपुर गांव

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पांच-पांच वर्ष सश्रम कारावास की सजा, चित्रकूट, कर्वी कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत तेजीपुर गांव

ज़ियाउल हक़

चित्रकूट। यूं तो अपराध का ग्राफ दिन-बदिन बढ़ता ही जा रहा है फिर भी न्यायपालिका ने सख्ती बरतते हुए अपराधियों पर नकेल और मज़बूती से कसना शुरू कर दिया है, जिस क्रम में आज न्यायालय ने सन् 1993 में घर में घुसकर जेवरात लूटने वाले दो अभियुक्तों को पांच-पांच वर्ष सश्रम कारावास व पांच-पांच हज़ार रुपये अर्थदंड सुनाकर अपराधियों को सुधारगृह का द्वार दिखा दिया है। अभियोजन अधिकारी मनमोहन वर्मा ने बताया की कर्वी कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत तेजीपुर गाव की निवासी नथुनिया कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराइ थी। पुलिस को दी गई तहरीर में नथुनिया ने कहा का था की बीती 12 अगस्त 1993 को रात्रि 11 बजे वह खाना खाकर अपने घर के अंदर आँगन में लेती थी।

इस दौरान घर के बाहर सो रहे जेट रामनयन ने आवाज़ लगाई की उसके पति चुनबाद को पकड़कर चार बदमाश घर के अंदर आ रहे है। कुछ ही डॉ में घर के अंदर घुसे बदमाशों ने अंदर रखे जेवर लूट लिए। इस दौरान घर के अंदर जल रही लालटेन की रोशनी में उसने बदमाशों को पहचान लिया और इस मामले में तरौंहा निवासी लक्ष्मीकांत, लल्लू, मुराद और असलम के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज करने के बाद अभियुक्त को हिरासत में लेकर लूटा गया जेवर बरामद किया था। साथ अभियुक्तों के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पात्र दाखिल किया था। अपर जिला जज पूर्णेन्दु कुमार श्रीवास्तव ने बचाव और अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद इस मामले में निर्णय सुनाया। जिसमे धारा 394 के तहत दोष सिद्ध होने पर लक्ष्मीकांत उर्फ़ लल्लू को पांच-पांच वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई। साथ ही पांच-पांच हज़ार रुपये अर्थदंड दिया है। अर्थदंड न अदा करने पर अभियुक्तों को एक वर्ष अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा।

उत्तर प्रदेश

राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार

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प्रयागराज। योगी सरकार प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान कर रही है। प्रयागराज नगरी के साथ ही जिले में गंगा किनारे स्थित निषादराज गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर धाम का भी कायाकल्प सरकार कर रही है। श्रृंगवेरपुर धाम में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के साथ रूरल टूरिज्म की भी संभावनाएं विकसित हो रही हैं।

मिल रहा है भव्य स्वरूप
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के भव्य निर्माण और गर्भ ग्रह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब प्रभु राम के अनन्य भक्त निषादराज की राजधानी श्रृंगवेरपुर को भी भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। यूपी की पूर्व की सरकारों में उपेक्षित रहे प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई पहचान दी है। सामाजिक समरसता के प्रतीक इस स्थान को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के साथ अब रूरल टूरिज्म के साथ भी जोड़ कर विकसित किया जा रहा है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि श्रृंगवेरपुर धाम का कायाकल्प का कार्य समापन के चरण में है। इसके अंतर्गत यहां ₹3732.90 लाख की लागत से निषादराज पर्यटन पार्क स्थल का निर्माण कार्य दो फेज में किया गया है। निषादराज पार्क (फेज-1) के निर्माण हेतु ₹ 1963.01 लाख के बजट से निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की मूर्ति की स्थापना व मूर्ति के पैडेस्टल का कार्य, पोडियम का कार्य, ओवर हेड टैंक, बाउण्ड्रीवाल, प्रवेश द्वार का निर्माण, गार्ड रूम आदि कार्य कराया गया। इसी तरह श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के ₹ 1818.90 लाख के बजट से इस भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन से सम्बन्धित गैलरी , चित्रांकन, ध्यान केन्द्र, केयर टेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क, पार्किंग, लैंड स्केपिंग, हॉर्टिकल्चर,आउटर रोड, सोलर पैनल, मुक्ताकाशी मंच आदि कार्य कराए गए हैं। 6 हेक्टेयर में बनाए गए इस भव्य पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

रूरल टूरिज्म का हब बनेगी निषादराज की नगरी
धार्मिक और आध्यत्मिक पर्यटन के साथ श्रृंगवेरपुर धाम को ग्रामीण पर्यटन के साथ जोड़कर विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है ।अपराजिता सिंह के मुताबिक रूरल टूरिज्म के अन्तर्गत श्रृंगवेरपुर धाम को विकसित किये जाने के लिए सबसे पहले यहां ग्रामीण क्षेत्र में होम स्टे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए यहां स्थानीय लोगों को अपने यहां मड हाउस या हट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को कुछ अलग अनुभव हो सके। इन सभी स्थानों पर थीमेटिक पेंटिंग होगी, स्थानीय खानपान और स्थानीय संस्कृति को भी यहां संरक्षित किया जाएगा । पर्यटक भी यहां स्टे करने के दौरान स्थानीय ग्रामीण क्राफ्ट का हिस्सा बन सके ऐसी उनकी कोशिश है।

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