ऑफ़बीट
किसे पता था कि तबाही की शुरुआत भारत से होगी, आप भी रहे सतर्क
रांची। आप सोच रहे होंगे कि कहां हम आपको टीवी चैनलों की तरह बैठे बिठाए डरा रहे हैं। ऐसा थोड़ी होता है, कि तबाही आ जाए, ज़मीन फट जाए, गांव अन्दर धंस जाए। लेकिन इस बार बात थोड़ी गंभीर है। खबर आ रही है झारखंड से। जहाँ लोग दहशत में है क्योंकि यहाँ एक गांव की ज़मीन दो हिस्सों में फट गई है। ये कोई ज़मीन में पड़ने वाली दरार नहीं है। यहाँ ज़मीन बीच से फट गई और पूरा गांव लगभग उसमे समा गया।
पूरा मामला झारखंड के गिरिडीह गांव का है। जहाँ सोमवार की सुबह ग्रामीणों अपना रोज का काम निपटा रहे थे। तभी तेज आवाज के साथ गांव के मोहली इलाके की जमीन धंसना शुरू हो गई। इस ज़मीन धंसने की वजह से कई जगह दूर-दूर तक दरारें पड़ गईं। 3 मिनट में ही चार घरों में दरार पड़ गईं। इस घटना को कई लोग तबाही बता रहे है तो कई तो इसे सीधे मौत से सामना मान रहे हैं।
जैसे ही तेज आवाज के साथ यहाँ जमीन धंसना शुरू हुई वैसे ही लोग अपना सारा जरूरी सामान लेकर घरों से भाग निकले। अब इस आपदा के मारे और दहशतग्रस्त बेचारे खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं।
ऑफ़बीट
बेंगलुरु में ऑटो चालक ने लिखवाया अनोखा स्लोगन, सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट से मचा बवाल
बेंगलुरु। आखिर ऑटो वाले ने अपनी गाड़ी के पीछे ऐसा क्या लिखवा दिया, जिस पर इतना हो हंगामा मच गया. दरअसल, ऑटो ड्राइवर ने महिलाओं के सम्मान में इंग्लिश में कुछ लाइनें लिखवाई थीं, ‘Slim or fat, black or white, virgin or not. All girls deserve respect.’ मतलब- मोटी हो या पतली, गोरी हो या काली, कुंआरी हो या न हो. सभी लड़कियों को सम्मान मिलना चाहिए. किसी राहगीर की नजर जब इस स्लोगन पर पड़ी, तो उसने फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी, जो अब इंटरनेट पर वायरल है.
सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट
30 सितंबर को @kreepkroop एक्स हैंडल से यूजर ने तस्वीर शेयर कर लिखा, बेंगलुरु की सड़कों पर कुछ कट्टर नारीवादी. इस पोस्ट को अब तक 90 हजार बार देखा जा चुका है, जबकि लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं. जहां कई यूजर्स ने ऑटो वाले के स्लोगन को विवादित करार दिया, तो वहीं कई लोगों का मानना है कि इसमें कट्टर नारीवाद जैसा कुछ भी नहीं है.
एक यूजर ने कमेंट किया, ऑटो वाले भैया अधिकांश पढ़े-लिखे लोगों की तुलना में कहीं अधिक सम्य हैं. मुझे समझ नहीं आ रहा है कि लोगों को इसमें कट्टर नारीवादी सोच कहां से दिख गई. वहीं, दूसरे यूजर का कहना है, यह कट्टर नारीवाद नहीं है. पर इस बात से जरूर सहमत हूं कि लिखने का अंदाज थोड़ा अटपटा है. वर्जिन या नॉट वर्जिन की जगह मैरिड या अनमैरिड भी लिखा जा सकता था. फिर भी, ड्राइवर कम से कम महिलाओं का सम्मान तो कर रहा है. एक अन्य यूजर ने लिखा, कुछ भी बकवास लिखा है. ये वर्जिन क्या होता है
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