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ऑफ़बीट

कैसे होता है हिजड़ों का अंतिम संस्कार? जानकर आपकी रूह कांप जाएगी

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नई दिल्ली। पहली बार हम किन्नरों से तब मिले जब वो सड़क पर रिक्शे में बैठे कहीं जा रहे थे या आस-पड़ोस में किसी जाकर घर में बधाई मांगने आए थे। इसके बाद जब वो हमारे खुद के घर आए थे। किन्नरों को देख कर हमेशा एक सवाल आपके दिमाग में रह जाता होगा कि क्या इनका सामाजिक जीवन आम लोगों के जीवन सा होता होगा? क्या एक आम इंसान के लिए जो रीती रिवाज़ बने है वही इन पर भी लागू होते हैं? ऐसा एक मायने में नहीं होता है। किन्नरों का अंतिम संस्कार आम इंसानों की तरह नहीं होता। कैसे होता है? ये बताते हैं।

आपको जानकार हैरानी होगी कि बाकी धर्मों से ठीक उलट किन्नरों की अंतिम यात्रा दिन के बजाय रात में निकलती है। किन्नरों के अंतिम संस्कार को गैर-किन्नरों से छिपाकर किया जाता है। मान्यता है कि अगर किसी किन्नर के अंतिम संस्कार को आम इंसान देख ले तो मरने वाले किन्नर का जन्म फिर से किन्नर की योनि में ही होता है। वैसे तो किन्नर हिन्दू धर्म के रीति-रिवाजों का पालन करते हैं, लेकिन इनकी डेड बॉडी को जलाया नहीं बल्कि दफनाया जाता है। इनके अंतिम संस्कार से पहले बॉडी को जूते-चप्पलों से पीटा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इससे उस जन्म में किए सारे पापों का प्रायश्चित हो जाता है। एक किन्नर की मौत के बाद बाकि किन्नर अगले एक हफ्ते तक खाना नहीं खाते।

एक बात जो आपको सबसे ज्यादा चौंका देगी कि किन्नर समाज अपने किसी सदस्य की मौत के बाद शोक या मातम नहीं मनाते। वो लोग मानते हैं कि इस मौत से एक किन्नर को नरक रूपी जिन्दगी से मुक्ति मिल गई। मौत के बाद किन्नर समाज अपने अराध्य देव अरावन से मांगते हैं कि अगले जन्म में मरने वाले को किन्नर ना बनाएं।

उत्तर प्रदेश

मैनपुरी में नाभि चूसकर पथरी निकालता था बाबा, दर्जनों लोग आते हैं इलाज कराने

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मैनपुरी। उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के नगला गुलालपुर में पाखंड और अंधविश्वास का गजब का खेल खेला जा रहा है। यहां एक बाबा है जो पथरी का फ्री में इलाज करता है और वो भी बगैर चीरफाड़ किए। बाबा मरीज की नाभि को मुंह से चूसकर ही पथरी का इलाज कर देता है। दर्जनों की संख्या में लोग यहां प्रतिदिन आते हैं और अपनी पथरी का इलाज कराते हैं।

नाभि से चूसकर पथरी निकालने वाला बाबा

बाबा कहां का रहने वाला है यह किसी को नहीं पता है। कुछ दिनों पहले भगतपुरी के नगला गुलालपुर में बने एक मंदिर में बाबा पहुंचता है। बाबा ने ग्रामीणों को अपनी विशेषताओं के बारे में बताया। इसके बाद लोगों ने बाबा को रहने के लिए जगह दे दी। इसके बाद से बाबा ने अंधविश्वास फैला रखा है। इसी तरह लोग बाबा को अलग-अलग स्थान पर बुलाते हैं और बाबा वहां पहुंचकर अपने अंधविश्वास की दुकान खोल लेता है। पथरी जैसी बीमारी, जिसके इलाज के लिए लोग हजारों रुपये खर्च करते हैं, बाबा बिना किसी पैसे और बिना चीरफाड़ किए ही पथरी को अपनी मुंह से बाहर निकालने का दावा करता है। इसी अंधविश्वास में आकर लोग श्रद्धा से बाबा को दान भी देते हैं।

मैनपुरी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरसी गुप्ता ने बताया अंधविश्वास

यह मामला तब प्रकाश में आया जब एक महिला पथरी की समस्या लेकर बाबा के पास पहुंची। पीड़ित महिला को पांच पथरी निकालने के बाद बाबा महिला के पति के साथ कहीं चला गया। इसके बाद से अबतक बाबा के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। बाबा द्वारा पथरी निकालने का वीडियो सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से वायरल हो रहा है। मैनपुरी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरसी गुप्ता ने बाबा द्वारा पथरी के इलाज का वीडियो देखने के बाद इस पर आपत्ति जताते हुए बाबा पर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाया है। साथ ही मरीजों को बाबा का विरोध करने की नसीहत दी।

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