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कश्मीर में पत्थरबाजों ने सेना की गाड़ी घेरी, जवान ने पत्थरबाज पर चढ़ाया पहिया
जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर की हालत दिन पर दिन खराब होती जा रही है। आये दिन हम लोगों को सेना और पत्थरबाजों के बीच होने वाली हरकत सुने को मिलती है। अभी हाल में ही शुक्रवार को 500 से ज्यादा पत्थरबाजों ने सीआरपीएफ की एक गाड़ी को घेर लिया। इस गाड़ी के अंदर CRPF के एक बड़े अधिकारी बैठे हुए थे। पत्थरबाजों की फौज उग्र थी और सेना की गाड़ी को पलटने की कोशिश कर रही थी। कुछ पत्थरबाजों ने गाड़ी का शीशा तोड़ा और अधिकारी को बाहर खींचने की कोशिश करने लगे।
इसी दौरान जिप्सी चला रहे सीआरपीएफ के जवान ने पत्थरबाजों से बचने के लिए दो पत्थरबाजों के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी, जिसमें से एक की मौत हो गई, जबकि दूसरा गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती है। इस मामले में सीआरपीएफ के खिलाफ कश्मीर में दो एफआईआर दर्ज हो गई हैं। एक तरफ पूरे देश में पत्थरबाजों की इस हरकत से गुस्से का माहौल है, वहीं दूसरी ओर कश्मीरी नेता मानवाधिकार का रोना रो रहे हैं।
दरअसल, ये घटना शुक्रवार को श्रीनगर की जामा मस्जिद के पास हुई। जुमे की नमाज के बाद बड़ी संख्या में कश्मीरी यहां सुरक्षाबलों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। तभी सीआरपीएफ की एक जिप्सी वरिष्ठ अधिकारी को लेकर गुजर रही थी। यह जिप्सी जामा मस्जिद के पास वाले इलाके से गुजर रही थी। यहां से जिप्सी गुजरती देख इन लोगों ने उसे घेर लिया।
पहले तो पत्थरबाजों ने गाड़ी पर कई पत्थर मारे और फिर उसे पलटने की कोशिश भी की। इसी दौरान ड्राइवर ने सूझबूझ दिखाते हुए दो लोगों पर गाड़ी चढ़ा दी और वहां से अधिकारी को सुरक्षित निकालने में कामयाब रहा। दोनों घायलों को शौरा के शेर एक कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां शनिवार को कैसर अहमद नाम के लड़के की मौत हो गई। घटना के बाद कश्मीरियों ने आरोप लगाया कि सेना का वाहन जानबूझ कर भीड़ में घुस गया था।
उमर अब्दुल्ला ने इस घटना की निंदा की है। उमर अब्दुल्ला ने राज्य सरकार पर हमला करते हुए ट्वीट कर कहा कि ‘सीजफायर का मतलब गोली नहीं जीप का इस्तेमाल करो।
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कौन है नारायण सिंह चौरा ? जिसने पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की हत्या करने का प्रयास किया
अमृतसर। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को बुधवार को पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के बाहर ‘सेवादार’ की ड्यूटी करते समय एक शख्स ने गोली मार दी। गोली दीवार पर लगने से व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल बाल बाल बच गये। आखिर किस शख्स ने सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलाई और उसका मकसद क्या था। तो बता दें कि फायरिंग करने वाले शख्स का नाम नारायण सिंह चौरा है जिसने गोली चलाई जिससे हड़कंप मच गया और तुरंत ही स्वर्ण मंदिर के बाहर खड़े कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया।
कौन हैं नारायण सिंह चौरा?
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नारायण सिंह चौरा एक खालिस्तानी पूर्व आतंकवादी है, जिस पर पहले भी कई मामले दर्ज हुए हैं और वह भूमिगत रहा है। चौरा, कुछ वर्षों तक पंथिक नेता के रूप में सक्रिय था, वह डेरा बाबा नानक क्षेत्र से हैं। मंगलवार को वह सफेद कुर्ता-पायजामा पहनकर सुखबीर बादल के पास घूमता भी दिखाई दिया था। वह बुड़ैल जेलब्रेक का मास्टरमाइंड था। चौरा ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकवादियों जगतार सिंह हवारा और परमजीत सिंह भियोरा को उनके दो साथियों जगतार सिंह तारा और देवी सिंह के साथ बुड़ैल जेल से भागने में मदद की थी। उसने जेल की बिजली सप्लाई काफी देर के लिए बंद कर दी थी।
जानिए पाकिस्तान से चौरा का कनेक्शन
कथित तौर पर नारायण सिंह चौरा 1984 में पंजाब में आतंकवाद के शुरुआती चरण के दौरान पाकिस्तान भाग गया था। वहां उसने भारत में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी खेप की तस्करी में अहम भूमिका निभाई। पाकिस्तान में, उन्होंने कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध और देशद्रोही साहित्य पर एक किताब भी लिखी थी। चौरा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड में संदिग्ध था।
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