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दिल्ली में अब कम होने लगा कोरोना का कहर, पिछले 24 घंटे में आए 3009 नए केस

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नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस का कहर कम होता दिख रहा है। लगातार कम मामले आने से राज्य में पॉजटिविटी रेट में भी गिरावट देखने को मिली है। ताजा आंकड़ो के मुताबिक दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट 5% के नीचे पहुंच गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में पिछले 24 घंटे में पॉजिटिविटी रेट 4.76% रहा। 4 अप्रैल के बाद पहली बार इतना कम पॉजिटिविटी रेट रहा है। दिल्ली में पिछले 24 घंटे में 3009 नए कोरोना मामले सामने आए और 252 लोगों की मौत हो गई। दिल्ली में कोरोना केस का कुल आंकड़ा 14,12,959 हो गया है। WHO यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक 5% से नीचे पॉजिटिविटी रेट एक सुरक्षित स्तर का सूचक है।

इस बीच दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट 5% के नीचे जाने से लॉकडाउन खुलने की अटकलें तेज़ हो गईं हैं। यहां बीते 24 घंटों में कोरोना के 3009 नए मामले आए और 252 लोगों की मौत हुई।

1 अप्रैल के बाद ये सबसे कम नए मामले हैं. दिल्ली में एक्टिव मामलों की संख्या भी 36,000 से नीचे हो गई है। 11 अप्रैल के बाद एक्टिव केस का ये सबसे कम आंकड़ा है। दिल्ली में संक्रमण दर 5 फीसदी से नीचे आई और रिकवरी 96 फीसदी के करीब पहुंच गई है।

नेशनल

1984 में हुए सिख विरोधी दंगे मामले में पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार को ठहराया गया दोषी

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नई दिल्ली। साल 1984 में हुए सिख विरोधी दंगे मामले में पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार को दोषी ठहराया जा चुका है। इस मामले में एडवोकेटे एचएस फुल्का ने कहा, “सज्जन कुमार को एक अन्य मामले में दोषी ठहराया गया था, जो हत्या का है। इससे पहले उन्हें 2018 में दिल्ली उच्च न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी और वे 6 साल जेल में रहे थे।

इस मामले को बंद करने का हर संभव प्रयास किया गया। रंगनाथ मिश्रा आयोग (1985) द्वारा जांच के आदेश दिए जाने के बाद एक प्राथमिकी दर्ज की गई और जसवंत सिंह की पत्नी ने सज्जन कुमार का नाम लिया, लेकिन दिल्ली पुलिस ने मामला बंद कर दिया और विधवा को परेशान किया।

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति जीपी माथुर ने सुझाव दिया कि इन मामलों की गलत जांच की गई थी और इसलिए पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने 2015 में जीपी माथुर के नेतृत्व में एक एसआईटी गठित की, जिसने मामले को फिर से खोला। सज्जन कुमार के खिलाफ लंबित एक अन्य मामले की सुनवाई चल रही है और उसे एसआईटी ने ही फिर से खोला है एसआईटी गठित करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी सरकार को बधाई।

वहीं सज्जन कुमार की सजा पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सचिव एस. प्रताप सिंह ने कहा, “आज सज्जन कुमार जैसे दुष्ट को सजा सुनाई गई है, जिसने 1984 में बच्चों और महिलाओं की बर्बर हत्या की थी। ऐसे आदमी को सरेआम गोली मार देनी चाहिए, ताकि जो अपराधी सोचते हैं कि वे अपने अपराध से बच निकलेंगे, उन्हें सबक मिले।

उन्होंने कहा, “मैं एच.एस. फुल्का का धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने 1984 के दंगों के मामलों पर लंबा समय बिताया और सज्जन कुमार और जगदीश टाइटलर जैसे लोगों को सजा दिलाई। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और दिल्ली कमेटी ने इस केस को आगे बढ़ाने में बहुत मदद की।

बता दें कि साल 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दिल्ली में दंगे सिख विरोधी दंगे भड़क गए थे। इन दंगों में दिल्ली में सैकड़ों निर्दोष सिखों की हत्या कर दी गई थी। दरअसल सिख समुदाय के इंदिरा गांधी के बॉडीगार्ड्स ने उनकी हत्या की थी, जिसके बाद यह हिंसा भड़की थी।

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