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उत्तर प्रदेश

2021 में फेसबुक से हुई मुलाकात, पीसीएस अफसर ने बना लिया जीवनसंगिनी

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deoria news

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सलेमपुर (देवरिया)। कहते हैं मोहब्बत कुछ नहीं देखती। न जाति, न पारिवारिक बैकग्राउंड, न दान-दहेज। यही हुआ पीसीएस अफसर डा.भागीरथी सिंह के जीवन में। फेसबुक के जरिये दोस्ती बढ़ी। यह दोस्ती कब प्यार में तब्दील हुई, इसे खुद डा.भागीरथी सिंह भी नहीं जान सके।

युवती का व्यवहार उन्हें इस कदर भाया कि अपना हमसफर बना लिया। उनका यह निर्णय जातिवाद, दहेज प्रथा व फिजूलखर्ची के साथ कई सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार है। उनके निर्णय की चहुंओर प्रशंसा हो रही है।

नायब तहसीलदार हैं डा. भागीरथी सिंह

सलेमपुर तहसील में नायब तहसीलदार के पद पर तैनात डा.भागीरथी सिंह ने बस्ती जिले की खुशबू चौधरी को जीवनसाथी बना लिया। उन्होंने उप निबंधन कार्यालय में उप निबंधक प्रतिमा के समक्ष शादी पंजीयन के लिए आवेदन किया।

डा.भागीरथी सिंह पिछड़ी जाति तो खुशबू अनुसूचित जाति की हैं। महराजगंज जिले के नगर पंचायत चौक के मैरवा टोला के रहने वाले डा. भागीरथी सिंह ने 2019 में पीसीएस परीक्षा पास की। उनकी पहली तैनाती सलेमपुर तहसील में हुई है।

2021 में फेसबुक से हुई मुलाकात

डा.भागीरथी सिंह के मुताबिक, बस्ती जिले के गिरही खुर्द मुहल्ले की रहने वाली खुशबू चौधरी से उनकी दोस्ती वर्ष 2021 में फेसबुक के जरिये हुई। उसके बाद दोनों में बातचीत का शुरू हुई। दोनों ने एक दूसरे को पसंद किया। डा.भागीरथी सिंह ने खुशबू के सामने शादी का प्रस्ताव रखा।

परिवारवाले नहीं थे तैयार

खुशबू के परिवार के लोग शादी के लिए तैयार नहीं हो रहे थे। जब डा.भागीरथी सिंह ने उनसे बातचीत की तो रजामंद हो गए। 12 मार्च को बस्ती जिले में दोनों परिवार के लोग मिले। एक दूसरे को करीब से जाना।

डा.भागीरथी सिंह ने खुशबू को अंगूठी पहनाया। जिसे शादी के रूप में दोनों ने स्वीकार कर लिया। सोमवार को उप निबंधन कार्यालय में शादी निबंधन के दौरान दोनों परिवार के लोग मौजूद थे।

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उत्तर प्रदेश

विधानसभा में गरजे सीएम योगी, कहा- अपने बच्चों को इंग्लिश स्कूल में भेजेंगे और दूसरे के बच्चों को, कठमुल्ला, मौलवी बनाएंगे

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लखनऊ। यूपी विधानसभा का बजट सत्र आज से शुरू हो गया। पहले ही दिन विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। सदन की कार्यवाही में हिंदी अवधी भोजपुरी को सदन का हिस्सा बनाकर सदस्यों को विधानसभा अध्यक्ष द्वारा समझाने के क्रम में माताप्रसाद पांडेय द्वारा अंग्रेज़ी को सदन की कार्यवाही में शामिल करने पर आपत्ति जताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला।

सीएम ने कहा कि समाजवादियों का यही दोहरा चरित्र है,अपने बच्चों को इंग्लिश पब्लिक स्कूल में भेजेंगे और दूसरे के बच्चों को गांव के विद्यालय में पढ़ने को कहेंगे। अपने बच्चों को अग्रेज़ी माध्यम में पढ़ाएंगे,और दूसरे को कहेंगे उर्दू पढ़ाओ, कठमुल्ला,मौलवी बनाना चाहते हैं, यह नही चलेगा। इससे पता चल जाता है कि जाकी रही भावना जैसी।

सीएम ने आगे कहा, इसीलिए आपने कल अवधी भोजपुरी बुंदेली भाषा का विरोध किया था। हमारी सरकार में विभिन्न बोलियों ब्रज, भोजपुरी, अवधी, बुंदेलखंडी को सम्मान मिल रहा है। हमारी सरकार में अलग अलग एकेडमी का गठन भी हो रहा है, यह सभी हिंदी की उपभाषा हैं, यानी हिंदी की बेटियां हैं। यह सदन विशुद्ध साहित्यिक और व्याकरण के विद्वानो का नही हैं। इस सदन में अलग अलग समाज से सदस्य यहां विभिन्न तबके से आये हैं। अंतिम पायदान के व्यक्ति की आवाज़ को सदन में मुखरता मिले, इसके लिए अगर व हिंदी में असमर्थ है तो अवधी, बुंदेलखंडी,भोजपुरी जिसमे समर्थ हो बोल सकता है।

विपक्ष पर साधा निशाना

हम अभिनन्दन करते है कि इन बोलियों को सम्मान मिले, इसके लिये हमने अकादमियों का गठन किया। आज दुनिया मे भारत के प्रवासी जो मॉरीशस फिजी में रह रहें है यही अवधी भाषाई लोग हैं। आप हर अच्छे कार्य का विरोध करते हैं, हम इसकी निंदा करते है, हमारी सरकार का मानना है कि इन बोलियों को सदन की प्रोसिडिंग में होना चाहिए।

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