मनोरंजन
कैंसर से जंग हार गई ये युवा एक्ट्रेस, मरने से पहले इंस्टाग्राम पर लिखी ये बात
मुंबई। ऐक्ट्रेस, मॉडल दिव्या चौकसी का रविवार को कैंसर से निधन हो गया। वो पिछले कई महीनो से कैंसर से जूझ रही थीं। अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। अंत में वो असहनीय दर्द झेलते हुए दुनिया को अलविदा कह गईं।
अपनी मौत के कुछ घंटों पहले ही उन्होंने खुद इंस्टाग्राम पर एक बेहद भावुक संदेश लिखकर अपने चाहने वालों को अलविदा कहा था। दिव्या ने इंस्टाग्राम पर लिखा, “मैं जो कहना चाहती हूं उसके लिए शायद शब्द काफी नहीं हैं। कई महीनों से लापता हूं और मेरे पास लोगों के मैसेजेस का अंबार जमा हो गया है। मैं बताना चाहती हूं कि मैं इस वक्त मृत्यु शैय्या पर हूं… शायद अगली जिंदगी बिना दर्द वाली हो। बस अब कोई सवाल नहीं… केवल भगवान जानता है कि आप हमारे लिए क्या अहमियत रखते हैं… अलविदा…।”
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की रहने वाली दिव्या आईएमशी मिस इंडिया यूनिवर्स की कंटेस्टेंट रह चुकी थीं। उन्होंने कई एड फिल्मों में काम किया। फिल्मी करियर की शुरुआत उन्होंने फिल्म ‘है अपना दिल तो अवारा’ से की थी। उन्होंने इसमें ‘सान्या दलवानी’ का किरदार निभाया था। दिव्या की कजिन सौम्या ने फेसबुक पर पोस्ट करके इस खबर की सूचना दी।
#divyachouksey #death #cancer #actress
मनोरंजन
मशहूर फिल्म निर्माता और निर्देशक सुभाष घई की तबियत बिगड़ी, लीलावती अस्पताल में भर्ती
नई दिल्ली। मशहूर फिल्म निर्माता और निर्देशक सुभाष घई को मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 79 वर्षीय को सांस संबंधी समस्याओं, कमजोरी और बार-बार चक्कर आने के बाद बुधवार को आईसीयू में ले जाया गया था। अस्पताल के सूत्रों के अनुसार, घई वर्तमान में न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. विजय चौधरी, हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. नितिन गोखले और पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. जलील पारकर सहित विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम की कड़ी निगरानी में हैं।
कौन हैं सुभाष घई?
राम लखन (1989), खलनायक (1993), हीरो (1983), कर्ज़ (1980) जैसी फिल्में बनाने वाले सुभाष घई एक दिग्गज डायरेक्टर हैं। सुभाष घई को शोमैन के नाम से भी जाना जाता है। 1976 से सुभाष फिल्मों का निर्देशन कर रहे हैं। सुभाष ने 1976 में फिल्म कालीचरण (1976) से शुरुआत की, यह फिल्म उन्होंने बिना किसी पूर्व निर्देशन अनुभव के बनाई। एनएन सिप्पी के पास आने से पहले फिल्म को सात बार खारिज कर दिया गया था, जिन्होंने घई को मौका दिया था। इसके बाद उन्होंने दो साल बाद विश्वनाथ (1978) के साथ काम किया, लेकिन अपनी तीसरी फिल्म और पहली बार अपने मुक्ता आर्ट्स बैनर के तहत, कर्ज़ (1980) के साथ बड़ी सफलता हासिल की। ऋषि कपूर और टीना मुनीम की हिट जोड़ी के साथ, कर्ज़ ने सुभाष और लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल को एक साथ लाया। सुभाष घई अब तक बॉलीवुड में कई फिल्में डायरेक्ट कर चुके हैं। जिनमें से कई फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही हैं।
-
लाइफ स्टाइल2 hours ago
उम्र बढ़ने का असर नहीं दिखेगा त्वचा पर, बस करना होगा यह काम
-
उत्तर प्रदेश2 days ago
एनसीसी के प्रदेश स्तरीय कैंप कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बनकर फूडमैन विशाल सिंह ने एनसीसी कैडेट्स को प्रेरित किया
-
उत्तर प्रदेश2 days ago
लखनऊ में अवैध गैस गोदाम में जबरदस्त ब्लास्ट, आधा दर्जन लोग घायल
-
खेल-कूद2 days ago
IND VS AUS: मुश्किल में टीम इंडिया, पांच विकेट गिरे, पारी की हार का खतरा मंडराया
-
मनोरंजन2 days ago
‘पुष्पा 2: द रूल’ ने दुनिया भर से कमाए 400 करोड़ रुपए
-
अन्तर्राष्ट्रीय2 days ago
आइवरी कोस्ट में भीषण सड़क हादसा, दो बसों की टक्कर में 26 की मौत, 28 लोग घायल
-
प्रादेशिक2 days ago
पटना पुलिस ने खान सर को नहीं किया गिरफ्तार, तथ्यहीन पोस्ट करने वालों पर कार्रवाई करेगी बिहार पुलिस
-
नेशनल2 days ago
सरकार और किसानों के बीच आज हो सकती है बातचीत