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आध्यात्म

दीपावली का त्यौहार आज, इन संदेशों से दे दिवाली की शुभकामनाएं

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इस वर्ष दिवाली का त्योहार 4 नवंबर को मनाया जाएगा। पांच दिवसीय दिवाली की शुरूआत धनतेरस के दिन से हो जाती है और भाई दूज के दिन इसका समापन होता है। इस दौरान बाजारों और धार्मिक स्थलों पर एक अलग ही रौनक देखने को मिलती है। जगह-जगह लाइट और दीयों की सजावट आंखों को खूब लुभाती हैं। बता दें कि हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन घर में धन, वैभव और सुख-शांति के लिए माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और भगवान कुबेर की पूजा करने की परंपरा है।

धार्मिक पहलू की बात करें तो दिवाली के मौके पर ही भगवान श्री राम, माता सीता और अपने भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्षों का वनवास खत्म कर, अयोध्या लौटे थे। नगरवासियों ने उनके स्वागत के लिए पूरे नगर में दीप जलाए थे, तभी से दिवाली का त्योहार मनाने की परंपरा है। इसलिए दिवाली को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी माना जाता है। दिवाली के मौके पर लोग एक-दूसरे को मैसेज भेजकर विश करते हैं। आप भी अपने प्रियजनों को इन शुभकामना संदेशों के जरिए दिवाली की बधाई दे सकते हैं।

1- नव दीप जले नव फूल खिले,
नित नई बहार मिलें,
दीपावली के पावन अवसर पर आपको,
मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलें।
हैप्पी दिवाली

2- दिए की रोशनी से सब अंधेरे दूर हो जाएं,
दुआ है कि आप जो चाहो वो खुशी मंजूर हो जाए।
आपको हैप्पी दिवाली

3- सोने का रथ, चांदी की पालकी,
बैठकर जिसमें मां लक्ष्मी आईं,
देने आपको और आपको परिवार को,
दिवाली की बधाई।

4- गुल ने गुलशन से गुलफाम भेजा है,
सितारों ने गगन से सलाम भेजा है,
मुबारक हो आपको ये दिवाली,
हमने तहे दिल से ये पैगाम भेजा है।
हैप्पी दिवाली 2021

5- सुख समृद्धि आपको मिले इस दिवाली पर,
दुख से मुक्ति मिले इस दिवाली पर,
मां लक्ष्मी का आशीर्वाद हो आपके साथ
और लाखों खुशियां मिले इस दिवाली पर।
शुभ दिवाली 2021

आध्यात्म

नवरात्रि के चौथे दिन होती है मां कुष्मांडा की आराधना, भक्तों के सभी कष्ट हरती हैं मां

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नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है। इस दिन मां कूष्मांडा की उपासना की जाती है।  मां कूष्मांडा यानी कुम्हड़ा। कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है कुम्हड़ा, यानी कद्दू, पेठा। धार्मिक मान्यता है कि मां कूष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत प्रिय है। इसलिए मां दुर्गा के इस स्वरुप का नाम कूष्मांडा पड़ा।

मां को प्रिय है ये भोग

नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा को मालपुआ का प्रसाद अर्पित कर भोद लगाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी। साथ ही इस दिन कन्याओं को रंग-बिरंगे रिबन या वस्त्र भेट करने से धन में वृद्धि होगी।

यूं करें मां कूष्मांडा की पूजा

मां कूष्मांडा की पूजा सच्चे मन से करें। मन को अनहत चक्र में स्थापित करें और मां का आशीर्वाद लें। कलश में विराजमान देवी-देवता की पूजा करने के बाद मां कूष्मांडा की पूजा करें। इसके बाद हाथों में फूल लें और मां का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करें।

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु।

माता कूष्मांडा हरेंगी सारी समस्याएं

जीवन में चल रही परेशानियों और समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मां कूष्मांडा के इस मंत्र का जाप 108 बार अवश्य करें। ऐसा करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।

दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्।
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥

मां कूष्मांडा की पूजा के बाद इस मंत्र का 21 बार जप करें

सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।

दधाना हस्त पद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

शास्त्रों में उल्लेख है कि इस मंत्र के जप से सूर्य संबंधी लाभ तो मिलेगा ही,साथ ही, परिवार में खुशहाली आएगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आय में बढ़ोतरी होगी।

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