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आध्यात्म

दीपावली का त्यौहार आज, इन संदेशों से दे दिवाली की शुभकामनाएं

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इस वर्ष दिवाली का त्योहार 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा। पांच दिवसीय दिवाली की शुरूआत धनतेरस के दिन से हो जाती है और भाई दूज के दिन इसका समापन होता है। इस दौरान बाजारों और धार्मिक स्थलों पर एक अलग ही रौनक देखने को मिलती है। जगह-जगह लाइट और दीयों की सजावट आंखों को खूब लुभाती हैं। बता दें कि हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन घर में धन, वैभव और सुख-शांति के लिए माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और भगवान कुबेर की पूजा करने की परंपरा है।

धार्मिक पहलू की बात करें तो दिवाली के मौके पर ही भगवान श्री राम, माता सीता और अपने भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्षों का वनवास खत्म कर, अयोध्या लौटे थे। नगरवासियों ने उनके स्वागत के लिए पूरे नगर में दीप जलाए थे, तभी से दिवाली का त्योहार मनाने की परंपरा है। इसलिए दिवाली को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी माना जाता है। दिवाली के मौके पर लोग एक-दूसरे को मैसेज भेजकर विश करते हैं। आप भी अपने प्रियजनों को इन शुभकामना संदेशों के जरिए दिवाली की बधाई दे सकते हैं।

1- नव दीप जले नव फूल खिले,
नित नई बहार मिलें,
दीपावली के पावन अवसर पर आपको,
मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलें।
हैप्पी दिवाली

2- दिए की रोशनी से सब अंधेरे दूर हो जाएं,
दुआ है कि आप जो चाहो वो खुशी मंजूर हो जाए।
आपको हैप्पी दिवाली

3- सोने का रथ, चांदी की पालकी,
बैठकर जिसमें मां लक्ष्मी आईं,
देने आपको और आपको परिवार को,
दिवाली की बधाई।

4- गुल ने गुलशन से गुलफाम भेजा है,
सितारों ने गगन से सलाम भेजा है,
मुबारक हो आपको ये दिवाली,
हमने तहे दिल से ये पैगाम भेजा है।
हैप्पी दिवाली 2021

5- सुख समृद्धि आपको मिले इस दिवाली पर,
दुख से मुक्ति मिले इस दिवाली पर,
मां लक्ष्मी का आशीर्वाद हो आपके साथ
और लाखों खुशियां मिले इस दिवाली पर।
शुभ दिवाली 2021

आध्यात्म

महाशिवरात्रि 2025 : जानें क्यों मनाया जाता है महाशिवरात्रि का पर्व, क्या है पूजा विधि

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नई दिल्ली। हर साल फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि पर महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। माना जाता है कि इसी तिथि पर भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था। इस दिन शाम को विशेष पूजा का महत्व है। माना जाता है कि भगवान शिव की रात्रि 4 पहर पूजा करने से मनुष्य की हर मनोकामना पूर्ण होती है। ऐसे में इस अवसर आप भी भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा, व्रत और मंत्र आदि जप पर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। मान्यता है कि महादेव अन्य देवों की तुलना बहुत दयालु हैं, उन्हें महज बेलपत्र चढ़ाकर भी प्रसन्न किया जा सकता है।

क्या है पूजा विधि?

सबसे पहले सुबह स्नान आदि करें और सूर्यदेव को जल अर्पित करें। इसके बाद दूध-दही,शहद, घी और गंगाजल आदि से भोलेनाथ का अभिषेक करें। याद रहे कि जलाभिषेक करते समय आपका मुंह दक्षिण दिशा में होना चाहिए। फिर शिवलिंग पर भस्म लगाएं और बेलपत्र, मोली,साबुत अक्षत, फल, पान-सुपारी अर्पित करें। फिर महादेव की आरती करें और शिवलिंग के सामने शिव गायत्री मंत्र “ऊँ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।” या फिर श‍िव नामावली मंत्र- श्री शिवाय नम:” का जप करें।

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