उत्तर प्रदेश
प्रदेश में हर पात्र व्यक्ति को मिल रहा पीएम मुद्रा योजना का लाभ
लखनऊ। केंद्र सरकार की योजनाओं को हर पात्र व्यक्ति तक पहुंचाने में योगी सरकार के प्रयास फलीभूत हो रहे हैं। इसी क्रम में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का प्रदेश के लोगों को बड़ा लाभ मिल रहा है। इस योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में जून माह तक साढ़े 11 लाख से ज्यादा लोगों को करीब 11 हजार करोड़ रुपए का लोन प्राप्त हो चुका है। यह लोन प्रदेश में संचालित सभी बैंकों और नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (एनबीएफसी) के माध्यम से प्रदान किया गया है। इस योजना का प्रदेश के नागरिक अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर सकें, इसके लिए योगी सरकार द्वारा बैंकों के साथ समन्वय भी स्थापित किया जा रहा है। साथ ही सीएम योगी नियमित रूप से योजना की समीक्षा भी कर रहे हैं, जिससे हर पात्र व्यक्ति तक आसानी से लोन सुलभ कराया जा सके। उल्लेखनीय है कि देश के लोगों को उद्यमी के तौर पर प्रोत्साहित करने के लिए मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की शुरुआत की थी। इस योजना को योगी सरकार ने प्राथमिकता के आधार पर उत्तर प्रदेश में क्रियान्वित किया है, जिससे लोगों को प्रदेश में उद्यम स्थापित करने या उद्यम के विस्तार में आर्थिक सहायता का लाभ मिला है।
एसएलबीसी ने प्रस्तुत की प्रगति रिपोर्ट
हाल ही में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी यूपी) ने मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के साथ हुई बैठक में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से संबंधित प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024-25 के तहत 30 जून 2024 तक प्रदेश भर में कुल 11.63 लाख अकाउंटहोल्डर्स को बैंकों और एनबीएफसी के द्वारा कुल 10,996 करोड़ रुपए का लोन वितरित किया गया है। इनमें बैंकों के जरिए 7.10 लाख अकाउंटहोल्डर्स को 9039 करोड़ रुपए का लोन वितरित किया गया, जबकि एनबीएफसी के द्वारा 4.53 करोड़ लोगों को 1957 करोड़ रुपए का ऋण उपलब्ध कराया गया। एसएलबीसी एक तरह से केंद्र और राज्य सरकार के बीच सेतु का काम करने वाला फोरम है। इस फोरम में त्रैमासिक बैठकों के माध्यम से विभिन्न विकास कार्यक्रमों की प्रगति समीक्षा की जाती है तथा विभिन्न मानकों में निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति के लिए रणनीति तैयार की जाती है। उत्तर प्रदेश में इस फोरम के संयोजन का गौरव बैंक ऑफ बड़ौदा को प्राप्त है। इसके अनुसार, प्रदेश में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की प्रगति बहुत अच्छी है।
साल दर साल हो रही लाभार्थियों की संख्या में वृद्धि
प्रगति रिपोर्ट में वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 का भी उल्लेख किया गया है। इसके अनुसार 2022-23 में 68 लाख से ज्यादा लोगों को सभी बैंकों और एनबीएफसी की ओर से 47,427 करोड़ रुपए का लोन वितरित किया गया। इसमें बैंकों से 48.97 लाख अकाउंटहोल्डर्स को 39,861 करोड़ रुपए तो वहीं एनबीएफसी की ओर स 19.11 लाख अकाउंटहोल्डर्स को 7566 करोड़ रुपए का लोन उपलब्ध कराया गया। इसी तरह, वित्तीय वर्ष 2023-24 में 76.76 लाख लोगों को 58,522 करोड़ रुपए का लोन प्राप्त हुआ। इसमें बैंकों की ओर से 41.57 लाख अकाउंटहोल्डर्स को 41,490 करोड़, जबकि 35.19 लाख को 17,032 करोड़ रुपए का लोन दिलाया गया। इसका मतलब ये है कि योजना के तहत हर वर्ष लाभार्थियों और लोन की धनराशि में लगातार वृद्धि हो रही है।
10 लाख रुपए तक का मिलता है लोन
देश के युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार प्रधानमंत्री मुद्रा योजना चला रही है। इस स्कीम से तहत ग्रामीण क्षेत्रों में गैर कॉर्पोरेट छोटे उद्यमों को शुरू करने या उसके विस्तार के लिए 10 लाख रुपए तक का लोन आसानी से और सस्ती ब्याज दरों पर उपलब्ध कराया जाता है। लोन आसानी से और सस्ती दरों पर प्रदान किया जाता है। इसे तीन कैटेगरी में बांटा गया है। पहली शिशु लोन, जिसके तहत 50 हजार रुपए तक का लोन दिया जाता है। दूसरा किशोर लोन, जिसके तहत 50 हजार रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक का लोन प्रदान किया जाता है। तीसरा, तरुण लोन के तहत 5 लाख से 10 लाख रुपए तक का लोन दिया जा सकता है।
उत्तर प्रदेश
लंगड़े भेड़िए ने बनाया अपना नया झुंड, डर के साए में जीने को मजबूर लोग
बहराइच। उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में आदमखोर भेड़ियों का आतंक जारी है। माता-पिता अपनी और अपने बच्चों की जान को लेकर फिक्र मंद हैं। यहां पांचवें भेड़िए के पकड़े जाने के बाद अब बस एक लंगड़ा भेड़िया बचा है। यह छठा भेड़िया लगातार महिलाओं और बच्चों को अपना निशाना बना रहा है।
इस बीच बहराइच में भाजपा के विधान परिषद सदस्य पदमसेन चौधरी के फार्म हाउस पर की बुधवार शाम चार भेड़ियों का झुंड देखा गया है। स्थानीय लोगों का दावा है कि इस झुंड में एक लंगड़ा भेड़िया भी है। माना जा रहा है कि ये वही भेड़िया है जिसकी वन विभाग को तलाश है। हालांकि भेड़ियों के नए झुंड ने लोगों का डर और ज्यादा बढ़ गया है।
भाजपा के विधान परिषद सदस्य पदमसेन चौधरी ने बताया है कि सिसैया चूरामनि गांव से मात्र पांच किलोमीटर दूरी पर उनके फार्म हाउस पर बुधवार शाम चार भेड़ियों का एक झुंड देखा गया। इनमें से एक भेड़िया लंगड़ा बताया जा रहा है। ग्रामीणों ने भेड़ियों को घेरना शुरू किया तो वे हमारे मक्के के खेत से होते हुए पड़ोसी के खेत में चले गये। अब संभवतः किसी खेत में ही भेड़िए छिपे हैं। हालांकि, वन अधिकारी ने कहा कि ऐसा नहीं लगता कि इस नये झुंड में आदमखोर भेड़िया शामिल होगा। अधिकारी ने कहा कि भेड़ियों का ये झुंड अगर नरभक्षी नहीं है, फिर भी इसे पकड़ने की कवायद हुई तो इसके सदस्य भेड़िये भी बदले की भावना से इंसानों पर हमलावर हो सकते हैंर और ज्यादा बढ़ा दिया है।
बहराइच के महसी तहसील अंतर्गत घाघरा नदी के कछार में स्थित 50 गांवों के हजारों लोग भेड़ियों के हमलों से दहशत में हैं। यहां आदमखोर भेड़ियों ने इस साल मार्च में सबसे पहले एक बच्चे पर हमला कर दिया था, लेकिन जुलाई के बाद से भेड़ियों का हमला बढ़ता जा रहा है। ये भेड़िये अक्सर घरों में सो रहे बच्चों को निशाना बनाते हैं। डेढ़ महीने में भेड़ियों का झुंड महिलाओं और बच्चों समेत दस लोगों की जान ले चुका है. इसके अलावा भेड़ियों ने 35 लोगों को घायल कर दिया है।
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