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आध्यात्म

पटना में दिखी एकता की मिसाल, अज़ान के वक़्त हनुमान मंदिर ने बंद किया लाउडस्पीकर

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बिहार की राजधानी पटना में आपसी सौहार्द और भाईचारे का एक उदाहरण देखने को मिला। रविवार को पटना के हनुमान मंदिर ने अजान के दौरान अपने लाउडस्पीकर बंद दिए। मस्जिद और मंदिर के बीच की दूरी 50 मीटर है। वहीं एक-दूसरे के प्रति सम्मान दर्शाते हुए मस्जिद ने मंदिर में आने वाले भक्तों का ख्याल रखा। यह नजारा ऐसे समय पर देखने को मिला है जब सूबे में लाउडस्पीकर को लेकर चर्चा जोरो पर है।

बीजेपी बिहार में यूपी की तरह लाउडस्पीकर हटाने की मांग कर रही है। नीतीश सरकार में मंत्री जनक राम ने मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकर पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने मस्जिद से लाउडस्पीकर के जरिए आने वाली तेज अजान पर रोक लगाने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि जब होली, दिवाली पर डीजे और तेज गति वाले वाहन पर रोक लग सकती है तो मस्जिदों के लाउडस्पीकर से तेज आवाज में आने वाली अजान पर भी रोक लगाई जानी चाहिए। मंत्री का कहना था कि जनप्रतिनिधि होने के नाते मुझे इसकी शिकायत मिलती रहती है।

हालांकि सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राय इससे बिलकुल उलट है। उनका कहना है कि हमारे विचार से सभी वाकिफ हैं। हम कभी किसी भी धर्म में किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं करते हैं। इससे पहले उन्होंने लाउडस्पीकर हटाने की बात को फालतू बताया था। उन्होंने कहा था कि बिहार में धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर को हटाए जाने की बात का कोई मतलब नहीं है। सभी को अपना धर्म मानने का पूरा अधिकार है।

आध्यात्म

महाशिवरात्रि 2025 : जानें क्यों मनाया जाता है महाशिवरात्रि का पर्व, क्या है पूजा विधि

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नई दिल्ली। हर साल फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि पर महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। माना जाता है कि इसी तिथि पर भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था। इस दिन शाम को विशेष पूजा का महत्व है। माना जाता है कि भगवान शिव की रात्रि 4 पहर पूजा करने से मनुष्य की हर मनोकामना पूर्ण होती है। ऐसे में इस अवसर आप भी भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा, व्रत और मंत्र आदि जप पर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। मान्यता है कि महादेव अन्य देवों की तुलना बहुत दयालु हैं, उन्हें महज बेलपत्र चढ़ाकर भी प्रसन्न किया जा सकता है।

क्या है पूजा विधि?

सबसे पहले सुबह स्नान आदि करें और सूर्यदेव को जल अर्पित करें। इसके बाद दूध-दही,शहद, घी और गंगाजल आदि से भोलेनाथ का अभिषेक करें। याद रहे कि जलाभिषेक करते समय आपका मुंह दक्षिण दिशा में होना चाहिए। फिर शिवलिंग पर भस्म लगाएं और बेलपत्र, मोली,साबुत अक्षत, फल, पान-सुपारी अर्पित करें। फिर महादेव की आरती करें और शिवलिंग के सामने शिव गायत्री मंत्र “ऊँ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।” या फिर श‍िव नामावली मंत्र- श्री शिवाय नम:” का जप करें।

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