उत्तर प्रदेश
चंद्रयान 3: सीमा हैदर ने रखा व्रत, कहा- सफल लैंडिंग तक अन्न का एक दाना नहीं खाऊँगी

नई दिल्ली। पाकिस्तान से भारत आई सीमा हैदर ने चंद्रयान 3 की सफलता के लिए व्रत रखा है। सीमा हैदर ने कहा है कि जब तक चंद्रयान, चांद पर लैंड नहीं हो जाता तब तक वो अन्न का एक भी दाना नहीं खाएंगी। सीमा हैदर ने कहा कि पीएम मोदी देश के लिए बहुत मेहनत कर रहे हैं। ऐसे में चंद्रयान का सफल होना बहुत जरुरी है।
सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में सीमा हैदर को कहते सुना जा सकता है कि ‘मेरा स्वास्थ्य ठीक तो नहीं है, लेकिन फिर भी में व्रत ले रही हूं। भारत का चंद्रयान 3 आज शाम चंद्रमा पर उतरेगा। इससे हमारे देश का काफी नाम होगा। इसलिए में तब तक व्रत रखूंगी, जब तक चंद्रयान 3 सफलतापूर्वक चांद पर नहीं उतर जाएगा।
सीमा हैदर ने प्रार्थना करते हुए कहा कि ‘श्री राधे कृष्ण पर मेरा बहुत विश्वास है। हे प्रभु, हे भगवान, हे प्रभु श्रीराम, हे सभी देवी देवता, हमारे देश भारत का चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक चांद पर उतर जाए। पीएम नरेंद्र मोदी का नाम लेते हुए सीमा हैदर ने कहा कि इस मिशन के सफल होने के लिए हमारे देश के माननीय प्रधानमंत्री जी बहुत मेहनत कर रहे हैं जिससे हमारे देश का नाम ऊंचा होगा और दुनिया में दबदबा बनेगा।
उत्तर प्रदेश
विधानसभा में गरजे सीएम योगी, कहा- अपने बच्चों को इंग्लिश स्कूल में भेजेंगे और दूसरे के बच्चों को, कठमुल्ला, मौलवी बनाएंगे

लखनऊ। यूपी विधानसभा का बजट सत्र आज से शुरू हो गया। पहले ही दिन विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। सदन की कार्यवाही में हिंदी अवधी भोजपुरी को सदन का हिस्सा बनाकर सदस्यों को विधानसभा अध्यक्ष द्वारा समझाने के क्रम में माताप्रसाद पांडेय द्वारा अंग्रेज़ी को सदन की कार्यवाही में शामिल करने पर आपत्ति जताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला।
सीएम ने कहा कि समाजवादियों का यही दोहरा चरित्र है,अपने बच्चों को इंग्लिश पब्लिक स्कूल में भेजेंगे और दूसरे के बच्चों को गांव के विद्यालय में पढ़ने को कहेंगे। अपने बच्चों को अग्रेज़ी माध्यम में पढ़ाएंगे,और दूसरे को कहेंगे उर्दू पढ़ाओ, कठमुल्ला,मौलवी बनाना चाहते हैं, यह नही चलेगा। इससे पता चल जाता है कि जाकी रही भावना जैसी।
सीएम ने आगे कहा, इसीलिए आपने कल अवधी भोजपुरी बुंदेली भाषा का विरोध किया था। हमारी सरकार में विभिन्न बोलियों ब्रज, भोजपुरी, अवधी, बुंदेलखंडी को सम्मान मिल रहा है। हमारी सरकार में अलग अलग एकेडमी का गठन भी हो रहा है, यह सभी हिंदी की उपभाषा हैं, यानी हिंदी की बेटियां हैं। यह सदन विशुद्ध साहित्यिक और व्याकरण के विद्वानो का नही हैं। इस सदन में अलग अलग समाज से सदस्य यहां विभिन्न तबके से आये हैं। अंतिम पायदान के व्यक्ति की आवाज़ को सदन में मुखरता मिले, इसके लिए अगर व हिंदी में असमर्थ है तो अवधी, बुंदेलखंडी,भोजपुरी जिसमे समर्थ हो बोल सकता है।
विपक्ष पर साधा निशाना
हम अभिनन्दन करते है कि इन बोलियों को सम्मान मिले, इसके लिये हमने अकादमियों का गठन किया। आज दुनिया मे भारत के प्रवासी जो मॉरीशस फिजी में रह रहें है यही अवधी भाषाई लोग हैं। आप हर अच्छे कार्य का विरोध करते हैं, हम इसकी निंदा करते है, हमारी सरकार का मानना है कि इन बोलियों को सदन की प्रोसिडिंग में होना चाहिए।
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