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‘दीदी’ को लग रहे हैं झटके पर झटके! एक औऱ TMC विधायक समेत चार बड़े नेता BJP में शामिल
लोकसभा 2019 के चुनावीं में मोदी सरकार ने एक बार फिर खुद को साबित किया है। इसी बीच ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस और सीपीएम को जोरदार झटका लगा है। लोकसभा चुनाव 2019 में कई सीटों का नुकसान होने के बाद टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक बार फिर 440 वॉल्ट का झटका लगा है। आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 में नुकसान पहुंचाने के बाद भाजपा लगातार दीदी को झटके देती जा रही है। बुधवार को तृणमूल कांग्रेस के विधायक मनिरुल इस्लाम ने बीजेपी ज्वाइन किया। इसके बाद कैलाश विजयवर्गीय की मौजूदगी में टीएमसी विधायक मनिरुल इस्लाम समेत टीएमसी नेता गदाधर हाजरा, मोहम्मद आसिफ इकबाल और गदाधर हाजराने भी कमल थाम लिया।टीएमसी में अब पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल होने का सिलसिला जारी हो गया है। मंगलवार को बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि सात चरणों में टीएमसी नेताओं को वे पार्टी में शामिल कराएंगे।भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि, ‘दीदी के अहंकार के कारण वहां लोगों का दम घुट रहा है। इसलिए बड़ी संख्या में लोगों का विश्वास मोदी जी पर है। मोदी जी न सिर्फ बंगाल के अंदर शांति की स्थापना करेंगे, हिंसा समाप्त करेंगे बल्कि बंगाल का विकास करेंगे।’
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कौन है नारायण सिंह चौरा ? जिसने पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की हत्या करने का प्रयास किया
अमृतसर। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को बुधवार को पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के बाहर ‘सेवादार’ की ड्यूटी करते समय एक शख्स ने गोली मार दी। गोली दीवार पर लगने से व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल बाल बाल बच गये। आखिर किस शख्स ने सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलाई और उसका मकसद क्या था। तो बता दें कि फायरिंग करने वाले शख्स का नाम नारायण सिंह चौरा है जिसने गोली चलाई जिससे हड़कंप मच गया और तुरंत ही स्वर्ण मंदिर के बाहर खड़े कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया।
कौन हैं नारायण सिंह चौरा?
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नारायण सिंह चौरा एक खालिस्तानी पूर्व आतंकवादी है, जिस पर पहले भी कई मामले दर्ज हुए हैं और वह भूमिगत रहा है। चौरा, कुछ वर्षों तक पंथिक नेता के रूप में सक्रिय था, वह डेरा बाबा नानक क्षेत्र से हैं। मंगलवार को वह सफेद कुर्ता-पायजामा पहनकर सुखबीर बादल के पास घूमता भी दिखाई दिया था। वह बुड़ैल जेलब्रेक का मास्टरमाइंड था। चौरा ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकवादियों जगतार सिंह हवारा और परमजीत सिंह भियोरा को उनके दो साथियों जगतार सिंह तारा और देवी सिंह के साथ बुड़ैल जेल से भागने में मदद की थी। उसने जेल की बिजली सप्लाई काफी देर के लिए बंद कर दी थी।
जानिए पाकिस्तान से चौरा का कनेक्शन
कथित तौर पर नारायण सिंह चौरा 1984 में पंजाब में आतंकवाद के शुरुआती चरण के दौरान पाकिस्तान भाग गया था। वहां उसने भारत में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी खेप की तस्करी में अहम भूमिका निभाई। पाकिस्तान में, उन्होंने कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध और देशद्रोही साहित्य पर एक किताब भी लिखी थी। चौरा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड में संदिग्ध था।
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