नेशनल
बिहार की नीतीश सरकार बेटी के जन्म से ग्रेजुएशन तक देगी 54 हज़ार रुपए
बिहार की नीतीश सरकार ने गुरुवार को ‘कन्या उत्थान योजना’ को मंजूरी दे गदी गई है। यह फैसला कल नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में लिया गया। इस योजना के तहत नीतीश सरकार बेटी के जन्म से लेकर ग्रेजुएशन करने तक उनकी पढ़ाई का खर्च कदम दर कदम उठाएगी।
यह योजना राज्य की सभी कन्याओं को जन्म से लेकर स्नातक होने तक के लिए है। लेकिन इस योजना का लाभ उन्हीं परिवार को मिलेगा जिनके दो बच्चे हैं। इस योजना के तहत समेकित रूप से एक कन्या को जन्म से स्नातक होने तक कुल 54,100 रुपये तक मिल सकेगा। मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना पर प्रति वर्ष 2,221 करोड़ रुपये से अधिक राशि व्यय कर लगभग 1 करोड़ 60 लाख कन्याओं को लाभान्वित करने का अनुमान है। इस योजना का कार्यान्वयन समाज कल्याण विभाग, शिक्षा विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जाएगा एवं प्रोत्साहन राशि का भुगतान लाभार्थी को डीबीटी के माध्यम से उनके बैंक खाते में किया जाएगा।
बिहार में कन्याओं के संरक्षण, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं स्वावलंबन पर आधारित 'मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना' की शुरुआत राज्य सरकार द्वारा की जा रही है। https://t.co/2DVo13hXNr pic.twitter.com/6vAJoRU3lI
— Nitish Kumar (@NitishKumar) April 19, 2018
मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना की जानकारी देते हुए बताया गया है कि समाज कल्याण विभाग द्वारा कन्या शिशु के जन्म पर माता/पिता/अभिभावक के बैंक खाते में 2000 रुपये देने का प्रावधान है। साथ ही 1 वर्ष पूरा होने तथा आधार पंजीयन कराने पर माता/पिता/अभिभावक के बैंक खाते में 1000 रुपये देने का प्रावधान किया गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा 2 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर कन्या के सम्पूर्ण टीकाकरण कराने पर माता/पिता/अभिभावक के बैंक खाते में 2000 रुपये देने का प्रावधान, जबकि शिक्षा विभाग द्वारा वर्ग एक-दो के लिए मुख्यमंत्री पोशाक योजना (बालिकाओं के लिए) के अन्तर्गत 400 रुपये की राशि को बढ़ाकर 600 रुपये किया गया है।
उसी प्रकार शिक्षा विभाग द्वारा वर्ग 3-5 के लिए मुख्यमंत्री पोशाक योजना (बालिकाओं के लिए) के अन्तर्गत 500 रुपये की राशि को बढ़ाकर 700 रुपये किया गया है। वर्ग 6-8 के लिए मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना के अंतर्गत 700 की राशि को बढ़ाकर 1000 रुपये किया गया है। वर्ग 9-12 के लिए बिहार शताब्दी मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना के अंतर्गत 1000 रुपये की राशि को बढ़ाकर 1,500 रुपये किया गया है।
नेशनल
नोएल टाटा चुने गए रतन टाटा के उत्तराधिकारी, बने टाटा ट्रस्ट के नए चेयरमैन
नई दिल्ली। देश ही नहीं दुनिया के दिग्गज कारोबारी रतन टाटा ने दुनिया को अलविदा कह दिया है। उनके जाने के बाद लोगों के मन में यही सवाल था कि टाटा का अब अगला उत्तराधिकारी कौन होगा। अब इसका जवाब भी मिल गया है। रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा, टाटा ट्रस्ट के नए चेयरमैन होंगे। नोएल अभी तक टाटा के दोनों ट्रस्ट के ट्रस्टी थे, लेकिन वे अब चेयरमैन कहलाएंगे। आज सुबह टाटा ट्रस्ट की बोर्ड मीटिंग हुई और इसी में नोएल टाटा की नियुक्ति का फैसला लिया गया। इसके साथ ही अब नोएल दुनियाभर के 100 से ज्यादा देशों में फैले टाटा ग्रुप के कारोबार को संभालेंगे। इस जिम्मेदारी को निभाने में उनके तीनों बच्चे लिया, माया और नेविल सहयोग करेंगे, जो पहले से ही टाटा ग्रुप में अलग-अलग जिम्मेदारियां निभा रहे हैं।
नोएल टाटा को टाटा ग्रुप की विरासत को संभालने के लिए सबसे मजबूत दावेदार के तौर पर देखा जा रहा था। टाटा ग्रुप की कई कंपनियों में नोएल टाटा पहले से कामकाज देख रहे हैं और टाटा परिवार से भी हैं। नोएल फिलहाल Trent, Voltas, Tata Investment Corporation और Tata International के चेयरमैन हैं। वह टाटा स्टील और टाइटन में वाइस चेयरमैन भी हैं। ऐसा कहा जाता है कि नोएल और रतन टाटा के बीच कई सालों तक प्रोफेशनल रिश्ता था। नोएल को 2019 के आखिर में सर रतनजी टाटा ट्रस्ट का ट्रस्टी बनाया गया था और 2022 में वह सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट में शामिल हुए।
टाटा संस के पूर्व बोर्ड सदस्य आर गोपालकृष्णन ने नोएल को ‘बहुत अच्छा और समझदार आदमी’ बताया है। उन्होंने कहा, ‘वह ट्रस्ट के लिए बहुत अच्छा काम करेंगे। वे अपने व्यवसाय और उद्यमशीलता कौशल के साथ, टाटा ट्रस्ट को और आगे लेकर जाएंगे। नोएल टाटा, 2014 से ट्रेंट लिमिटेड के अध्यक्ष रहे हैं। इससे पहले उन्होंने 2010 से 2021 तक टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड को लीड किया था।
रतन टाटा के सौतेले भाई हैं नोएल
बता दें कि 67 साल के नोएल टाटा, रतन टाटा के सौतेले भाई हैं। पिता नवल टाटा और सिमोन टाटा के बेटे हैं। क्योंकि रतन टाटा के अपने सगे भाई जिम्मी टाटा बिजनेस से दूर रहते हैं, इसलिए रतन टाटा के निधन के बाद नोएल टाटा को उनकी जगह पर चेयरमैन बनाया गया। नया पद मिलने से पहले नोएल टाटा दोनों ट्रस्टों के मेंबर थे। वर्तमान में टाटा ग्रुप की सबसे बड़ी कंपनी टाटा सन्स के चेयरमैन N चंद्रशेखरन हैं। ट्रेंट कंपनी की चेयरमैन नोएल टाटा की मां सिमोन टाटा हैं।
पूरे टाटा ग्रुप के ऊपर 2 ट्रस्ट हैं, जिनकी कमान टाटा परिवार के हाथ में ही रहती है। इन्हीं दोनों ट्रस्ट के चेयरमैन रतन टाटा थे और बुधवार रात रतन टाटा के निधन के बाद नोएल टाटा को चेयरमैन बना दिया गया है।
-
आध्यात्म2 days ago
नवरात्रि के सातवें दिन होती है मां कालरात्रि की पूजा, जानिए मां कैसे होंगी प्रसन्न
-
नेशनल1 day ago
रतन टाटा के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
-
आध्यात्म1 hour ago
dussehra 2024: दशहरे के दिन करें ये काम, होगी धन प्राप्ति
-
नेशनल2 days ago
नायब सिंह सैनी ने दिल्ली में PM मोदी से की मुलाकात, बोले- ये केवल शिष्टाचार भेंट
-
नेशनल2 days ago
हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राहुल गांधी को बताया “पनौती”
-
नेशनल3 days ago
हरियाणा में बीजेपी की हैट्रिक, कांग्रेस को भारी पड़ी गुटबाजी
-
मनोरंजन3 days ago
सिंगर तुलसी कुमार के साथ हुआ हादसा, शूटिंग के दौरान गिरा होर्डिंग, कमर में लगी चोट
-
नेशनल1 day ago
दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का निधन, 86 साल की उम्र में ली अंतिम सांस