झारखंड में तमाम चुनौतियों के बीच सीमित संसाधनों में यहां के बेटे और बेटियां आज खेल की दुनिया में अपने शानदार प्रदर्शन से राज्य और देश का नाम रोशन कर रहे हैं। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम का प्रतिनिधित्व करने वाली सलीमा टेटे और निक्की प्रधान के सम्मान में आयोजित सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए यह बातें कहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की इन दो बेटियों ने टोक्यो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन किया। भारतीय महिला हॉकी टीम भले ही मेडल जीतने से चूक गई हो, लेकिन इन्होंने दुनिया के बेहतरीन हॉकी खेलने वाले देशों के खिलाफ जिस तरह का प्रदर्शन किया, वह किसी मेडल से कम नहीं है। मुख्यमंत्री ने इन बेटियों को बेहतरीन खेल के लिए शुभकामनाएं देते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
मुख्यमंत्री ने निक्की प्रधान और सलीमा टेटे को 50-50 लाख रुपये का चेक, एक-एक स्कूटी, लैपटॉप और स्मार्ट फोन दे कर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन दोनों को उनकी इच्छा के मुताबिक वाले शहर में लगभग तीन हजार स्क्वायर फीट का मकान सौगात के रूप में सरकार देगी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इन दोनों बेटियों ने सीमित संसाधनों के बीच अपना मुकाम बनाया है, यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। हमें अपने इन बेटियों पर गर्व है। लेकिन, हम खेल और खिलाड़ियों के प्रति सम्मान और संवेदनशीलता के साथ पेश आएं इसका पूरा ध्यान रखना होगा, ताकि ये भविष्य में और बेहतर प्रदर्शन कर सकें और प्रतिभावान खिलाड़यों को इनसे प्रेरणा मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य अब खेलों में भी अपनी अलग पहचान बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस दिशा में खेल और खिलाड़ियों के हित में सरकार चरणबद्ध तरीके से कदम उठा रही है। अभी तो शुरुआत है और आने वाले दिनों में और तेजी आएगी। राज्य गठन के बाद पहली बार खेल पदाधिकारियों की नियुक्ति हुई। राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़यों की सीधी नियुक्ति हो रही है। अबतक चालीस खिलाड़ियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया जा चुका है। खिलाड़ियों को पुरस्कृत और सम्मानित किया जा रहा है। हर पंचायत में खेल मैदान विकसित किए जा रहे हैं। एस्ट्रो टर्फ स्टेडियम बनाए जा रहे हैं। इसका मकसद यही है कि यहां के बेटे-बेटियों के हुनर को निखारने के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध हों।