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गौतम अडानी इजरायल की कंपनी के साथ मिलकर महाराष्ट्र में लगाएंगे 10 अरब डॉलर की लागत से सेमीकंडक्टर प्लांट

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नई दिल्ली। अरबपति कारोबारी गौतम अडानी का अडानी समूह और इजरायल का टावर सेमीकंडक्टर महाराष्ट्र में 10 अरब डॉलर (83 हजार करोड़ रुपये) की लागत से सेमीकंडक्टर प्लांट लगाएंगे। अडानी समूह अभी तक बंदरगाह, ट्रांसमिशन, सीमेंट और कोयला कारोबार में हैं और चिप निर्माण के क्षेत्र में कदम रखना उनके समूह के लिए बिल्कुल नया अनुभव होगा। महाराष्ट्र सरकार ने हाई टेक्नोलॉजी वाले चार विशाल प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है, जिनमें अडानी ग्रुप का टावर सेमीकंडक्टर के साथ साझेदारी वाला प्रोजेक्ट भी शामिल है। इन प्रोजेक्ट्स में कुल 1.17 लाख करोड़ रुपये का निवेश होने की उम्मीद है और करीब 29,000 रोजगार अवसरों का सृजन होगा।

अधिकारियों ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल की उद्योग विभाग संबंधी उप-समिति की गुरुवार शाम को हुई बैठक में इन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की तरफ से शुक्रवार को जारी बयान में कहा गया कि इन परियोजनाओं के तहत सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में निवेश होगा। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि ये परियोजनाएं स्थानीय आपूर्ति शृंखला को मजबूत बनाने में मदद करेंगी और प्रौद्योगिकी नवोन्मेष, शोध एवं विकास को बढ़ावा देंगी। शिंदे ने कहा, ‘‘इन परियोजनाओं से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योग (एमएसएमई) से जुड़े हितधारकों को मदद मिलेगी और स्थानीय श्रम शक्ति को प्रशिक्षण एवं कौशल विकास के अवसर मिलेंगे।’’

बयान के मुताबिक, अडानी समूह इजराइली कंपनी टावर सेमीकंडक्टर के साथ मिलकर एक विशाल सेमीकंडक्टर विनिर्माण परियोजना स्थापित करेगा। परियोजना के पहले चरण में 58,763 करोड़ रुपये और दूसरे चरण में 25,184 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इस परियोजना पर कुल निवेश 83,947 करोड़ रुपये का होगा जिससे 15,000 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। विविध कारोबारों में सक्रिय अडानी समूह का सेमीकंडक्टर विनिर्माण के क्षेत्र में यह पहला कदम होगा। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर कहा कि अडानी-टावर गठजोड़ मुंबई के बाहरी इलाके तलोजा में यह चिप निर्माण संयंत्र लगाएगा।

 

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बिजनेस

फिनटेक फर्म भारतपे और अशनीर ग्रोवर के बीच विवाद खत्म, दोनों पक्षों में हुआ समझौता

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नई दिल्ली। फिनटेक फर्म भारतपे और उसके पूर्व को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर के बीच समझौता हो गया है। इस समझौते के साथ ही दोनों के बीच लंबे समय से चला आ रहा विवाद भी खत्म हो गया है। फिनटेक कंपनी भारतपे ने सोमवार को कहा कि उसके पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर किसी भी रूप में कंपनी से नहीं जुड़ेंगे और न ही उनके पास कंपनी के कोई शेयर होंगे। भारतपे ने बयान में कहा कि भारतपे ने अपने पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर के साथ एक निश्चित समझौता किया है। यानी कुल मिलाकर अब विवाद पर पूर्ण विराम लग गया है.

बता दें कि विवादों के चलते मार्च 2022 में अशनीर को कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से निकाल दिया गया था। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ दायर कानूनी मामलों को वापस लेने का फैसला लिया है। भारतपे ने इस मामले में एक बयान जारी किया है. कंपनी ने बयान में लिखा- भारतपे का फोकस, प्रॉफिट के साथ ग्राहकों को बेहतर सुविधाएं देने पर रहेगा. हमारी तरफ से अशनीर ग्रोवर को शुभकामनाएं।

 

क्या बोले अशनीर ग्रोवर?

मैं भारतपे के साथ एक निर्णायक समझौते पर पहुंच गया हूं। मैं प्रबंधन और बोर्ड पर अपना भरोसा रखता हूं, जो भारतपे को सही दिशा में आगे ले जाने के लिए बेहतरीन काम कर रहे हैं। मैं कंपनी के विकास के साथ लगातार जुड़ा हुआ हूं। मैं अब किसी भी पद पर भारतपे से नहीं जुड़ा रहूंगा, न ही कैपिटल टेबल का हिस्सा बनूंगा। मेरे शेष शेयरों का प्रबंधन मेरे फैमिली ट्रस्ट द्वारा किया जाएगा। दोनों पक्षों ने दायर मामलों को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। मुझे उम्मीद है कि भारतपे अपने सभी हितधारकों के लाभ के लिए आगे बढ़ता रहेगा और सफल होता रहेगा।

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