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गुजरात: सफल हो रहा है भाजपा का ‘अल्पसंख्यक मित्र’ प्लान, 300 मुस्लिम शामिल
अहमदाबाद। गुजरात विधानसभा चुनाव से पूर्व ही राज्य की दोनों मुख्य राजनीतिक पार्टियां भाजपा व कांग्रेस वोटों के गुणा-गणित में जुट गईं है। चुनाव में भले ही अभी तीन महीने की देरी है, लेकिन प्रचार जोर पकड़ चुका है साथ ही पार्टियां अपना जनाधार बढ़ाने में भी जुटी हैं।
इसी क्रम में, भरूच में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं समेत करीब 300 मुस्लिम मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए। बीजेपी विधायक अरुणसिन्ह राणा ने नए सदस्यों का स्वागत किया। ये मुस्लिम नेता भाजपा में ऐसे समय पर शामिल हुए हैं जब पार्टी ‘अल्पसंख्यक मित्र’ प्लान पर काम कर रही है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, भरूच से करीब 19 किलोमीटर दूर अधिकांश मुस्लिम आबादी वाले बमबुसर गांव में यह समारोह हुआ जिसमें भाजपा के महासचिव दिग्विजय सिंह चुडासमा, बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के नेता सलीम खान पठान और मुस्तफा खोडा शामिल थे।
विधायक राणा ने मुसलमानों के पार्टी से जुड़ने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, ”मैं रोमांचित हूं क्योंकि मुसलमानों ने बीजेपी में शामिल होने के लिए हमसे संपर्क करना शुरू कर दिया है। भरूच कांग्रेस का मजबूत गढ़ था, लेकिन लोग अब उस पार्टी को छोड़कर भाजपा में शामिल हो रहे हैं, क्योंकि उन्हें विकास चाहिए।”
गांव के एंट्री गेट पर भाजपा का झंडा लगाया गया। भाजपा के नए सदस्य बमबुसर गांव के अलावा वेलदिया, वालेज, सेगवा, काहन, चिपोन, लुवारा, जानोद समरोद, कोठी गांव के हैं। राणा ने कहा, ”बीजेपी का लक्ष्य है सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास। यदि कोई हमसे संपर्क करता है तो हम विकास कार्यों के लिए तैयार हैं।”
भरूच जिले में विधानसभा का पांच सीटें हैं। वागरा, भरूच, अंकलेश्वर, झागडिया और जंबुसर, जिनमें एक भी मुस्लिम विधायक नहीं। 2017 में जंबुसर से कांग्रेस के उम्मीदवार संजयभाई सोलंकी जीते, भारतीय ट्राइबल पार्टी के छोटूभाई वसावा झागडिया से, बीजेपी के ईश्वर पटेल, दुष्यंत पटेल और अरुणसिंह राणा अंकलेश्वर, भरूच और वागरा सीट से जीते।
भरूच कांग्रेस के अध्यक्ष परीमलसिंह राणा ने कहा, ”हमने पाया किया जो भाजपा में शामिल हुए वे कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं। हम इसके पीछे की वजह पता कर रहे हैं। हमने जिला कांग्रेस कमिटी में एक टीम बनाई है जो कार्यकर्ताओं की बात सुनेगी और कुछ समाधान पेश करेगी।”
उन्होंने कहा कि बीजेपी में शामिल होने वालों में काहन गांव के सरपंच मुबारक बोदर, मच्छ गांव के पूर्व सरपंच याकूब काला और बमबुसर के उपसरपंच हाफिज फरीद शामिल हैं। उन्होंने माना कि ये कांग्रेस के लंबे समय से समर्थक थे।
क्या है गुजरात में अल्पसंख्यक मित्र वाला प्लान
27 साल से गुजरात की सत्ता पर काबिज भाजपा जहां एक तरफ अपने कोर वोटर्स को एकजुट रखने की कोशिश में जुटी है तो दूसरी तरफ अल्पसंख्यक वोटर्स को भी अपने पाले में लाने की कोशिश में जुटी है। पीएम मोदी के गृहराज्य में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने मुसलमानों को जोड़ने के लिए उन सभी विधानसभा क्षेत्र में कम से कम 100 ‘अल्पसंख्यक मित्र’ बनाए हैं, जहां मुसलमानों की आबादी ज्यादा है।
अल्पसंख्यक समुदाय खासकर मुस्लिम समाज से भी लोगों को बूथ कमिटी में रखा जा रहा है। इन विधानसभा क्षेत्रों में कम से कम 100 ऐसे मुस्लमानों को पार्टी से जोड़ा जा रहा है, जो गैर राजनीतिक पृष्ठभूमि से हैं और पार्टी के प्रति सहानुभूति रखते हैं। वे धार्मिक गुरु हो सकते हैं, पेशेवर या उद्यमी हो सकते हैं। सभी अल्पसंख्यक मित्र से आसपास के 50 मुस्लिम वोट बीजेपी के लिए सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी दी जाएगी।
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स्वच्छ, सुरक्षित और सुव्यवस्थित महाकुम्भ के लिए प्रधानमंत्री जी देंगे ₹7000 करोड़ से अधिक का उपहार: मुख्यमंत्री
प्रयागराज- विश्व के सबसे बड़े आध्यत्मिक-सांस्कृतिक समागम ‘प्रयागराज महाकुम्भ’ के औपचारिक शुभारंभ से पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रयागराज को ₹7000 करोड़ से अधिक का उपहार भेंट करने जा रहे हैं। 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री का प्रयागराज दौरा प्रस्तावित है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री जी पावन त्रिवेणी संगम का पूजन कर नवनिर्मित भरद्वाज आश्रम कॉरीडोर और श्रृंगवेरपुर धाम कॉरीडोर का लोकार्पण करेंगे।
शनिवार को प्रयागराज पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 13 दिसंबर के कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2019 के कुम्भ में राज्य सरकार ने अपने मद से 2406.65 करोड़ का व्यय किया था। पूरी दुनिया में इस महाआयोजन के प्रबंधन की प्रशंसा हुई थी। तीर्थयात्रियों की सुविधा और ‘सनातन गर्व महाकुम्भ’ की महत्ता के दृष्टिगत इस बार इसे और विस्तार दिया गया है। इस वर्ष महाकुम्भ के लिए राज्य सरकार की ओर से 5496.48 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है, जबकि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने अतिरिक्त 2100 करोड़ रुपये का सहयोग प्रदान किया है। बजट की कोई कमी नहीं है, इसलिए व्यवस्था में कहीं किसी प्रकार का अभाव नहीं होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि विभिन्न राज्यों की ओर से महाकुम्भ में अपने शिविर स्थापित करने के अनुरोध मिल रहे हैं, इस संबंध में यथोचित निर्णय तत्काल हो जाए। इसी प्रकार, महाकुंभ के दौरान ब्रह्मलीन होने वाले साधु-संतों की समाधि के लिए प्रयागराज में भूमि आरक्षित कर दी जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 2019 कुंभ में कुल 5,721 संस्थाओं का सहयोग लिया गया था, जबकि महाकुंभ में लगभग 10 हजार संस्थाएं एक उद्देश्य के साथ कार्य कर रही हैं। 4000 हेक्टेयर में विस्तारित 25 सेक्टरों में बंटे महाकुंभ मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत सभी आवश्यक प्रबंध किए जा रहे हैं। 12 किमी लंबाई के घाट, 1850 हेक्टेयर में पार्किंग, 450 किमी चकर्ड प्लेट, 30 पांटून पुल, 67 हजार स्ट्रीट लाइट, 1,50,000 शौचालय, 1,50,000 टेंट के साथ ही 25 हजार से अधिक पब्लिक एकोमडेशन की व्यवस्था की जा रही है। पौष पूर्णिमा, मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, माघ पूर्णिमा और महाशिवरात्रि के विशेष स्नान पर्व पर सुरक्षा और सुविधा के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार की गई है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महाकुम्भ में हर श्रद्धालु को अविरल-निर्मल गंगा में स्नान सुलभ हो, इसके लिए राज्य सरकार संकल्पित है। नदी में जीरो डिस्चार्ज सुनिश्चित किया जा रहा है।
जारी निर्माण परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सूबेदारगंज ब्रिज, हनुमान मंदिर (फेज-1) सभी चिह्नित 16 क्रिटिकल रोड से जुड़े कार्य, रिवर फ्रंट रोड, फाफामऊ-सहसो रोड, सभी 04 थीम आधारित गेट, 84 स्तंभ, मनकामेश्वर मंदिर और अलोपशंकरी मंदिर के अधूरे कार्य प्रत्येक दशा में 10 दिसंबर तक पूरे हो जाने चाहिए। मुख्यमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि टाइमलाइन के दबाव में कार्य की गुणवत्ता से समझौता नहीं होना चाहिए।
रेलवे के प्रतिनिधियों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुम्भ में आने वाले तीर्थयात्री और पर्यटक काशी और अयोध्याधाम का भी दर्शन करने जाएंगे। इसके अलावा, चित्रकूट की ओर भी बड़ी संख्या में लोगों के जाने की संभावना है। ऐसे में इन पवित्र स्थलों को कनेक्ट करते हुए ट्रेनों की उपलब्धता की जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने महाकुम्भ से जुड़ी तैयारियों के लिए डेडलाइन तय करते हुए निर्देश दिया कि 10 दिसंबर तक सारे काम पूरे कर लिए जाएं। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ विश्व को सनातन भारतीय संस्कृति से साक्षात्कार कराने का सुअवसर है। यह स्वच्छता, सुरक्षा और सुविधा का मानक भी होगा। सीएम योगी ने निर्देश दिया कि महाकुम्भ को देखते हुए 7000 से अधिक बसें लगाई जाएंगी। यहां डेढ़ लाख से अधिक शौचालय स्थापित किए जाएंगे। स्वच्छता पर जोर देते हुए सीएम ने निर्देश दिया कि 10 हजार कर्मचारियों की तैनाती कर यहां की सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखा जाए।
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