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ज्ञानवापी: हिंदू सेना ने SC में दायर की दखल याचिका, पक्षकार बनाने की मांग

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Gyanvapi case

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नई दिल्ली। वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे को चुनौती देने वाली अंजुमन मस्जिद कमेटी द्वारा दायर याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। इस बीच हिंदू सेना ने भी इस मामले में उसे पक्षकार (intervener)  बनाने के लिए याचिका दायर कर दी है।

हिंदू सेना का यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यदि इजाजत मिलती है तो सुनवाई के दौरान शीर्ष कोर्ट में मुस्लिम पक्ष के साथ ही हिंदू पक्ष भी मामले में दखल दे सकेगा।

हिंदू सेना के वकील सुनवाई के दौरान मौजूद रहेंगे

हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि ज्ञानवापी मसले पर अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद प्रबंध समिति वाराणसी की याचिका की सुनवाई में उन्हें भी पक्षकार बनाया जाए।

जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की बेंच ने उनसे कहा कि वह भी सुनवाई के दौरान मौजूद रहें। समझा जा रहा है कि दोपहर एक बजे शीर्ष कोर्ट में यह सुनवाई होगी। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ इस मामले को सुनेगी।

हिंदू सेना ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में दखल याचिका (intervention application) दायर करने के साथ ही उसे भी अंजुमन की अपील पर सुनवाई के दौरान हस्तक्षेपकर्ता के रूप में पक्ष रखने का मौका दिया जाए।

अंजुमन कमेटी ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे पर रोक लगवाना चाहती है। हालांकि निचली कोर्ट के निर्देश पर सर्वे का काम पूरा हो चुका है।

दोनों पक्षों के अपने-अपने दावे

दो दिन से जारी गहमागहमी के बीच ज्ञानवापी परिसर में अभी तक हुए सर्वे को लेकर हिंदू और मुस्लिम पक्षों ने अपने-अपने दावे किए हैं। दरअसल, ज्ञानवापी मस्जिद और विश्वेवश्वर नाथ मंदिर विवाद मामले में सोमवार को भी इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई जारी रही।

मंदिर पक्ष की ओर से कोर्ट को बताया गया कि निचली अदालत के आदेश पर कराए जा रहे सर्वे में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर शिवलिंग मिला है।

इसके अलावा मंदिर से जुड़ी कई अन्य चीजें भी सामने आईं हैं। निचली अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद के उस एरिया को सील करा दिया है, जहां शिवलिंग मिलने का दावा किया गया था। करीब एक घंटे तक चली सुनवाई में केवल मंदिर पक्ष की ओर से तथ्य पेश किए गए।

कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 20 मई की तिथि निर्धारित की है। उस दिन याची पक्ष यानी अंजुमन इंतजामिया अपना पक्ष प्रस्तुत करेगी।

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दिल्ली में होगी मैतेई और कुकी समुदाय की पहली बैठक, हिंसा में अब तक 220 से ज्यादा की हो चुकी है मौत

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नई दिल्ली। पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में जारी हिंसा को एक साल से ज्यादा समय हो गया है। आज मैतेई और कुकी समुदाय पहली बार बैठक करेंगे। देश की राजधानी दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्रालय की अध्यक्षता में यह मीटिंग होगी और दोनों समुदायों के विधायक और नेता इसमें शामिल होंगे। बता दें कि पिछले साल तीन मई को राज्य में जातीय हिंसा शुरू हुई थी।

गृह मंत्रालय का प्रयास है कि हिंसा का शांतिपूर्वक हल निकाला जा सके। 23 मई 2023 के बाद से हिंसा में अब तक 220 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है ओर 1000 से अधिक लोग घायल हुए हैं। साथ ही 60 हजार से अधिक लोग बेघर हो चुके हैं। बेघर हुए अधिकतर लोग शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं। बता दें कि मई-2023 के बाद से कुछ समय की शांति के बाद राज्य में नए सिरे से कई दफा हिंसा भड़क चुकी है।

नगा समुदाय के तीन विधायक भी होंगे शामिल

नगा समुदायों के विधायकों को भी बैठक में बुलाया गया है। तीन नगा एमएलए मीटिंग में शामिल होंगे। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि मैतेई और कुकी के कितने एमएलए मीटिंग में भाग लेंगे। बैठक में आने वाले 3 नगा विधायकों में राम मुइवा, अवांगबोउ न्यूमाई और एल. दीको हैं और ये मणिपुर में सत्तारूढ़ बीजेपी के सहयोगी नगा पीपुल्स फ्रंट के मेंबर हैं।

 

 

 

 

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