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उत्तराखंड

हैंडपम्प दूर करेंगे पेयजल संकट

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उत्‍तराखण्‍ड में हैंडपम्प दूर करेंगे पेयजल संकट

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उत्‍तराखण्‍ड में हैंडपम्प दूर करेंगे पेयजल संकट

नैनीताल। सूखे से बेहाल ग्रामीणों के लिए पानी संकट को दूर करने के लिए अब पेयजल विभाग को अपने खराब हैण्डपम्पों की याद आने लगी है। ग्रामीणों को पेयजल आपूर्ती देने के लिए नैनीताल जल संस्थान उन सभी हैण्डपम्पों को ठीक करने जा रहा है जो सड़क के किनारों पर लगे है। इसके लिए जल संस्थान ने विभाग के कई नम्बरों को जनता के लिए खोला है जिन पर लोग अपनी समस्या दे सकते हैं। जल संस्थान के अधिशासी अभियंता जयदीप चैधरी ने बताया की सूखे से काफी योजनाएं बंद हो गई हैं लेकिन अब उनका ध्यान पानी आपूर्ती के लिए हैण्ड पम्पों को ठीक कराने पर है।

उन्होंनेे कहा है कि इसके लिए एक कर्मचारी को भी तैनात कर दिया गया है जो खराब हैण्डपम्पों को ठीक करेगा। गर्मी की मार कुछ ऐसी है कि इस बार नैनी सरोवर सूखे की चपेट में है। अभी जून का महीना दूर है इसके बावजूद झील के सिकुड़ने का सिलसिला अभी से शुरू हो गया है। झील के पानी में लगातार आ रही गिरावट के चलते पीने के पानी का संकट खड़ा होने लगा है। सूखे की मार इस बार झील में अभी से दिखाई दे रही है। झील का स्तर पिछले 30 सालों के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच चुका है।

हालत यह है कि झील के सिकुड़ने के चलते सरोवर में ही बड़े मैदान बनने लगे हैं। कुदरती खुबसूरती पर ऐसा ग्रहण लगा है कि जहां पर्यटकों की नौकाएं अठखेलियां करती थीं, अब वहां डेल्टा उभर आए हैं। यही नहीं बोट स्टैण्ड भी अपनी जगह छोड़ चुके हैं। गौरतलब है कि करीब 50 हजार लोगों की आबादी वाले नैनीताल में प्रतिदिन 10 लाख लीटर पानी की खपत होती है। मई-जून के सीजन के दौरान ये मांग बढ़कर 18 लाख लीटर रोजाना हो जाती है। जीवनदायिनी मानी जाने वाली झील के सूखने से पेयजल आपूर्ति की चिंता पेयजल विभाग को भी सताने लगी है।

 

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उत्तराखंड

चारधाम यात्रा में 31 मई तक VIP दर्शन पर रोक, ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन 19 मई तक बंद

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हरिद्वार। अगर आप भी चारधाम यात्रा पर जा रहे हैं तो ये खबर आपके लिए काफी अहम है। चारधाम यात्रा में VIP दर्शन व्यवस्था पर रोक लगा दी गई है। लोग 31 मई तक VIP सिस्टम के तहत दर्शन नहीं कर पाएंगे। वहीं ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन भी 19 मई तक बंद रहेंगे। खराब मौसम और श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।

चार धाम यात्रा 10 मई को शुरू हुई थी। छह दिन में ही देश-विदेश के 3,34,732 श्रद्धालु इनके दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं। उत्तराखंड सरकार ने यात्रा के लिए 25 अप्रैल से चारधामों के लिए पंजीकरण शुरू किया और गुरुवार तक 27 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पंजीकरण हो गए।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने पत्र जारी कर 31 मई तक वीआईपी दर्शन पर रोक लगा दी है। यह भी कहा है कि धामों में सुगम दर्शन के लिए सरकार ने श्रद्धालुओं का पंजीकरण अनिवार्य किया है। अब दर्शन उसी दिन होंगे जिस तिथि का पंजीकरण किया गया है। इससे पहले 30 अप्रैल को राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर 25 मई तक वीआईपी दर्शन की व्यवस्था पर रोके जाने का आदेश दिया था।

50 मीटर में रील्स बनाने पर प्रतिबंध

उत्तराखंड सरकार ने भीड़ प्रबंधन की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इसमें 50 मीटर के दायरे में चारों धामों के मंदिर के परिसर में रील्स बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही सोशल मीडिया लाइव आदि पर भी रोक लगा दी गई है। सरकार ने कहा है कि कुछ यात्रियों द्वारा मंदिर परिसर में वीडियो एवं रील बनायी जाती है और उन्हें देखने के लिए एक स्थान पर भीड़ एकत्रित हो जाती है जिससे श्रद्धालुओं को दर्शन करने में असुविधा होती है ।

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