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आध्यात्म

Hartalika Teej 2018 : जानिए साल की सबसे बड़ी तीज का महत्व!

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साल में चार बार तीज आती हैं, जिनमें से हरियाली, कजली और हरतालिका तीज का काफी महत्व है। हरतालिका तीज पर महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और भगवान से अखंड सौभाग्‍यवती रहने का आशीर्वाद मांगती हैं। कुंवारी लड़कियां मनचाहे वर के लिए कठिन व्रत रखती हैं। इस साल हरतालिका व्रत 12 सितंबर को पड़ रहा है।

तीज पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा – तीज पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विशेष महत्व है। वास्तव में यह दिन माता पार्वती को समर्पित है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार माता पार्वती ने तृतीया तिथि को ही भगवान शिव को पुनः प्राप्त किया था

मां पार्वती के रूप में पुनर्जन्म लेकर माता सती ने घोर तपस्या के बाद भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त किया था। इसलिए शादीशुदा महिलाएं इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करके पति की लंबी उम्र और सौभाग्य का वरदान मांगती हैं और कुंवारी लड़कियां मनचाहा वर प्राप्त करने के लिए ये व्रत रखती हैं।

हरतालिका तीज का महत्व – हरतालिका तीज को सभी तीजों में सबसे महत्वपूर्ण और लाभदायक माना जाता है। यह तीज भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। हरतालिका तीज को बड़ी तीज व्रत भी कहा जाता है।

यह व्रत एक सूर्योदय से लेकर दूसरे सूर्योदय तक चलता है और रात में महिलाएं जागकर गौरी माता के गीत गाती हैं।  इसे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड, राजस्थान और बिहार के क्षेत्रों में बड़ी श्रद्धा से मनाया जाता है।

 

आध्यात्म

नवरात्रि में करें इस मंत्र का जाप, हर मनोकामना होगी पूरी

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लखनऊ। शक्ति उपासना का पर्व नवरात्र आज से शुरू चुका है। आज से नौ दिन तक मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाएगी। मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए नौ दिनों तक पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना करते हैं।

एस्ट्रोलॉजर सरिता गुप्ता के मुताबिक, नवरात्रि में नवार्ण मंत्र का जाप किया जाए तो भक्त की हर मनोकामना पूरी होगी। नवार्ण मंत्र मां दुर्गा का सबसे शक्तिशाली मंत्र है, जिसका जाप करने से हर बिगड़ा हुआ काम बन जाएगा और आपको सफलता मिलेगी। नवार्ण मंत्र में नौ ग्रहों को नियंत्रित करने और मां दुर्गा के तीनों रूपों की एक साथ साधना का प्रभाव समाहित है। इसलिए इसे सबसे शक्तिशाली महामंत्र कहा गया है। इस मंत्र का जाप करने से मां भगवती का पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है।

नवार्ण मंत्र:

नवार्ण मंत्र- ‘ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे’ की शक्ति अपार है। इसमें मां जगदम्बा की शक्ति समाई हुई है। इसका अनुष्ठान करने वाले साधक की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यह सरल है और शीघ्र सिद्ध होता है। इस मंत्र में ‘ऐं’ मां सरस्वती का, ‘ह्रीं’ मां लक्ष्मी या भुवनेश्वरी का तथा ‘क्लीं’ मां काली का प्रतीक है। इन बीज मंत्रों में इन देवियों की शक्तियां समाई हैं। नवार्ण मंत्र की साधना धन-धान्य, सुख-समृद्धि आदि सहित सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती है। अनुष्ठान यदि बिना विशेष कामना के भी किया जाय तो मां दुर्गा साधक को सभी सुख स्वत: प्रदान कर देती हैं। यदि इसकी मौन एवं दीर्घकालिक साधना की जाय तो वाक्सिद्धि प्राप्त होती है।

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