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प्रादेशिक

किसानों के कल्याण के लिए लगातार काम कर रही है हरियाणा सरकार: नायब सिंह सैनी

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चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि शंभू बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन में हरियाणा के नहीं, बल्कि पंजाब के किसान ज्यादा हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा के किसानों के लिए हमारी सरकार बहुत कुछ कर रही है। चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार किसानों के कल्याण के लिए लगातार काम कर रही है और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा सरकार किसानों के लिए कई अहम कदम उठा रही है और प्रदेश के सभी किसानों की फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 100 फीसदी खरीदी जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा सरकार का उद्देश्य किसानों को मजबूत करना और उनकी स्थिति में सुधार लाना है।

किसानों के दिल्ली कूच पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब के किसान आंदोलन में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने पंजाब सरकार से अपील की कि किसानों की समस्याएं सुनी जाएं और उनका समाधान किया जाए। सीएम सैनी ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से आग्रह किया कि वह किसानों की समस्याओं को सुनने के लिए खुद जाएं और उनके समाधान के लिए ठोस कदम उठाएं। उन्होंने उम्मीद जताई कि पंजाब के मुख्यमंत्री उनकी बात सुनेंगे और किसानों के मुद्दों पर उचित कदम उठाएंगे।

हरियाणा के कांग्रेस सांसदों के संसद में प्रदर्शन पर तंज कसते हुए सीएम सैनी ने कहा कि विपक्ष राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि किसानों के मुद्दों को राजनीति का विषय नहीं बनाना चाहिए। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस को बताना चाहिए कि उनके शासनकाल में किसानों के लिए क्या सुधार किए गए थे।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस आज राजनीति कर रही है और किसानों की वास्तविक समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है। कांग्रेस की इसी गंदी राजनीति के कारण पार्टी का प्रभाव धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। उन्होंने विपक्ष से अपील की कि वह हर मुद्दे पर राजनीति न करे और किसानों के मुद्दों को समाधान की ओर ले जाए।

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झारखण्ड

झारखंड में बदलेगी जमीन राजस्व वसूली की व्यवस्था

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रांची। झारखंड के राजस्व मंत्री दीपक बिरुआ ने गुरुवार को संबंधित अधिकारियों से कहा कि वे दाखिल-खारिज समेत भूमि संबंधी कार्यों को सेवा के अधिकार कानून के तहत लाएं, ताकि ये सेवाएं समय पर प्रदान की जा सकें। उन्होंने जनता की सुविधा तथा राजस्व संग्रहण में सुधार के लिए भूमि संबंधी सेवाओं को सुदृढ़ बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

राज्य के भूमि एवं राजस्व मंत्री बिरुआ परियोजना भवन में स्थित अपने कार्यालय में सभी प्रमंडलीय आयुक्तों और विभागीय सचिव के साथ ऑनलाइन बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि फिलहाल लोगों को भूमि रसीद प्राप्त करने में असुविधा होती है और उन्हें अक्सर अदालतों व कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, बिरुआ ने कहा, ‘‘इस समस्या से निपटने के लिए लोगों को जल्द ही बार कोड प्रणाली की सुविधा दी जाएगी, जिससे निवासी सीधे अपने मोबाइल फोन के माध्यम से भूमि रसीद प्राप्त कर सकेंगे। इससे लोगों के कई स्थानों पर जाने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी।’’

बैठक के दौरान चाईबासा के आयुक्त ने जमशेदपुर जिले की कंपनियों से 2000 करोड़ रुपये के बकाये की वसूली के संबंध में प्रस्ताव रखा। बिरुआ ने इस मुद्दे पर संज्ञान लेते हुए कहा कि यदि ऐसे कई मामलों का समाधान हो जाए तो राज्य के राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है। उन्होंने हरमू नदी के किनारे अतिक्रमण पर चिंता व्यक्त की और अधिकारियों से नदी की रक्षा करने तथा और अधिक नुकसान को रोकने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने की अपील की।

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