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HDFC Bank ने कर्नाटक सरकार के साथ MoU पर किए हस्ताक्षर

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बैंगलोर। एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank ) ने आज कर्नाटक इनोवेशन एंड टेक्नॉलॉजी सोसायटी (किट्स), कर्नाटक सरकार के साथ एक मैमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग पर हस्ताक्षर किए। एक एमओयू के मुताबिक एचडीएफसी बैंक ‘कर्नाटक स्टार्टअप सैल’ के साथ एचडीएफसी बैंक के ‘स्मार्टअप प्रोग्राम’ के अंतर्गत रजिस्टर्ड स्टार्टअप्स को बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं प्रदान करेगा।

इस एमओयू पर हस्ताक्षर बैंगलुरू टेक समिट के 25वें संस्करण में किया गया। श्रीमती मीना नागराज सी एन, आईएएस, मैनेजिंग डायरेक्टर, कर्नाटक इनोवेशन एंड टेक्नॉलॉजी सोसायटी (केआईटीएस) और श्री अहमद जकारिया, ब्रांच बैंकिंग हेड साउथ, एचडीएफसी बैंक ने राज्य सरकार के अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर एचडीएफसी बैंक की ओर से रजनीश बरुआ, ज़ोनल हेड, ब्रांच बैंकिंग एवं श्री मिथुन जॉन, स्टार्टअप वर्टिकल हेड मौजूद थे।

‘स्मार्टअप प्रोग्राम’ एचडीएफसी बैंक का फ्लैगशिप अभियान है, जिसका उद्देश्य देश में स्टार्टअप के परिवेश को बढ़ावा देना है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्टार्ट-अप्स को बैंक के मशहूर और अत्यधिक उन्नत स्मार्ट फाईनेंशल टूल्स द्वारा अपने लक्ष्य प्राप्त करने में मदद करना है। यह कार्यक्रम भारत सरकार के ‘स्टार्टअप इंडिया’ अभियान के अनुरूप है।

बैंक किट्स के साथ जुड़ा हुआ है और इस एमओयू द्वारा इस साझेदारी को औपचारिक रूप देने की बैंक को खुशी है। एचडीएफसी बैंक पिछले 3 सालों से कर्नाटक सरकार की फ्लैगशिप स्टार्टअप ईवेंट, एलिवेट में विजेता स्टार्टअप्स का मुख्य बैंकिंग पार्टनर रहा है। बैंक ने अनेक एंजेल निवेश की कार्यशालाओं का आयोजन किया है, ताकि किट्स के साथ साझेदारी में जागरुकता बढ़ाई जा सके। इनमें से सबसे नई कार्यशाला इसी माह आयोजित की गई थी।

अहमद ज़कारिया, ब्रांच बैंकिंग हेड, साउथ, एचडीएफसी बैंक ने कहा, ‘‘एचडीएफसी बैंक राष्ट्रनिर्माण के लिए समर्पित है, और हम देश में स्टार्टअप परिवेश को सपोर्ट करने का प्रयास करते हैं। स्मार्टअप प्रोग्राम स्टार्टअप्स को संपूर्ण एंड-टू-एंड सपोर्ट प्रदान करने का हमारा एक तत्पर प्रयास है, ताकि वो अपने लक्ष्य प्राप्त करें और वृद्धि हासिल कर सकें। हम स्टार्टअप्स को उनकी बैंकिंग की जरूरतों के विस्तृत समाधान प्रदान करने के लिए किट्स के साथ गठबंधन करने के लिए उत्साहित हैं। हम मिलकर देश में स्टार्ट-अप परिवेश को बढ़ावा देने के अपने उद्देश्य के लिए काम करते रहेंगे।’’

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फिनटेक फर्म भारतपे और अशनीर ग्रोवर के बीच विवाद खत्म, दोनों पक्षों में हुआ समझौता

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नई दिल्ली। फिनटेक फर्म भारतपे और उसके पूर्व को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर के बीच समझौता हो गया है। इस समझौते के साथ ही दोनों के बीच लंबे समय से चला आ रहा विवाद भी खत्म हो गया है। फिनटेक कंपनी भारतपे ने सोमवार को कहा कि उसके पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर किसी भी रूप में कंपनी से नहीं जुड़ेंगे और न ही उनके पास कंपनी के कोई शेयर होंगे। भारतपे ने बयान में कहा कि भारतपे ने अपने पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर के साथ एक निश्चित समझौता किया है। यानी कुल मिलाकर अब विवाद पर पूर्ण विराम लग गया है.

बता दें कि विवादों के चलते मार्च 2022 में अशनीर को कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से निकाल दिया गया था। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ दायर कानूनी मामलों को वापस लेने का फैसला लिया है। भारतपे ने इस मामले में एक बयान जारी किया है. कंपनी ने बयान में लिखा- भारतपे का फोकस, प्रॉफिट के साथ ग्राहकों को बेहतर सुविधाएं देने पर रहेगा. हमारी तरफ से अशनीर ग्रोवर को शुभकामनाएं।

 

क्या बोले अशनीर ग्रोवर?

मैं भारतपे के साथ एक निर्णायक समझौते पर पहुंच गया हूं। मैं प्रबंधन और बोर्ड पर अपना भरोसा रखता हूं, जो भारतपे को सही दिशा में आगे ले जाने के लिए बेहतरीन काम कर रहे हैं। मैं कंपनी के विकास के साथ लगातार जुड़ा हुआ हूं। मैं अब किसी भी पद पर भारतपे से नहीं जुड़ा रहूंगा, न ही कैपिटल टेबल का हिस्सा बनूंगा। मेरे शेष शेयरों का प्रबंधन मेरे फैमिली ट्रस्ट द्वारा किया जाएगा। दोनों पक्षों ने दायर मामलों को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। मुझे उम्मीद है कि भारतपे अपने सभी हितधारकों के लाभ के लिए आगे बढ़ता रहेगा और सफल होता रहेगा।

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