नई दिल्ली। अफगानिस्तान के हालत दिन ब दिन खराब होते जा रहे हैं। तालिबान ने वहां कई शहरों पर कब्ज़ा कर लिया है। अब उसकी नज़रें काबुल और कांधार पर कब्ज़ा करने पर हैं। इन सबके बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि वहां की सेना को अपनी लड़ाई खुद लड़नी होगी। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के अपने फैसले पर उन्हें किसी तरह का पछतावा नहीं है।
बाइडन ने कहा, ‘हमने 20 सालों में अरबों रुपये खर्च किए। 300,000 से अधिक अफगान के सैनिकों को हमने आधुनिक हथियारों के साथ प्रशिक्षित किया और अब अफगान के नेताओं को एकजुट होना होगा। उन्हें अपने लिए और देश के लिए लड़ना होगा।’
बाइडन ने वहां के एयरफोर्स के संचालन पर जोर दिया और कहा, ‘अमेरिका की ओर से अफगान सेना को लगातार हथियारों, भेजन समेत अन्य सहयोग भी मिलता रहेगा।’ अमेरिका के सेंट्रल कमांड ने बताया कि 95 फीसद से अधिक सेनाओं की वापसी हो चुकी है। पिछले सोमवार को अफगान के राष्ट्रपति मोहम्मद अशरफ गनी ने संसद में कहा था कि हालात को बदलने के लिए काबुल के पास 6 महीने की सुरक्षा योजना थी। उन्होंने हालात खराब होने का आरोप अमेरिकी सेना की वापसी पर लगाया।