मुंबई। महाराष्ट्र में शिवसेना में पार्टी चुनाव चिन्ह और संगठन के नियंत्रण को लेकर संघर्ष तेज हो गया है। राज्यसभा सांसद संजय राउत ने साफ कर दिया है कि पार्टी चुनाव चिन्ह और संगठन के नियंत्रण को लेकर लड़ाई के लिए तैयार है। उन्होंने भाजपा पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं।
खास बात है कि पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने हाल ही में बड़ी संख्या में पदाधिकारियों की नियुक्ति की है। वहीं, राज्य के मौजूदा सीएम एकनाथ शिंदे ने भी कुछ बागी विधायकों के साथ राष्ट्रीय कार्यकारिणी गठित की है।
पत्रकारों से बातचीत के दौरान राउत ने दावा किया कि भाजपा महाराष्ट्र को तीन टुकड़ों में तोड़ने की कोशिश कर रही थी। उन्होंने भाजपा पर शिवसेना को तोड़ने की साजिश के भी आरोप लगाए। राउत ने महाराष्ट्र में बाढ़ को लेकर सीएम शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा कि वह ऐसे समय पर पार्टी के संसदीय दल को तोड़ने की कोशिश कर रहे है, जब राज्य के कुछ हिस्से बाढ़ का सामना कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कुछ सांसद और विधायक भले ही हमें छोड़कर जा रहे हों, लेकिन केवल विधायकों और सांसदों से शिवसेना नहीं बनी। शिवसैनिक भविष्य में बागियों को कोई भी चुनाव जीतना मुश्किल कर देंगे।
राउत ने शिंदे के दिल्ली दौरों पर सवाल उठाते हुए उन्हें भाजपा का मुख्यमंत्री बताया। उन्होंने कहा, ‘मुझे याद नहीं है कि कब शिवसेना के मुख्यमंत्रियों मनोहर जोशी या नारायण राणे को कैबिनेट विस्तार या दूसरी चीजों के लिए राष्ट्रीय राजधानी के चक्कर लगाने पड़े हों।’
उन्होंने ट्वीट के जरिए भी शिंदे गुट को ‘सांप’ बताया। लिखा, ‘फन कुचलने का हुनर भी सीखिए.. साफ के खौफ से जंगल नहीं छोड़ा करते.. जय महाराष्ट्र!!’ राउत का ट्वीट ऐसे समय पर आया जब पार्टी के 18 में से 12 सांसद शिंदे गुट के संपर्क में होने की खबर है।