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बिजनेस

अदाणी ग्रुप के जवाब पर हिंडनबर्ग का पलटवार- राष्ट्रवाद की आड़ में धोखे से न बचें  

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Big relief to Adani Group, SC's expert committee did not find evidence of manipulation

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नई दिल्ली। अदाणी ग्रुप के संबंध में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद बाजार में भूचाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। रिपोर्ट के असर से अदाणी समूह के शेयर 20-25 प्रतिशत तक टूटे हैं। अदाणी ने रिपोर्ट के बाद 413 पन्नों में अपनी प्रतिक्रिया दी। अब हिंडनबर्ग ने अदाणी के जवाब के बाद एक बार फिर पलटवार किया है।

अदाणी के जवाब निष्कर्षों की पुष्टि नहीं करते

हिंडनबर्ग ने कहा है कि अदाणी समूह ने जितने भी सवालों के जवाब दिए वे बड़े पैमाने पर निष्कर्षों की पुष्टि नहीं करते। सवालों से बचने की कोशिश की गई है। हिंडनबर्ग ने कहा है कि राष्ट्रवाद की आड़ में धोखे से नहीं बचा जा सकता है।

अदाणी समूह ने अपने जवाब में कहा है कि ये भारत देश, उसके संस्थान और विकास की कहानी पर सोच-समझकर किया गया हमला है। बता दें कि हिंडनबर्ग ने 106 पन्नों की एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसमें अदाणी समूह में कई गंभीर अनियमितताओं के दावे किए गए थे।

भारत एक जीवंत लोकतंत्र इसमें कोई शक नहीं

अदाणी समूह की ओर से दिए गए जवाब पर प्रतिक्रिया देते हुए शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग ने कहा कि वह मानता है कि भारत एक जीवंत लोकतंत्र और एक रोमांचक भविष्य के साथ एक उभरती हुई महाशक्ति है, पर यह अदाणी समूह है जो इसके विकास की गाथा को बाधित कर रहा है।

हिंडनबर्ग ने अदाणी समूह के इस आरोप को भी खारिज कर दिया है कि उसकी रिपोर्ट भारत पर हमला है। हिंडनबर्ग ने कहा है कि ‘धोखाधड़ी’ को राष्ट्रवाद या उसमें लिपटी प्रतिक्रिया से प्रभावित नहीं किया जा सकता है। अदाणी की ओर से दिए गए जवाब में प्रमुख आरोपों की अनदेखी की गई है।

ग्रुप को बदनाम करने के लिए गलत सूचनाओं का उपयोग

इससे पहले अदाणी समूह ने रविवार को हिंडनबर्ग की ओर से रिपोर्ट में उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए कहा था, “यह बहुत चिंता की बात है कि बिना किसी विश्वसनीयता या नैतिकता के हजारों मील दूर बैठी एक संस्था हमारे निवेशकों पर गंभीर और प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।”

अदाणी समूह की ओर से यह भी कहा गया है कि हिंडनबर्ग ने यह रिपोर्ट ऐसे समय पर जारी की है जब देश के सबसे बड़े एफपीओ की घोषणा की गई। अदाणी समूह ने कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट तैयार करने के लिए सही ढंग से रिसर्च नहीं की गई है, न ही यह रिपोर्ट स्वतंत्र है। हिंडनबर्ग ने गलत सूचनाओं का उपयोग अदाणी समूह को बदनाम करने के लिए किया है।

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फिनटेक फर्म भारतपे और अशनीर ग्रोवर के बीच विवाद खत्म, दोनों पक्षों में हुआ समझौता

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नई दिल्ली। फिनटेक फर्म भारतपे और उसके पूर्व को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर के बीच समझौता हो गया है। इस समझौते के साथ ही दोनों के बीच लंबे समय से चला आ रहा विवाद भी खत्म हो गया है। फिनटेक कंपनी भारतपे ने सोमवार को कहा कि उसके पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर किसी भी रूप में कंपनी से नहीं जुड़ेंगे और न ही उनके पास कंपनी के कोई शेयर होंगे। भारतपे ने बयान में कहा कि भारतपे ने अपने पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर के साथ एक निश्चित समझौता किया है। यानी कुल मिलाकर अब विवाद पर पूर्ण विराम लग गया है.

बता दें कि विवादों के चलते मार्च 2022 में अशनीर को कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से निकाल दिया गया था। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ दायर कानूनी मामलों को वापस लेने का फैसला लिया है। भारतपे ने इस मामले में एक बयान जारी किया है. कंपनी ने बयान में लिखा- भारतपे का फोकस, प्रॉफिट के साथ ग्राहकों को बेहतर सुविधाएं देने पर रहेगा. हमारी तरफ से अशनीर ग्रोवर को शुभकामनाएं।

 

क्या बोले अशनीर ग्रोवर?

मैं भारतपे के साथ एक निर्णायक समझौते पर पहुंच गया हूं। मैं प्रबंधन और बोर्ड पर अपना भरोसा रखता हूं, जो भारतपे को सही दिशा में आगे ले जाने के लिए बेहतरीन काम कर रहे हैं। मैं कंपनी के विकास के साथ लगातार जुड़ा हुआ हूं। मैं अब किसी भी पद पर भारतपे से नहीं जुड़ा रहूंगा, न ही कैपिटल टेबल का हिस्सा बनूंगा। मेरे शेष शेयरों का प्रबंधन मेरे फैमिली ट्रस्ट द्वारा किया जाएगा। दोनों पक्षों ने दायर मामलों को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। मुझे उम्मीद है कि भारतपे अपने सभी हितधारकों के लाभ के लिए आगे बढ़ता रहेगा और सफल होता रहेगा।

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